बोले इंफ्रास्ट्रक्चर के अभाव में कांस्य पदक से करना पड़ रहा संतोष।
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शिमला , 29 जनवरी [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश की आइस हॉकी महिला और पुरुष टीम ने लेह में आयोजित खेलो इंडिया विंटर गेम्स 2025 में कांस्य पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया है। लेह में हुई यह खेलो इंडिया विंटर गेम्स 5 वीं बार आयोजित हुईं, जबकि हिमाचल प्रदेश की टीम ने चौथी बार इन गेम्स में भाग लिया। यह प्रतियोगिता 23 से 27 जनवरी तक आयोजित हुई। महिला और पुरुष टीम ने शिमला में पत्रकारों से अपने अनुभव साझा किए और कहा कि सुविधाओं की कमी के कारण उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ रहा है। इस दौरान महिला और पुरुष टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे खिलाड़ियों ने बताया कि इस बार उनका प्रदर्शन पहले से बेहतर रहा है। पुरुष टिम ने पिछली बार भी ब्रॉन्ज जीता था। उन्होंने बताया कि उन्हें आइस प्रैक्टिस के लिए ज्यादा नहीं मिल पाती हैं। आईटीबीपी की टीम से उनकी हार हुई है। आईटीबीपी चार से पांच घंटे प्रैक्टिस करती हैं। उन्होंने कहा कि लेह-लद्दाख, आई.टी.बी.पी. और आर्मी की टीमें जिनसे हिमाचल की टीम हारी है, उनके पास बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर है और उन्हें वर्ष में 10 से 12 महीने प्रशिक्षण के लिए आइस रिंक मिलता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में अगर इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होता है तो हिमाचल की टीम और बेहतर प्रदर्शन कर सकती है। आइस हॉकी एसोसिएशन ऑफ हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष अभय डोगरा और महासचिव रजत मल्होत्रा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश की महिला व पुुरुष आइस हॉकी टीमों का प्रदर्शन खेलो इंडिया विंटर गेम्स में शानदार रहा। उन्होंने बताया कि पिछली बार भी हिमाचल की टीम ने कांस्य पदक हासिल किया था और इस बार भी कांस्य पदक ही हासिल किए, लेकिन इस बार बीते वर्षों की तुलना में इस बार हिमाचल की टीमों का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा। उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में नैशनल गेम्स आइस हॉकी का शैड्यूल भी जारी होने वाला है और यह गेम्स देहरादून में होंगी और उम्मीद है कि हिमाचल की टीमें इन गेम्स में अच्छा प्रदर्शन पदक हासिल करेंगी।
शिमला , 29 जनवरी [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश की आइस हॉकी महिला और पुरुष टीम ने लेह में आयोजित खेलो इंडिया विंटर गेम्स 2025 में कांस्य पदक जीतकर प्रदेश का नाम रोशन किया है। लेह में हुई यह खेलो इंडिया विंटर गेम्स 5 वीं बार आयोजित हुईं, जबकि हिमाचल प्रदेश की टीम ने चौथी बार इन गेम्स में भाग लिया। यह प्रतियोगिता 23 से 27 जनवरी तक आयोजित हुई। महिला और पुरुष टीम ने शिमला में पत्रकारों से अपने अनुभव साझा किए और कहा कि सुविधाओं की कमी के कारण उन्हें कांस्य पदक से ही संतोष करना पड़ रहा है।
इस दौरान महिला और पुरुष टीम का प्रतिनिधित्व कर रहे खिलाड़ियों ने बताया कि इस बार उनका प्रदर्शन पहले से बेहतर रहा है। पुरुष टिम ने पिछली बार भी ब्रॉन्ज जीता था। उन्होंने बताया कि उन्हें आइस प्रैक्टिस के लिए ज्यादा नहीं मिल पाती हैं। आईटीबीपी की टीम से उनकी हार हुई है।
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आईटीबीपी चार से पांच घंटे प्रैक्टिस करती हैं। उन्होंने कहा कि लेह-लद्दाख, आई.टी.बी.पी. और आर्मी की टीमें जिनसे हिमाचल की टीम हारी है, उनके पास बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर है और उन्हें वर्ष में 10 से 12 महीने प्रशिक्षण के लिए आइस रिंक मिलता है। उन्होंने कहा कि हिमाचल में अगर इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होता है तो हिमाचल की टीम और बेहतर प्रदर्शन कर सकती है।
आइस हॉकी एसोसिएशन ऑफ हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष अभय डोगरा और महासचिव रजत मल्होत्रा ने बताया कि हिमाचल प्रदेश की महिला व पुुरुष आइस हॉकी टीमों का प्रदर्शन खेलो इंडिया विंटर गेम्स में शानदार रहा। उन्होंने बताया कि पिछली बार भी हिमाचल की टीम ने कांस्य पदक हासिल किया था और इस बार भी कांस्य पदक ही हासिल किए, लेकिन इस बार बीते वर्षों की तुलना में इस बार हिमाचल की टीमों का प्रदर्शन काफी बेहतर रहा। उन्होंने बताया कि आगामी दिनों में नैशनल गेम्स आइस हॉकी का शैड्यूल भी जारी होने वाला है और यह गेम्स देहरादून में होंगी और उम्मीद है कि हिमाचल की टीमें इन गेम्स में अच्छा प्रदर्शन पदक हासिल करेंगी।
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