तीन महीने के भीतर सभी जिलों में सम्मेलन कर बनाया जाएगा आंदोलन का खाका।
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शिमला , 07 अप्रैल [ विशाल सूद ] ! एरियर, डीए सहित अन्य मांगों को लेकर कर्मचारियों ने सरकार पर दबाव बनाने का मन बना लिया है जिसके लिए संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। कालीबाड़ी हॉल में संयुक्त कर्मचारी महासंघ शिमला जिला की बैठक हुई कर्मचारियों ने वित्तीय देनदारियों की अदायगी न होने पर सरकार के खिलाफ रोष जाहिर किया। संयुक्त कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष वीरेन्द्र चौहान ने कहा कि संशोधित वेतनमान के एरियर की अभी तक अदायगी नहीं हुई है और न ही डीए दिया जा रहा है जिससे कर्मचारियों में खासा गुस्सा है। आज संयुक्त कर्मचारी महासंघ शिमला जिला की बैठक हुई है जिसमें आगामी रणनीति पर योजना बनाई गई है। संयुक्त कर्मचारी महासंघ प्रदेश के सभी जिलों में इस तरह के अधिवेशन करेगी और तीन महीने के भीतर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।वहीं संयुक्त कर्मचारी महासंघ के महासचिव हीरालाल वर्मा कहा कि ओपीएस लागू करना सरकार का पहला वादा था लेकिन उसमें भी सरकार ने भेदभाव किया। बिजली बोर्ड सहित निगमों बोर्डों में ओपीएस लागू नहीं किया गया है जबकि अपनी सैलरी में विधायकों ने बेतहाशा वृद्धि की है वहां सरकार को आर्थिक तंगी नजर नहीं आई। कर्मचारियों ने बदलाव करके दूसरी सरकार बनाई लेकिन दोनों ही सरकारों में कर्मचारी पीस रहे हैं ऐसे में अब कर्मचारियों ने सरकार पर अधिक दबाव बनाने और आंदोलन का मन बना लिया है।
शिमला , 07 अप्रैल [ विशाल सूद ] ! एरियर, डीए सहित अन्य मांगों को लेकर कर्मचारियों ने सरकार पर दबाव बनाने का मन बना लिया है जिसके लिए संयुक्त कर्मचारी महासंघ ने रणनीति बनानी शुरू कर दी है। कालीबाड़ी हॉल में संयुक्त कर्मचारी महासंघ शिमला जिला की बैठक हुई कर्मचारियों ने वित्तीय देनदारियों की अदायगी न होने पर सरकार के खिलाफ रोष जाहिर किया।
संयुक्त कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष वीरेन्द्र चौहान ने कहा कि संशोधित वेतनमान के एरियर की अभी तक अदायगी नहीं हुई है और न ही डीए दिया जा रहा है जिससे कर्मचारियों में खासा गुस्सा है। आज संयुक्त कर्मचारी महासंघ शिमला जिला की बैठक हुई है जिसमें आगामी रणनीति पर योजना बनाई गई है। संयुक्त कर्मचारी महासंघ प्रदेश के सभी जिलों में इस तरह के अधिवेशन करेगी और तीन महीने के भीतर आंदोलन की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
वहीं संयुक्त कर्मचारी महासंघ के महासचिव हीरालाल वर्मा कहा कि ओपीएस लागू करना सरकार का पहला वादा था लेकिन उसमें भी सरकार ने भेदभाव किया। बिजली बोर्ड सहित निगमों बोर्डों में ओपीएस लागू नहीं किया गया है जबकि अपनी सैलरी में विधायकों ने बेतहाशा वृद्धि की है वहां सरकार को आर्थिक तंगी नजर नहीं आई।
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कर्मचारियों ने बदलाव करके दूसरी सरकार बनाई लेकिन दोनों ही सरकारों में कर्मचारी पीस रहे हैं ऐसे में अब कर्मचारियों ने सरकार पर अधिक दबाव बनाने और आंदोलन का मन बना लिया है।
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