सरकार ने मेरी सुनी होती तो जिंदा होते विमल नेगी, सीबीआई जांच होगी तो खुलेगीं बड़ी परतें, सीएम सुक्खू का मानसिक संतुलन नहीं ठीक, मीणा और देश राज को आखिर क्यों बचा रही सरकार -बिक्रम सिंह ठाकुर
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शिमला , 10 अप्रैल [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड में पिछले कुछ समय से बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार व अनियमिताएं हो रही है जिसमें राजनीतिक लोगों की मिलीभगत भी है। पेखूवेला और शॉन्गटोंग पॉवर प्रोजेक्ट में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है जिसको लेकर सितंबर 2024 में सरकार को आगाह किया गया था अगर सरकार ने मेरी बात सुन ली होती तो विमल नेगी आज जिन्दा होते। यह बात शिमला में भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने पत्रकार वार्ता के दौरान कही। बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि ऊना के पेखूवेला प्रोजेक्ट में 220 करोड़ लागत आई है जबकि उसके समान गुजरात में बने प्रोजेक्ट में 144 करोड़ लगा है। प्रति मेगावाट कॉस्ट भी 6.84 करोड़ प्रति आई है जबकि 4.90 करोड़ मेगा वाट लागत पूरे देश में निर्धारित है। इसी तरह 1724 करोड़ की लागत से शॉन्गटोंग प्रोजेक्ट बनना था लेकिन उसमें 2230 करोड़ खर्च हो चुके हैं लेकिन काम भी आधा ही हुआ है। दोनों प्रोजेक्ट्स में राजनीतिक मिलीभगत से भ्रष्टाचार हुआ है इसलिए सरकार हरिकेश मीणा और देश राज को बचाने में लगी है। सरकार सीबीआई जांच से भाग रही है क्योंकि जांच में बड़ी परतें खुलेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से जब भी सीबीआई जांच की मांग करते हैं तो वह हल्की मानसिकता के साथ बात करते हैं जिससे लगता है कि उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है। बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि दो साल से एचपीपीसीएल के अध्यक्ष भी वर्तमान मुख्य सचिव हैं शायद इसी लिए मुख्य सचिव को छह महीने का सेवा विस्तार भी मिला है। एचपीपीसीएल के अलावा अन्य विभागों में भी ऐसे ही हालात हैं।
शिमला , 10 अप्रैल [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश पॉवर कॉरपोरेशन लिमिटेड में पिछले कुछ समय से बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार व अनियमिताएं हो रही है जिसमें राजनीतिक लोगों की मिलीभगत भी है। पेखूवेला और शॉन्गटोंग पॉवर प्रोजेक्ट में बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है जिसको लेकर सितंबर 2024 में सरकार को आगाह किया गया था अगर सरकार ने मेरी बात सुन ली होती तो विमल नेगी आज जिन्दा होते। यह बात शिमला में भाजपा विधायक व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने पत्रकार वार्ता के दौरान कही।
बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि ऊना के पेखूवेला प्रोजेक्ट में 220 करोड़ लागत आई है जबकि उसके समान गुजरात में बने प्रोजेक्ट में 144 करोड़ लगा है। प्रति मेगावाट कॉस्ट भी 6.84 करोड़ प्रति आई है जबकि 4.90 करोड़ मेगा वाट लागत पूरे देश में निर्धारित है। इसी तरह 1724 करोड़ की लागत से शॉन्गटोंग प्रोजेक्ट बनना था लेकिन उसमें 2230 करोड़ खर्च हो चुके हैं लेकिन काम भी आधा ही हुआ है।
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दोनों प्रोजेक्ट्स में राजनीतिक मिलीभगत से भ्रष्टाचार हुआ है इसलिए सरकार हरिकेश मीणा और देश राज को बचाने में लगी है। सरकार सीबीआई जांच से भाग रही है क्योंकि जांच में बड़ी परतें खुलेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू से जब भी सीबीआई जांच की मांग करते हैं तो वह हल्की मानसिकता के साथ बात करते हैं जिससे लगता है कि उनका मानसिक संतुलन ठीक नहीं है।
बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि दो साल से एचपीपीसीएल के अध्यक्ष भी वर्तमान मुख्य सचिव हैं शायद इसी लिए मुख्य सचिव को छह महीने का सेवा विस्तार भी मिला है। एचपीपीसीएल के अलावा अन्य विभागों में भी ऐसे ही हालात हैं।
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