- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 01 मई ! रेत, बजरी और पत्थर के अवैध खनन एवं राज्य सरकार को बिना आवश्यक कर भुगतान के कारण न केवल पर्यावरण का क्षरण होता है बल्कि राजस्व का भी भारी नुकसान होता है। ऐसे में प्रदेश में वर्तमान अवैध खनन पर रोक लगाने और विभिन्न स्तरों पर अवैध खनन गतिविधियों की जांच के लिए सदस्य विभागों द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा के लिए एक कार्यबल गठित किया है। राज्य सरकार वैज्ञानिक खनन से राजस्व बढ़ाने का प्रयास कर रही है और अवैध खनन पर रोक लगाने को लेकर पूरी तरह गंभीर है। रॉयल्टी की चोरी रोकने और फॉर्म डब्ल्यू.एक्स के सरलीकरण के लिए इसे एम-परिवहन पोर्टल से जोड़ा जाएगा। लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आदि संबंधित विभागों को भी इस पोर्टल से जोड़ा जाएगा। इससे अवैध खनन पर रोक लगेगी और राजस्व हानि पर अंकुश लग सकेगा। राज्य सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न स्थानों पर ‘उड़न दस्ते’ तैनात किए हैं। बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में अवैध खनन की जांच के लिए खनन कर्मचारी ऐसे क्षेत्रों में निरंतर छापेमारी कर रहे हैं। अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए खनन विभाग के अधिकारी अंतरराज्यीय सीमाओं पर खनन माफिया द्वारा बनाई गई अवैध सड़कों को बाधित कर इनकी खड्डों तक पहुंच को रोकने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं। राज्य सरकार ने जिलों में गौण खनिजों के अवैध भंडारण एवं अनाधिकृत डीलरों द्वारा इसकी बिक्री के विरूद्ध भी सख्त कार्रवाई शुरू की है। ग्राम पंचायतों के प्रधानों को अवैध खनन के दुष्परिणामों और निजी भूमि पर खनन पट्टा देने की प्रक्रिया के बारे में ग्राम सामान्य भूमि (निहत और उपयोग) अधिनियम, 1974 के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है। विभाग ने बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण क्षेत्र में स्थानीय लोगों द्वारा अवैध खनिजों की निकासी के लिए उपयोग में लाई जा रही निजी भूमि की पहचान करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। राजस्व विभाग द्वारा इनका सीमांकन पूर्ण होते ही हिमाचल प्रदेश गौण खनिज नियम-2015 के अनुसार अवैध खनन गतिविधियों में संलिप्त लोगों पर कार्रवाई की जाएगी और दोषियों पर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 01 मई ! रेत, बजरी और पत्थर के अवैध खनन एवं राज्य सरकार को बिना आवश्यक कर भुगतान के कारण न केवल पर्यावरण का क्षरण होता है बल्कि राजस्व का भी भारी नुकसान होता है। ऐसे में प्रदेश में वर्तमान अवैध खनन पर रोक लगाने और विभिन्न स्तरों पर अवैध खनन गतिविधियों की जांच के लिए सदस्य विभागों द्वारा की गई कार्रवाई की समीक्षा के लिए एक कार्यबल गठित किया है।
राज्य सरकार वैज्ञानिक खनन से राजस्व बढ़ाने का प्रयास कर रही है और अवैध खनन पर रोक लगाने को लेकर पूरी तरह गंभीर है। रॉयल्टी की चोरी रोकने और फॉर्म डब्ल्यू.एक्स के सरलीकरण के लिए इसे एम-परिवहन पोर्टल से जोड़ा जाएगा। लोक निर्माण विभाग, जल शक्ति विभाग और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड आदि संबंधित विभागों को भी इस पोर्टल से जोड़ा जाएगा। इससे अवैध खनन पर रोक लगेगी और राजस्व हानि पर अंकुश लग सकेगा।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
राज्य सरकार ने सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध खनन पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न स्थानों पर ‘उड़न दस्ते’ तैनात किए हैं। बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ जैसे औद्योगिक क्षेत्रों में अवैध खनन की जांच के लिए खनन कर्मचारी ऐसे क्षेत्रों में निरंतर छापेमारी कर रहे हैं। अवैध खनन पर रोक लगाने के लिए खनन विभाग के अधिकारी अंतरराज्यीय सीमाओं पर खनन माफिया द्वारा बनाई गई अवैध सड़कों को बाधित कर इनकी खड्डों तक पहुंच को रोकने की दिशा में भी कार्य कर रहे हैं।
राज्य सरकार ने जिलों में गौण खनिजों के अवैध भंडारण एवं अनाधिकृत डीलरों द्वारा इसकी बिक्री के विरूद्ध भी सख्त कार्रवाई शुरू की है। ग्राम पंचायतों के प्रधानों को अवैध खनन के दुष्परिणामों और निजी भूमि पर खनन पट्टा देने की प्रक्रिया के बारे में ग्राम सामान्य भूमि (निहत और उपयोग) अधिनियम, 1974 के बारे में भी जागरूक किया जा रहा है।
विभाग ने बद्दी-बरोटीवाला-नालागढ़ विकास प्राधिकरण क्षेत्र में स्थानीय लोगों द्वारा अवैध खनिजों की निकासी के लिए उपयोग में लाई जा रही निजी भूमि की पहचान करने की प्रक्रिया भी शुरू कर दी है। राजस्व विभाग द्वारा इनका सीमांकन पूर्ण होते ही हिमाचल प्रदेश गौण खनिज नियम-2015 के अनुसार अवैध खनन गतिविधियों में संलिप्त लोगों पर कार्रवाई की जाएगी और दोषियों पर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -