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शिमला , 21 जून [ विशाल सूद ] ! कालका शिमला हेरिटेज ट्रैक पर मंगलवार को पेनोरमिक विस्ताडोम का सफल ट्रायल हुआ पर्यटकों के लिए अब कालका- शिमला टॉय ट्रेन का सफर और भी सुहाना हो जाएगा। यात्री ट्रेन में बैठे ही पहाड़ों की खूबसूरती को बिना रुकावट निहार सकेंगे।आधुनिक सुविधाओं से लैस इस वातानुकूलित बोगियों में यात्रियों की सुविधा के लिए प्रत्येक प्रकार की सुविधा प्रदान की गई है। मंगलवार दोपहर चार पेनरोमिक विस्ताडोम की बोगियां दोपहर 2बजकर 20 मिनट पर शिमला पहुंची।अभी ट्रायल के लिए ट्रेन को चलाया जाएगा। पैनोरमिक विस्ताडोम ट्रेन के अत्याधुनिक कोचों का निर्माण आरसीएफ (रेल कोच फैक्टरी) कपूरथला में किया गया है। आरसीएफ की टीम भी ट्रायल के दौरान मौजूद रही। डिप्टी सीएमई डिज़ाइन कपूरथला अभय डोगरा ने कहा कि आज शोघी से शिमला तक इसका ट्रायल किया गया।उन्होंने कहा ट्रैन कालका से शिमला तक चली परन्तु इसका मुख्य ट्रायल शोघी से शिमला के बीच किया गया।आज पेनरोमिक विस्ताडोम चार कोचेस के साथ दोपहर शिमला पहुंची। इन चार कोचेस में एक ऐसी कोच है जिसमे 12 सीट्स है।दूसरी ऐसी चेयर कार कोच जिसमे 22 सीट्स है । जनरल कोच में 30 सीट्स है व पावर कम लगेज कोच में एक टन तक सामान की क्षमता है।उन्होंने कहा कि यह कोचेस पूरी तरह स्टैनलेस स्टील से निर्मित है।कोचेस में यात्रियों के लिए पेनोरमिक विंडो है साथ ही बोगियां पूरी तरह साउंड प्रूफ है। वातानुकूलित बोगियों में आरामदायक सीट्स है अंदर बेहतर लाइट सिस्टम दिया गया है।प्रत्येक सीट्स पर चार्जिंग पॉइंट के साथ सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं साथ ही यात्रियों को बैठे बैठे पता चल जाएगा कि कौन से स्टेशन पर ट्रेन पहुंची है।उन्होंने कहा कि ट्रेन कालेज से शिमला पहुंची है परंतु ट्रायल शोघी - शिमला के बीच मे किया गया है ।कालका से शिमला तक इसकी गति 20 किमी प्रति घण्टा आज रखी गयी और शोघी से शिमला के बीच इसकी गति 22 किमी प्रति घण्टा रखी गयी। 28 जून तक प्रत्येक दिन इसका ट्रायल किया जाएगा तथा प्रत्येक दिन 2किमी गति का इजाफा करते हुए इसे 28 किमी प्रति घण्टा पहुंचाया जाएगा। एक करोड़ में तैयार हुआ है एक पैनोरमिक कोच बता दे आधुनिक सुविधाओं से लैस एक पैनोरमिक कोच की अनुमानित लागत एक करोड़ रुपये से अधिक है। परीक्षण के लिए तैयार किए गए ट्रायल रैक में एसी एग्जीक्यूटिव चेयरकार, एसी चेयरकार, नॉन एसी चेयरकार और लगेज कार शामिल हैं। एक्जीक्यूटिव चेयरकार 12 सीटर, चेयरकार 22 सीटर, नॉन एसी चेयरकार 30 सीटर और पावर कार कम लगेज वैन में गार्ड के बैठने की व्यवस्था रहेगी। इन कोचों में खिड़कियों का आकार बड़ा है। छत तक खिड़की है, जिससे यात्री पहाड़ों और घाटियों की सुंदरता का आनंद ले सकेंगे। कोच एयर ब्रेक, एलईडी लाइट, 360 डिग्री पर घूमने वाली चेयर, सीसीटीवी और फायर अलार्म से लैस हैं।यह चारों कोचेस नपस में जुड़ी होने के कारण यात्री एक बागि से दूसरी बोगी में जा सकता है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 21 जून [ विशाल सूद ] ! कालका शिमला हेरिटेज ट्रैक पर मंगलवार को पेनोरमिक विस्ताडोम का सफल ट्रायल हुआ पर्यटकों के लिए अब कालका- शिमला टॉय ट्रेन का सफर और भी सुहाना हो जाएगा। यात्री ट्रेन में बैठे ही पहाड़ों की खूबसूरती को बिना रुकावट निहार सकेंगे।आधुनिक सुविधाओं से लैस इस वातानुकूलित बोगियों में यात्रियों की सुविधा के लिए प्रत्येक प्रकार की सुविधा प्रदान की गई है। मंगलवार दोपहर चार पेनरोमिक विस्ताडोम की बोगियां दोपहर 2बजकर 20 मिनट पर शिमला पहुंची।अभी ट्रायल के लिए ट्रेन को चलाया जाएगा। पैनोरमिक विस्ताडोम ट्रेन के अत्याधुनिक कोचों का निर्माण आरसीएफ (रेल कोच फैक्टरी) कपूरथला में किया गया है। आरसीएफ की टीम भी ट्रायल के दौरान मौजूद रही।
डिप्टी सीएमई डिज़ाइन कपूरथला अभय डोगरा ने कहा कि आज शोघी से शिमला तक इसका ट्रायल किया गया।उन्होंने कहा ट्रैन कालका से शिमला तक चली परन्तु इसका मुख्य ट्रायल शोघी से शिमला के बीच किया गया।आज पेनरोमिक विस्ताडोम चार कोचेस के साथ दोपहर शिमला पहुंची। इन चार कोचेस में एक ऐसी कोच है जिसमे 12 सीट्स है।दूसरी ऐसी चेयर कार कोच जिसमे 22 सीट्स है । जनरल कोच में 30 सीट्स है व पावर कम लगेज कोच में एक टन तक सामान की क्षमता है।उन्होंने कहा कि यह कोचेस पूरी तरह स्टैनलेस स्टील से निर्मित है।कोचेस में यात्रियों के लिए पेनोरमिक विंडो है साथ ही बोगियां पूरी तरह साउंड प्रूफ है। वातानुकूलित बोगियों में आरामदायक सीट्स है अंदर बेहतर लाइट सिस्टम दिया गया है।प्रत्येक सीट्स पर चार्जिंग पॉइंट के साथ सुरक्षा के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं साथ ही यात्रियों को बैठे बैठे पता चल जाएगा कि कौन से स्टेशन पर ट्रेन पहुंची है।उन्होंने कहा कि ट्रेन कालेज से शिमला पहुंची है परंतु ट्रायल शोघी - शिमला के बीच मे किया गया है ।कालका से शिमला तक इसकी गति 20 किमी प्रति घण्टा आज रखी गयी और शोघी से शिमला के बीच इसकी गति 22 किमी प्रति घण्टा रखी गयी। 28 जून तक प्रत्येक दिन इसका ट्रायल किया जाएगा तथा प्रत्येक दिन 2किमी गति का इजाफा करते हुए इसे 28 किमी प्रति घण्टा पहुंचाया जाएगा।
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एक करोड़ में तैयार हुआ है एक पैनोरमिक कोच बता दे आधुनिक सुविधाओं से लैस एक पैनोरमिक कोच की अनुमानित लागत एक करोड़ रुपये से अधिक है। परीक्षण के लिए तैयार किए गए ट्रायल रैक में एसी एग्जीक्यूटिव चेयरकार, एसी चेयरकार, नॉन एसी चेयरकार और लगेज कार शामिल हैं। एक्जीक्यूटिव चेयरकार 12 सीटर, चेयरकार 22 सीटर, नॉन एसी चेयरकार 30 सीटर और पावर कार कम लगेज वैन में गार्ड के बैठने की व्यवस्था रहेगी।
इन कोचों में खिड़कियों का आकार बड़ा है। छत तक खिड़की है, जिससे यात्री पहाड़ों और घाटियों की सुंदरता का आनंद ले सकेंगे। कोच एयर ब्रेक, एलईडी लाइट, 360 डिग्री पर घूमने वाली चेयर, सीसीटीवी और फायर अलार्म से लैस हैं।यह चारों कोचेस नपस में जुड़ी होने के कारण यात्री एक बागि से दूसरी बोगी में जा सकता है।
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