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शिमला ,14 जून,[ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से आज प्रदेश के सभी जिलों में 85 स्थलों पर मेगा मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। राज्य सचिवालय शिमला में इसके लिए कमांड सेंटर स्थापित किया गया था। कमांड सेंटर में विभिन्न जिलों में की जा गई मॉकड्रिल की निगरानी की गई। इस दौरान कमांड सेंटर शिमला में राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी विशेष रूप से मौजूद रहे। उन्होंने उपायुक्तों से वर्चुअल माधम से बातचीत की और धरातल पर किए जा रहे अभ्यास के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि संचार स्थापित करने और प्रतिक्रिया में लगने वाले समय को न्यूनतम किया जाए ताकि जान-माल का जोखिम कम से कम हो। जगत सिंह नेगी ने कहा कि आपदा के दौरान यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कम से कम समय में बिजली, पानी, चिकित्सा सुविधा लोगों तक पहुंचे। उन्होंने मनाली, कुल्लू, मंडी और लाहौल जैसे आपदा संभावित क्षेत्रों में आपातकालीन स्थिति में सैटेलाइट फोन के माध्यम से संचार स्थापित करने पर भी बल दिया। बागवानी मंत्री ने कहा कि रेडियो आधारित संचार आपात स्थित में सहायक सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान संयुक्त सचेतक प्रणाली (सीएपी) की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। इस प्रणाली से आपदा से पूर्व ही लोगों को मोबाइल पर संदेश भेजकर दूसरी जगह स्थानांरित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जागरूकता के लिए इस तरह के कार्यक्रम समय समय पर आयोजित किए जाने चाहिए। उन्होंनेे कहा कि आगामी समय में कई जगहों पर वेदर स्टेशन भी स्थापित किए जाएंगे जिससे आपदा का जोखिम कम करने में सहायता मिलेगी। जगत सिंह नेगी ने हिमस्खलन से संभावित खतरे को लेकर सेंसर तकनीक का इस्तेमाल करने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में श्रमशक्ति को भी बढ़ाया जाएगा। इस अवसर पर उन्होंने आपदा के प्रति जागरुकता सामग्री का विमोचन किया। श्री नेगी ने आपातकालीन ऑपरेशन केंद्र (ईओसी) का भी दौरा किया। विशेष सचिव आपदा प्रबंधन डीसी राणा ने जगत सिंह नेगी को आपदा के दौरान सचेत, आरएमएस रिलीफ, समर्थ, मेघदूत, दामिनी, मौसम और ड्रोन मैपिंग एप्पीलीकेशन के महत्व के बारे में जानकारी दी। एनडीआरएफ के वरिष्ठ सलाहकार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) सुधीर बहल ने सभी जिलों से मॉकड्रिल के दौरान पेश आई चुनौतियों के बारे में जानकारी ली और समस्याओं के समाधान के सुझाव भी लिए। विशेष सचिव आपदा प्रबंधन डीसी राणा ने सभी जिलों को शीघ्र मॉकड्रिल की रिपोर्ट बनाकर प्रेषित करने का आग्रह किया। इस दौरान एनडीआरएफ 14वीं बटालियन के कमाडेंट बलजिंद्र सिंह, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अभिषेक त्रिवेदी, एसडीआरएफ के एसपी अर्जित सेना ठाकुर और सभी विभागों से वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
शिमला ,14 जून,[ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सहयोग से आज प्रदेश के सभी जिलों में 85 स्थलों पर मेगा मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। राज्य सचिवालय शिमला में इसके लिए कमांड सेंटर स्थापित किया गया था। कमांड सेंटर में विभिन्न जिलों में की जा गई मॉकड्रिल की निगरानी की गई।
इस दौरान कमांड सेंटर शिमला में राजस्व एवं बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी विशेष रूप से मौजूद रहे। उन्होंने उपायुक्तों से वर्चुअल माधम से बातचीत की और धरातल पर किए जा रहे अभ्यास के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने कहा कि संचार स्थापित करने और प्रतिक्रिया में लगने वाले समय को न्यूनतम किया जाए ताकि जान-माल का जोखिम कम से कम हो।
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जगत सिंह नेगी ने कहा कि आपदा के दौरान यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि कम से कम समय में बिजली, पानी, चिकित्सा सुविधा लोगों तक पहुंचे। उन्होंने मनाली, कुल्लू, मंडी और लाहौल जैसे आपदा संभावित क्षेत्रों में आपातकालीन स्थिति में सैटेलाइट फोन के माध्यम से संचार स्थापित करने पर भी बल दिया। बागवानी मंत्री ने कहा कि रेडियो आधारित संचार आपात स्थित में सहायक सिद्ध होंगे।
उन्होंने कहा कि आपदा के दौरान संयुक्त सचेतक प्रणाली (सीएपी) की भी महत्वपूर्ण भूमिका है। इस प्रणाली से आपदा से पूर्व ही लोगों को मोबाइल पर संदेश भेजकर दूसरी जगह स्थानांरित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि जागरूकता के लिए इस तरह के कार्यक्रम समय समय पर आयोजित किए जाने चाहिए। उन्होंनेे कहा कि आगामी समय में कई जगहों पर वेदर स्टेशन भी स्थापित किए जाएंगे जिससे आपदा का जोखिम कम करने में सहायता मिलेगी।
जगत सिंह नेगी ने हिमस्खलन से संभावित खतरे को लेकर सेंसर तकनीक का इस्तेमाल करने पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण में श्रमशक्ति को भी बढ़ाया जाएगा।
इस अवसर पर उन्होंने आपदा के प्रति जागरुकता सामग्री का विमोचन किया। श्री नेगी ने आपातकालीन ऑपरेशन केंद्र (ईओसी) का भी दौरा किया।
विशेष सचिव आपदा प्रबंधन डीसी राणा ने जगत सिंह नेगी को आपदा के दौरान सचेत, आरएमएस रिलीफ, समर्थ, मेघदूत, दामिनी, मौसम और ड्रोन मैपिंग एप्पीलीकेशन के महत्व के बारे में जानकारी दी।
एनडीआरएफ के वरिष्ठ सलाहकार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) सुधीर बहल ने सभी जिलों से मॉकड्रिल के दौरान पेश आई चुनौतियों के बारे में जानकारी ली और समस्याओं के समाधान के सुझाव भी लिए।
विशेष सचिव आपदा प्रबंधन डीसी राणा ने सभी जिलों को शीघ्र मॉकड्रिल की रिपोर्ट बनाकर प्रेषित करने का आग्रह किया।
इस दौरान एनडीआरएफ 14वीं बटालियन के कमाडेंट बलजिंद्र सिंह, एडीजी लॉ एंड ऑर्डर अभिषेक त्रिवेदी, एसडीआरएफ के एसपी अर्जित सेना ठाकुर और सभी विभागों से वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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