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शिमला , 4 जुलाई, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पेपरलेस होने का बाद सरकार के सभी विभागों निगम और बोर्ड में इस प्रक्रिया को अपनाया जा रहा रहा है।HPTDC ने भी अब इस प्रकिया के तहत हाईटेक हो गया है। अब पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी)पेपरलेस हो गया है । निगम के सभी होटल, रेस्टोरेंट और कैफे का रिकाॅर्ड डिजिटल हो गया है। इससे एचपीटीडीसी को घाटे से उबारने में मदद मिलेगी।वही निगम के सारे रिकॉर्ड अब फाइलों की जगह ऑनलाइन मिलेगा इसके अलावा होटलों के हर कामकाज की जानकारी का रिकाॅर्ड ई-आफिस पर ऑनलाइन मिलेगा। अधिकारी कार्यालय, घर एवं प्रदेश के बाहर कहीं से भी फाइलों को डिजिटल साइन के माध्यम से निपटा सकेंगे। एचपीटीडीसी सरकार का पहला उपक्रम है, जिसे पूरी तरह से ई-आफिस की सुविधा से जोड़ा गया है। इसका मकसद निगम के कामकाज को पूरी तरह पेपरलेस बनाना है। हिमाचल पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक राजीव कुमार ने कहा कि पेपरलेस की प्रक्रिया इस वर्ष के जनवरी माह से आरंभ हो गयी थी।अब HPTDC पूरी तरह पेपरलेस हो गया है।अगर कर्मचारी छुट्टी पर चले जाएं तो जारी प्रभावित होता था परंतु पेपरलेस के बाद कार्य प्रभावित नही होता और साथ ही इस प्रक्रिया से अतिरिक्त खर्चा भी कम हो गया है।पेपरलेस प्रक्रिया केबलिये कर्मचारियों को हिप में प्रशिक्षण दिया गया ।सभी कर्मचारियों को पेपरलेस प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षित किया गया।अगर कर्मचारी या अधिकारी फील्ड पर भी हो फिर भी कार्य को मोबाइल के माध्यम से उसी समय ई प्रणाली के तहत निपटा सकते है। बाद अब प्रदेशभर की 65 होटल इकाइयों को ई-आफिस की सुविधा से लैस किया गया है। पहले कार्यालय में एक से दूसरी जगह जाकर फाइलों को मंजूरी मिलती थी। इसमें काफी समय और टेबलों पर फाइलों का ढेर लग जाता था। अफसर घर बैठे या टूर पर भी फाइलों को निपटा सकेंगे। इससे फाइलें लंबित नहीं होगी। कामकाज में तेजी आएगी। इसके साथ ही प्रदेश के किसी भी होटल इकाई का स्टेटस कंप्यूटर पर एक क्लिक पर अपडेट हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि एचपीटीडीसी के पूरे प्रदेश में करीब 16 कांप्लेक्स इंचार्ज हैं, जिनके अंदर सभी यूनिट हैं। इन सभी यूनिट्स पर एक साथ नजर रख पाना निगम प्रबंधन के लिए चुनौती भरा था। लेकिन अब निगरानी सीधे निगम मुख्यालय से हो सकेगी।
शिमला , 4 जुलाई, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! हिमाचल प्रदेश विधानसभा के पेपरलेस होने का बाद सरकार के सभी विभागों निगम और बोर्ड में इस प्रक्रिया को अपनाया जा रहा रहा है।HPTDC ने भी अब इस प्रकिया के तहत हाईटेक हो गया है। अब पर्यटन विकास निगम (एचपीटीडीसी)पेपरलेस हो गया है ।
निगम के सभी होटल, रेस्टोरेंट और कैफे का रिकाॅर्ड डिजिटल हो गया है। इससे एचपीटीडीसी को घाटे से उबारने में मदद मिलेगी।वही निगम के सारे रिकॉर्ड अब फाइलों की जगह ऑनलाइन मिलेगा इसके अलावा होटलों के हर कामकाज की जानकारी का रिकाॅर्ड ई-आफिस पर ऑनलाइन मिलेगा। अधिकारी कार्यालय, घर एवं प्रदेश के बाहर कहीं से भी फाइलों को डिजिटल साइन के माध्यम से निपटा सकेंगे। एचपीटीडीसी सरकार का पहला उपक्रम है, जिसे पूरी तरह से ई-आफिस की सुविधा से जोड़ा गया है। इसका मकसद निगम के कामकाज को पूरी तरह पेपरलेस बनाना है।
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हिमाचल पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक राजीव कुमार ने कहा कि पेपरलेस की प्रक्रिया इस वर्ष के जनवरी माह से आरंभ हो गयी थी।अब HPTDC पूरी तरह पेपरलेस हो गया है।अगर कर्मचारी छुट्टी पर चले जाएं तो जारी प्रभावित होता था परंतु पेपरलेस के बाद कार्य प्रभावित नही होता और साथ ही इस प्रक्रिया से अतिरिक्त खर्चा भी कम हो गया है।पेपरलेस प्रक्रिया केबलिये कर्मचारियों को हिप में प्रशिक्षण दिया गया ।सभी कर्मचारियों को पेपरलेस प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षित किया गया।अगर कर्मचारी या अधिकारी फील्ड पर भी हो फिर भी कार्य को मोबाइल के माध्यम से उसी समय ई प्रणाली के तहत निपटा सकते है।
बाद अब प्रदेशभर की 65 होटल इकाइयों को ई-आफिस की सुविधा से लैस किया गया है। पहले कार्यालय में एक से दूसरी जगह जाकर फाइलों को मंजूरी मिलती थी। इसमें काफी समय और टेबलों पर फाइलों का ढेर लग जाता था। अफसर घर बैठे या टूर पर भी फाइलों को निपटा सकेंगे। इससे फाइलें लंबित नहीं होगी। कामकाज में तेजी आएगी।
इसके साथ ही प्रदेश के किसी भी होटल इकाई का स्टेटस कंप्यूटर पर एक क्लिक पर अपडेट हो सकेगा। उल्लेखनीय है कि एचपीटीडीसी के पूरे प्रदेश में करीब 16 कांप्लेक्स इंचार्ज हैं, जिनके अंदर सभी यूनिट हैं। इन सभी यूनिट्स पर एक साथ नजर रख पाना निगम प्रबंधन के लिए चुनौती भरा था। लेकिन अब निगरानी सीधे निगम मुख्यालय से हो सकेगी।
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