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शिमला , 23 मार्च [ विशाल सूद ] ! हिमाचल में मंगलवार को आए भूकंप के झटकों के बाद नगर निगम भी अलर्ट हो गया है। नगर निगम ने शहर की कई बिल्डिंगों को नोटिस जारी किए हैं जो डेंजर जोन में हैं। क्योंकि भूंकप के लिहाज से शिमला शहर बहुत संवेदनशील है। अधिकतर इमारतें भूकंप रोधी नहीं हैं। अगर कोई बड़ा भूकंप आता है तो जान-माल की भारी क्षति हो सकती है। नगर निगम के आर्किटेक्ट प्लानर मेहबूब शेख का कहना है कि शिमला में कई बिल्डिंगे हैं जिन्हें नोटिस दिया गया है। बावजूद इसके अभी तक खाली नहीं की गई है। निगम प्रशासन अब इन मकान मालिकों के खिलाफ सख्ती से पेश आएगा। उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले शहर में भूकंप के झटकों ने यह साबित कर दिया है कि यह स्थिति दोबारा से बनेगी। उन्होंने कहा कि शिमला के दो सिंकिंग जोन में रिज, ग्रैंड होटल, लक्कड़ बाजार, सेंट्रल स्कूल, ऑकलैंड नर्सरी स्कूल, धोबीघाट, कृष्णानगर और होटल क्लार्क्स के आसपास के इलाके शामिल हैं। जहां पर कोई नई बिल्डिंग बनाना खुद विनाश को न्योता देना है। वहीं बता दें कि 25,000 की आबादी के लिए स्थापित शिमला शहर में अब 2.3 लाख लोगों के रहने का अनुमान है। इमारतों को बनाने के लिए 70 डिग्री तक की ढलानों पर अनुमति दी गई है। शिमला भूकंपीय क्षेत्र आइवी में है। भूकंप के सबसे खतरनाक जोन में होने के बाद भी यहां लापरवाही जारी है। स्थिति को ध्यान में रखते हुए, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 2017 में शिमला के मुख्य और हरित क्षेत्रों में बिल्डिंग बनाने समेत सभी निर्माण पर प्रतिबंध लगाया था। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 23 मार्च [ विशाल सूद ] ! हिमाचल में मंगलवार को आए भूकंप के झटकों के बाद नगर निगम भी अलर्ट हो गया है। नगर निगम ने शहर की कई बिल्डिंगों को नोटिस जारी किए हैं जो डेंजर जोन में हैं। क्योंकि भूंकप के लिहाज से शिमला शहर बहुत संवेदनशील है। अधिकतर इमारतें भूकंप रोधी नहीं हैं। अगर कोई बड़ा भूकंप आता है तो जान-माल की भारी क्षति हो सकती है।
नगर निगम के आर्किटेक्ट प्लानर मेहबूब शेख का कहना है कि शिमला में कई बिल्डिंगे हैं जिन्हें नोटिस दिया गया है। बावजूद इसके अभी तक खाली नहीं की गई है। निगम प्रशासन अब इन मकान मालिकों के खिलाफ सख्ती से पेश आएगा। उन्होंने कहा कि 2 दिन पहले शहर में भूकंप के झटकों ने यह साबित कर दिया है कि यह स्थिति दोबारा से बनेगी।
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उन्होंने कहा कि शिमला के दो सिंकिंग जोन में रिज, ग्रैंड होटल, लक्कड़ बाजार, सेंट्रल स्कूल, ऑकलैंड नर्सरी स्कूल, धोबीघाट, कृष्णानगर और होटल क्लार्क्स के आसपास के इलाके शामिल हैं। जहां पर कोई नई बिल्डिंग बनाना खुद विनाश को न्योता देना है।
वहीं बता दें कि 25,000 की आबादी के लिए स्थापित शिमला शहर में अब 2.3 लाख लोगों के रहने का अनुमान है। इमारतों को बनाने के लिए 70 डिग्री तक की ढलानों पर अनुमति दी गई है। शिमला भूकंपीय क्षेत्र आइवी में है। भूकंप के सबसे खतरनाक जोन में होने के बाद भी यहां लापरवाही जारी है। स्थिति को ध्यान में रखते हुए, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने 2017 में शिमला के मुख्य और हरित क्षेत्रों में बिल्डिंग बनाने समेत सभी निर्माण पर प्रतिबंध लगाया था।
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