यूपीआई से हर सेकेंड 3729 ट्रांजैक्शन, अप्रैल-जुलाई के बीच 81 लाख करोड़ रुपए का लेनदेन
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शिमला 1 सितम्बर [ विशाल सूद ] ! पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने भारत में डिजिटल व कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने, पेमेंट्स के तरीक़े को सुगम बनाने व फिनटेक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपी) को डिजिटल लेन-देन में दुनिया का सबसे बड़ा व सुगम माध्यम बताया है जिससे जन-जन के लिए बैंकिंग आसान हुई है। आँकड़ों के अनुसार यूपीआई से हर सेकेंड 3729 ट्रांजैक्शन, अप्रैल-जुलाई के बीच 81 लाख करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ है। अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ भारत के वित्तीय तकनीक परिदृश्य में हो रहे बदलाव वास्तव में सामाजिक प्रभाव भी डाल रहे हैं। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की फिनटेक को बढ़ाया देने की नीति के चलते आज यह अनौपचारिक अर्थव्यवस्था तक पहुँच रहा है और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच वित्तीय सेवाओं में अंतर को पाटने में मदद कर रहा है। आज भारत का यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) को डिजिटल लेन-देन में दुनिया का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म बना है। मोदी सरकार द्वारा साल 2016 में शुरू की गई यूपीआई ने भारत में डिजिटल लेनदेन को अत्यंत सुगम बनाया दिया है। लेन-देन समेत बैंकिंग सेवाओं को डिजिटल बनाने के मामले में भारत ने उल्लेखनीय तरक्की की है और प्राप्त आँकड़ों के अनुसार यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) से इस वर्ष अप्रैल से जुलाई की अवधि में 81 लाख करोड़ रुपए से अधिक का लेनदेन हुआ है। इसमें सालाना आधार पर 37 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है। डेटा के अनुसार यूपीआई से प्रति सेकंड 3,729.1 लेनदेन हो रहे हैं। 2022 में यह आंकड़ा 2,348 लेनदेन प्रति सेकंड था. इस दौरान यूपीआई से लेनदेन में 58 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। भारत द्वारा विकसित मंच आज दुनिया के लिए मॉडल बन रहे हैं और यूपीआई पूरी दुनिया के लिए वित्तीय समावेशन प्लेटफॉर्म के रूप में अपनी सशक्त पहचान बनाई है” अनुराग ठाकुर में कहा “कांग्रेसी नेता एक समय यूपीआई और डिजिटल इंडिया का मजाक उड़ाते थे आज अब वही डिजिटल इंडिया आम आदमी की ताकत बन चुकी है। आज फल सब्ज़ी विक्रेता तक यूपीआइ से लेनदेन कर रहे हैं। कांग्रेसी भारत की जनता की क्षमता पर संदेह करते थे, उनका मजाक उड़ाते थे। खुलेआम कहा जाता था कि गरीब लोग डिजिटल का मतलब भी नहीं समझ पाएंगे। लेकिन मोदी सरकार का देश के सामान्य मानविकी समझ पर भरोसा था। मोदी सरकार ने खुद आगे बढ़कर डिजिटल पेमेंट्स का रास्ता आसान बनाया हैं। प्रधानमंत्री जी की सोच के अनुरूप छोटे व्यापारी, छोटे उद्यमी, फिर लोकल कलाकार, या कारीगर हों, डिजिटल इंडिया ने सबको मंच दिया है। डिजिटल इंडिया ने सभी कार्य सुलभ बनाया है, ये देश के विकास का बहुत बड़ा विज़न है” आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा “दुनिया में डिजिटल लेनदेन के मामले में भारत शीर्ष पर है। यहां 40 फीसदी के करीब लेनदेन डिजिटल तौर पर किए जाते हैं। डिजिटल भुगतान करने के लिए लोग सबसे ज्यादा यूपीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मर्चेट्स द्वारा यूपीआई क्यूआर कोड के जरिए भुगतान स्वीकार करने और क्रॉस बॉर्डर भुगतान के लिए यूपीआई को अन्य देशों के तेज भुगतान प्रणाली से जोड़ने के लिए कार्यरत है”
शिमला 1 सितम्बर [ विशाल सूद ] ! पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने भारत में डिजिटल व कैशलेस लेनदेन को बढ़ावा देने, पेमेंट्स के तरीक़े को सुगम बनाने व फिनटेक क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए मोदी सरकार द्वारा शुरू किए गए भारत के यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपी) को डिजिटल लेन-देन में दुनिया का सबसे बड़ा व सुगम माध्यम बताया है जिससे जन-जन के लिए बैंकिंग आसान हुई है। आँकड़ों के अनुसार यूपीआई से हर सेकेंड 3729 ट्रांजैक्शन, अप्रैल-जुलाई के बीच 81 लाख करोड़ रुपए का लेनदेन हुआ है।
अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा “ भारत के वित्तीय तकनीक परिदृश्य में हो रहे बदलाव वास्तव में सामाजिक प्रभाव भी डाल रहे हैं। आदरणीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की फिनटेक को बढ़ाया देने की नीति के चलते आज यह अनौपचारिक अर्थव्यवस्था तक पहुँच रहा है और ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के बीच वित्तीय सेवाओं में अंतर को पाटने में मदद कर रहा है। आज भारत का यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) को डिजिटल लेन-देन में दुनिया का सबसे बड़ा प्लेटफॉर्म बना है।
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मोदी सरकार द्वारा साल 2016 में शुरू की गई यूपीआई ने भारत में डिजिटल लेनदेन को अत्यंत सुगम बनाया दिया है। लेन-देन समेत बैंकिंग सेवाओं को डिजिटल बनाने के मामले में भारत ने उल्लेखनीय तरक्की की है और प्राप्त आँकड़ों के अनुसार यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) से इस वर्ष अप्रैल से जुलाई की अवधि में 81 लाख करोड़ रुपए से अधिक का लेनदेन हुआ है। इसमें सालाना आधार पर 37 फीसदी की बढ़त देखने को मिली है।
डेटा के अनुसार यूपीआई से प्रति सेकंड 3,729.1 लेनदेन हो रहे हैं। 2022 में यह आंकड़ा 2,348 लेनदेन प्रति सेकंड था. इस दौरान यूपीआई से लेनदेन में 58 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है। भारत द्वारा विकसित मंच आज दुनिया के लिए मॉडल बन रहे हैं और यूपीआई पूरी दुनिया के लिए वित्तीय समावेशन प्लेटफॉर्म के रूप में अपनी सशक्त पहचान बनाई है”
अनुराग ठाकुर में कहा “कांग्रेसी नेता एक समय यूपीआई और डिजिटल इंडिया का मजाक उड़ाते थे आज अब वही डिजिटल इंडिया आम आदमी की ताकत बन चुकी है। आज फल सब्ज़ी विक्रेता तक यूपीआइ से लेनदेन कर रहे हैं। कांग्रेसी भारत की जनता की क्षमता पर संदेह करते थे, उनका मजाक उड़ाते थे। खुलेआम कहा जाता था कि गरीब लोग डिजिटल का मतलब भी नहीं समझ पाएंगे। लेकिन मोदी सरकार का देश के सामान्य मानविकी समझ पर भरोसा था।
मोदी सरकार ने खुद आगे बढ़कर डिजिटल पेमेंट्स का रास्ता आसान बनाया हैं। प्रधानमंत्री जी की सोच के अनुरूप छोटे व्यापारी, छोटे उद्यमी, फिर लोकल कलाकार, या कारीगर हों, डिजिटल इंडिया ने सबको मंच दिया है। डिजिटल इंडिया ने सभी कार्य सुलभ बनाया है, ये देश के विकास का बहुत बड़ा विज़न है”
आगे बोलते हुए अनुराग ठाकुर ने कहा “दुनिया में डिजिटल लेनदेन के मामले में भारत शीर्ष पर है। यहां 40 फीसदी के करीब लेनदेन डिजिटल तौर पर किए जाते हैं। डिजिटल भुगतान करने के लिए लोग सबसे ज्यादा यूपीआई का इस्तेमाल कर रहे हैं। भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मर्चेट्स द्वारा यूपीआई क्यूआर कोड के जरिए भुगतान स्वीकार करने और क्रॉस बॉर्डर भुगतान के लिए यूपीआई को अन्य देशों के तेज भुगतान प्रणाली से जोड़ने के लिए कार्यरत है”
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