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शिमला , 08 मार्च [ विशाल सूद ] ! पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नई दिल्ली में केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की। पीडब्ल्यूडी मंत्री ने केंद्रीय मंत्री से शहरों के पुनर्विकास के लिए शहरी चुनौती निधि में निर्धारित मानदंडों पर पुनर्विचार करने और उन्हें शिथिल करने का आग्रह किया। उन्होंने राज्य के पहाड़ी इलाकों को ध्यान में रखते हुए 90:10 के आधार पर मानदंड तय करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और कम आबादी के कारण राज्य के शहर शहरी चुनौती निधि में निर्धारित मानदंडों से मेल नहीं खा रहे हैं। उन्होंने केंद्रीय मंत्री को बताया कि राज्य ने राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन के तहत "एक राज्य एक पोर्टल: नागरिक सेवा" शुरू किया है। उन्होंने 5 साल के लिए योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए 70 करोड़ रुपये की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से इसके कार्यान्वयन के लिए आवंटित धनराशि मार्च 2025 तक समाप्त हो जाएगी, इसलिए इस पहल को प्रभावी ढंग से लागू करने और बनाए रखने के लिए भारत सरकार से धन की आवश्यकता है। उन्होंने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत देनदारियों को चुकाने के लिए 3.28 करोड़ रुपये की भी मांग की। मंत्री ने हिमाचल प्रदेश के लिए पार्किंग निर्माण और शहरी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विशेष धनराशि स्वीकृत करने का भी अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने राज्य को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।
शिमला , 08 मार्च [ विशाल सूद ] ! पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने नई दिल्ली में केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की। पीडब्ल्यूडी मंत्री ने केंद्रीय मंत्री से शहरों के पुनर्विकास के लिए शहरी चुनौती निधि में निर्धारित मानदंडों पर पुनर्विचार करने और उन्हें शिथिल करने का आग्रह किया।
उन्होंने राज्य के पहाड़ी इलाकों को ध्यान में रखते हुए 90:10 के आधार पर मानदंड तय करने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि कठिन भौगोलिक परिस्थितियों और कम आबादी के कारण राज्य के शहर शहरी चुनौती निधि में निर्धारित मानदंडों से मेल नहीं खा रहे हैं।
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उन्होंने केंद्रीय मंत्री को बताया कि राज्य ने राष्ट्रीय शहरी डिजिटल मिशन के तहत "एक राज्य एक पोर्टल: नागरिक सेवा" शुरू किया है। उन्होंने 5 साल के लिए योजना के सफल कार्यान्वयन के लिए 70 करोड़ रुपये की मांग की। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा अपने संसाधनों से इसके कार्यान्वयन के लिए आवंटित धनराशि मार्च 2025 तक समाप्त हो जाएगी, इसलिए इस पहल को प्रभावी ढंग से लागू करने और बनाए रखने के लिए भारत सरकार से धन की आवश्यकता है।
उन्होंने राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के तहत देनदारियों को चुकाने के लिए 3.28 करोड़ रुपये की भी मांग की। मंत्री ने हिमाचल प्रदेश के लिए पार्किंग निर्माण और शहरी बुनियादी ढांचे के विकास के लिए विशेष धनराशि स्वीकृत करने का भी अनुरोध किया। केंद्रीय मंत्री ने राज्य को हर संभव सहायता देने का आश्वासन दिया।
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