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शिमला , 24 मार्च [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के मक़सद से शिमला में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पुलिस विभाग और लोक निर्माण विभाग की संयुक्त बैठक ली जिसमें आगामी 6 से 8 महीने का कार्य योजना तैयार की गई है। लोक निर्माण विभाग को खस्ताहाल सड़कों को दरुस्त करने और ब्लैक स्पॉट को चिन्हित करने के मंत्री ने निर्देश दिए हैं ताकि सड़क हादसों में कमी आए। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हर वर्ष हजारों लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं जिसमें बैठक भी शामिल हैं हालांकि स्पर्श पिछले वर्षों की तुलना में इसमें कमी जरूर आई है लेकिन भविष्य में किस तरह से सड़क दुर्घटना में और कमी लाई जाए इसको लेकर बैठक में रणनीति तैयार की गई है और अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जो दुर्घटना संभावित स्थान है और ब्लैक स्पॉट या साइन बोर्ड लगाने की जहां जरुरत हैं उनको चिन्हित करके ठीक किया जाए। इसके अलावा टेलीकम विभाग से भी कुछ इस तरह का मैकेनिज्म तैयार करने को लेकर बातचीत की जायेगी जिससे लोगों को उनके मोबाइल फोन पर उस जगह की सड़क कंडीशन और अन्य जोखिमों की जानकारी मिल सकें जहां वो ट्रैवल करने निकलते हैं क्योंकि जानकारी के अभाव में भी कई बार पर्यटक हादसे का शिकार हो जाते हैं। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 24 मार्च [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी लाने के मक़सद से शिमला में लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने पुलिस विभाग और लोक निर्माण विभाग की संयुक्त बैठक ली जिसमें आगामी 6 से 8 महीने का कार्य योजना तैयार की गई है। लोक निर्माण विभाग को खस्ताहाल सड़कों को दरुस्त करने और ब्लैक स्पॉट को चिन्हित करने के मंत्री ने निर्देश दिए हैं ताकि सड़क हादसों में कमी आए।
विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि हर वर्ष हजारों लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे जाते हैं जिसमें बैठक भी शामिल हैं हालांकि स्पर्श पिछले वर्षों की तुलना में इसमें कमी जरूर आई है लेकिन भविष्य में किस तरह से सड़क दुर्घटना में और कमी लाई जाए इसको लेकर बैठक में रणनीति तैयार की गई है और अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि जो दुर्घटना संभावित स्थान है और ब्लैक स्पॉट या साइन बोर्ड लगाने की जहां जरुरत हैं उनको चिन्हित करके ठीक किया जाए। इसके अलावा टेलीकम विभाग से भी कुछ इस तरह का मैकेनिज्म तैयार करने को लेकर बातचीत की जायेगी जिससे लोगों को उनके मोबाइल फोन पर उस जगह की सड़क कंडीशन और अन्य जोखिमों की जानकारी मिल सकें जहां वो ट्रैवल करने निकलते हैं क्योंकि जानकारी के अभाव में भी कई बार पर्यटक हादसे का शिकार हो जाते हैं।
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