!!"स्थानीय मेलों में भी होगी स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की बिक्री"!!
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शिमला , 1 जुलाई, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! जाइका वानिकी परियोजना के तहत वन मंडल रोहड़ू के रोहड़ू और चौपाल वन मंडल के नेरवा में जल्द ही मल्टीपर्पज आउटलैट खुलेंगे, जहां पर स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की बिक्री होगी। दोनों वन मंडलों में आउटलैट्स तैयार हो चुके हैं। इन आउटलैट्स में जाइका प्रोजेक्ट का अपना ब्रांड हिम ट्रेडिशन के उत्पाद बिकेंगे। सोमवार को वन मंडल चौपाल के अंतर्गत कुपवी में आयोजित एक कार्यशाला के दौरान जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक समीर रस्तोगी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि चौपाल वन मंडल के अंतर्गत कांडा रेंज में 16 स्वयं सहायता समूह आजीविका सुधार के लिए किए जा रहे कार्य काफ सराहनीय हैं। फूड प्रोसेसिंग, कटिंग-टेलरिंग और वर्मी कम्पोस्ट के क्षेत्र में बेहरीन काम कर रहे हैं। समीर रस्तोगी ने कहा कि प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में आयोजित होने वाले स्थानीय मेलों में भी स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयाए किए उत्पादों की बिक्री की जा रही है, इसके लिए स्वयं सहायता समूहों को परियोजना की ओर से गजीबो टेंट की सुविधा भी दी गई है। कुपवी में आयोजित कार्यशाला के दौरान मुख्य परियोजना निदेशक समीर रस्तोगी ने स्वयं सहायता समूहों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि इस बार वन महोत्सव के दौरान अधिक से अधिक पौधे रोपने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना और वन समृद्धि-जन समृद्धि योजना के तहत हिमाचल के हरेक क्षेत्रों में हरियाली लाने के लिए यह परियोजना प्राथमिकता के तौर पर काम कर रही है। इस अवसर पर परियोजना निदेशक श्रेष्ठा नंद शर्मा, डीएफओ चौपाल जंगवीर सिंह दुल्टा, सेवानिवृत हिमाचल प्रदेश वन सेवा अधिकारी एलआर चौहान, प्रोग्राम मैनेजर विनोद शर्मा, एफटीयू कॉ-ऑर्डिनेटर कांडा रेंज नरेंद्र कुमार समेत वन विभाग एवं जाइका वानिकी परियोजना के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे। प्रोग्राम मैनेजर विनोद शर्मा ने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना ने हाल ही में फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी एचसीएलपीसीएल बना दी है। स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों को अच्छी कीमत मिल सके इसी उद्देश्य से यह कंपनी बनाई गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों से जुड़े लोगों की आजीविका में सुधार के साथ उनकी आर्थिकी मजबूत करने के लिए यह परियोजना वर्ष 2018 से कार्य कर रही है।
शिमला , 1 जुलाई, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! जाइका वानिकी परियोजना के तहत वन मंडल रोहड़ू के रोहड़ू और चौपाल वन मंडल के नेरवा में जल्द ही मल्टीपर्पज आउटलैट खुलेंगे, जहां पर स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों की बिक्री होगी। दोनों वन मंडलों में आउटलैट्स तैयार हो चुके हैं।
इन आउटलैट्स में जाइका प्रोजेक्ट का अपना ब्रांड हिम ट्रेडिशन के उत्पाद बिकेंगे। सोमवार को वन मंडल चौपाल के अंतर्गत कुपवी में आयोजित एक कार्यशाला के दौरान जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक समीर रस्तोगी ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि चौपाल वन मंडल के अंतर्गत कांडा रेंज में 16 स्वयं सहायता समूह आजीविका सुधार के लिए किए जा रहे कार्य काफ सराहनीय हैं।
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फूड प्रोसेसिंग, कटिंग-टेलरिंग और वर्मी कम्पोस्ट के क्षेत्र में बेहरीन काम कर रहे हैं। समीर रस्तोगी ने कहा कि प्रदेश के किसी भी क्षेत्र में आयोजित होने वाले स्थानीय मेलों में भी स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयाए किए उत्पादों की बिक्री की जा रही है, इसके लिए स्वयं सहायता समूहों को परियोजना की ओर से गजीबो टेंट की सुविधा भी दी गई है।
कुपवी में आयोजित कार्यशाला के दौरान मुख्य परियोजना निदेशक समीर रस्तोगी ने स्वयं सहायता समूहों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि इस बार वन महोत्सव के दौरान अधिक से अधिक पौधे रोपने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री वन विस्तार योजना और वन समृद्धि-जन समृद्धि योजना के तहत हिमाचल के हरेक क्षेत्रों में हरियाली लाने के लिए यह परियोजना प्राथमिकता के तौर पर काम कर रही है। इस अवसर पर परियोजना निदेशक श्रेष्ठा नंद शर्मा, डीएफओ चौपाल जंगवीर सिंह दुल्टा, सेवानिवृत हिमाचल प्रदेश वन सेवा अधिकारी एलआर चौहान, प्रोग्राम मैनेजर विनोद शर्मा, एफटीयू कॉ-ऑर्डिनेटर कांडा रेंज नरेंद्र कुमार समेत वन विभाग एवं जाइका वानिकी परियोजना के अधिकारी एवं कर्मचारी मौजूद रहे।
प्रोग्राम मैनेजर विनोद शर्मा ने कहा कि जाइका वानिकी परियोजना ने हाल ही में फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी एचसीएलपीसीएल बना दी है। स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार उत्पादों को अच्छी कीमत मिल सके इसी उद्देश्य से यह कंपनी बनाई गई। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वयं सहायता समूहों से जुड़े लोगों की आजीविका में सुधार के साथ उनकी आर्थिकी मजबूत करने के लिए यह परियोजना वर्ष 2018 से कार्य कर रही है।
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