झुग्गी झोपड़ी के बच्चों का उत्थान कर टोंगलेन ने समाज को दी प्रेरणा
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शिमला , 19 नवंबर ! राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि भारतीय जीवन दर्शन में नर सेवा को ही नारायण सेवा कहा गया है। उन्होंने कहा कि टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक भिक्षु जामयांग ने अपनी टीम के साथ झुग्गी झोपड़ी के बच्चों और उनके परिवारों के उत्थान के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करके सम्पूर्ण समाज को एक नई प्रेरणा दी है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि यदि कोई दृढ़ निश्चय कर ले तो वह बड़े से बड़ा काम कर सकता है। राज्यपाल आज यहां कांगड़ा जिले के धर्मशाला के सरांह में टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट के 20वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित वार्षिक समारोह में बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि टोंगलेन चैैरिटेबल ट्रस्ट ने झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों के जीवन में स्थायी बदलाव लाने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को हथियार बनाया। शिक्षा भी ऐसी जिससे बच्चों का समग्र विकास हुआ है। उन्होंने कहा कि भिक्षु जामयांग ने निस्वार्थ भाव से समाज के सबसे दुर्बल वर्ग की सेवा का जो बीड़ा उठाया था अब उसके परिणाम समाज के सामने हैं। कभी धर्मशाला की सड़कों पर कूड़ा बीनने और भीख मांगने वाले बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर आज डॉक्टर, इंजीनियर, पत्रकार, होटल मैनेजर एवं अन्य व्यवसायों में अपनी जगह बना रहे हैं। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि बचपन में मैक्लोडगंज में अपनी मां के साथ भीख मांगने वाली बेटी पिंकी अब एमबीबीएस पास करके डॉक्टर बन चुकी है। मैं पिंकी और ऐसे ही अन्य बच्चों को बधाई तथा आशीर्वाद देता हूं। जामयांग ने बच्चों को ऐसी गतिविधियों में भाग लेने का अवसर दिया जिससे वे बेहतर नागरिक बन सकें। उन्होंने कहा कि टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट ने नशे के खिलाफ सकारात्मक अभियान भी चलाया है। वह और उनके बच्चे समाज में युवा वर्ग को जागरूक कर रहे हैं कि नशा विनाश का कारण है इसलिए इससे दूर रहें। इसका प्रभाव यह हुआ कि बच्चों ने तो नशे को हाथ नहीं लगाया और उनके जो अभिभावक नशा करते थे उन्होंने भी उसे त्याग दिया। इस अवसर पर, राज्यपाल ने टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से समाज सेवा के लिए एडवोकेट रणजीत सिंह राणा, विजय लांबा और अनीता शर्मा को सम्मानित भी किया। इससे पहले प्रो. अजय श्रीवास्तव ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट की बीस वर्षों की यात्रा की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट शिक्षा के साथ-साथ निशुल्क औषधालय, निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं, मोबाइल हेल्थ क्लीनिक इत्यादि सुविधाएं भी प्रदान कर रहा है। इस अवसर पर भिक्षु जामयांग ने मुख्यातिथि का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि दलाईलामा की प्रेरणा से टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट गरीब तथा निर्धन बच्चों में शिक्षा की अलख जगाने में कामयाब हुआ है तथा अब वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत भी की गई है। इस अवसर पर, टोंगलेन स्कूल के बच्चों ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला, टोंगलेन यूके की ट्रस्टी मिस ब्रिजेट सहित अन्य गणमान्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
शिमला , 19 नवंबर ! राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि भारतीय जीवन दर्शन में नर सेवा को ही नारायण सेवा कहा गया है। उन्होंने कहा कि टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट के संस्थापक भिक्षु जामयांग ने अपनी टीम के साथ झुग्गी झोपड़ी के बच्चों और उनके परिवारों के उत्थान के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित करके सम्पूर्ण समाज को एक नई प्रेरणा दी है। उन्होंने यह साबित कर दिया कि यदि कोई दृढ़ निश्चय कर ले तो वह बड़े से बड़ा काम कर सकता है।
राज्यपाल आज यहां कांगड़ा जिले के धर्मशाला के सरांह में टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट के 20वें स्थापना दिवस के उपलक्ष्य पर आयोजित वार्षिक समारोह में बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि टोंगलेन चैैरिटेबल ट्रस्ट ने झुग्गी झोपड़ी में रहने वालों के जीवन में स्थायी बदलाव लाने के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को हथियार बनाया। शिक्षा भी ऐसी जिससे बच्चों का समग्र विकास हुआ है।
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उन्होंने कहा कि भिक्षु जामयांग ने निस्वार्थ भाव से समाज के सबसे दुर्बल वर्ग की सेवा का जो बीड़ा उठाया था अब उसके परिणाम समाज के सामने हैं। कभी धर्मशाला की सड़कों पर कूड़ा बीनने और भीख मांगने वाले बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त कर आज डॉक्टर, इंजीनियर, पत्रकार, होटल मैनेजर एवं अन्य व्यवसायों में अपनी जगह बना रहे हैं। यह किसी चमत्कार से कम नहीं है।
उन्होंने कहा कि बचपन में मैक्लोडगंज में अपनी मां के साथ भीख मांगने वाली बेटी पिंकी अब एमबीबीएस पास करके डॉक्टर बन चुकी है। मैं पिंकी और ऐसे ही अन्य बच्चों को बधाई तथा आशीर्वाद देता हूं। जामयांग ने बच्चों को ऐसी गतिविधियों में भाग लेने का अवसर दिया जिससे वे बेहतर नागरिक बन सकें।
उन्होंने कहा कि टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट ने नशे के खिलाफ सकारात्मक अभियान भी चलाया है। वह और उनके बच्चे समाज में युवा वर्ग को जागरूक कर रहे हैं कि नशा विनाश का कारण है इसलिए इससे दूर रहें। इसका प्रभाव यह हुआ कि बच्चों ने तो नशे को हाथ नहीं लगाया और उनके जो अभिभावक नशा करते थे उन्होंने भी उसे त्याग दिया।
इस अवसर पर, राज्यपाल ने टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट की ओर से समाज सेवा के लिए एडवोकेट रणजीत सिंह राणा, विजय लांबा और अनीता शर्मा को सम्मानित भी किया।
इससे पहले प्रो. अजय श्रीवास्तव ने राज्यपाल का स्वागत किया तथा टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट की बीस वर्षों की यात्रा की विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट शिक्षा के साथ-साथ निशुल्क औषधालय, निशुल्क स्वास्थ्य सेवाएं, मोबाइल हेल्थ क्लीनिक इत्यादि सुविधाएं भी प्रदान कर रहा है।
इस अवसर पर भिक्षु जामयांग ने मुख्यातिथि का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि दलाईलामा की प्रेरणा से टोंगलेन चैरिटेबल ट्रस्ट गरीब तथा निर्धन बच्चों में शिक्षा की अलख जगाने में कामयाब हुआ है तथा अब वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत भी की गई है।
इस अवसर पर, टोंगलेन स्कूल के बच्चों ने आकर्षक सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया। लेडी गवर्नर जानकी शुक्ला, टोंगलेन यूके की ट्रस्टी मिस ब्रिजेट सहित अन्य गणमान्य भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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