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शिमला ! समाजसेवी और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त और हिमाचल प्रदेश के प्रख्यात लेखक हेमराज चौहान की पुस्तक ' झूठ के शहर में 'का विमोचन माननीय राज्यपाल हिमाचल प्रदेश पंडित शिव प्रताप शुक्ला द्वारा किया गया। हेमराज चौहान द्वारा लिखित यह पुस्तक हिंदी गजलों की हस्ताक्षर है। राज्यपाल ने इस अवसर पर पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि हेम राज चौहान की गज़ले समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को स्पर्श करती है। रचनाओं में राष्ट्रवादिता, उत्पीड़न के ख़िलाफ संघर्ष, सामाजिक चुनौती, धर्मआडम्बरों पर प्रहार स्पष्ट दिखाई देता है। महामहिम ने इसी प्रकार की लेखनी में निरंतरता बनाये रखने के लिए साधुवाद और शुभकामनायें दी। हेमराज चौहान की इससे पूर्व 9 किताबें छप चुकी है साथ ही अनेक पुस्तकों का संकलन भी इनके द्वारा किया गया है। गजलों के अलावा साहित्यिक क्षेत्र में कविता, गजलें, आलेख,पहाड़ी कविता, पहाड़ी कहानी, हिंदी कहानी, नाटक और दोहावली आदि में भी इनकी लेखनी निरंतर प्रयासरत है। 'मुझे बंद आंखों से देखो' और 'सच जो कड़वा है' आदि पुस्तके इनकी प्रसिद्ध पुस्तकों में शामिल है। इस पुस्तक के लेखक हेम राज चौहान ने बताया कि महामहिम की प्रेरणा उन्हें प्रोत्साहित करती है। मेरा प्रयास है कि समाज के हर पहलु पर कलम से साक्षात्कार करूँ। इसके पश्चात पहाड़ी कविताओं और कहानियों की पुस्तक के अलावा एक दोहावली पुस्तक भी शीघ्र ही पाठकों के हाथ में होगी। उन्होंने कहा कि झूठ के शहर में पुस्तक गज़लों को एक दिशा देने और नये लेखकों का मार्गदर्शन करेंगी। लेखक सामाजिक सेवाओं के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके है तथा देश में प्रदेश का अनेकों बार प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा विदेशों में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है। अनेक समाचार पत्रों तथा मैगज़ीन का संपादन किया तथा नशा निवारण पर पुरे प्रदेश में अभियान का संचालन किया। राजभवन में हुए विमोचन समारोह में लेखक हेमराज चौहान के साथ सामाजिक कार्यकर्ता मनजीत सिंह कँवर और महिला मण्डल अध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्त्ता सीमा चौहान भी उपस्थित रहे।
शिमला ! समाजसेवी और राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त और हिमाचल प्रदेश के प्रख्यात लेखक हेमराज चौहान की पुस्तक ' झूठ के शहर में 'का विमोचन माननीय राज्यपाल हिमाचल प्रदेश पंडित शिव प्रताप शुक्ला द्वारा किया गया। हेमराज चौहान द्वारा लिखित यह पुस्तक हिंदी गजलों की हस्ताक्षर है। राज्यपाल ने इस अवसर पर पुस्तक की सराहना करते हुए कहा कि हेम राज चौहान की गज़ले समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को स्पर्श करती है। रचनाओं में राष्ट्रवादिता, उत्पीड़न के ख़िलाफ संघर्ष, सामाजिक चुनौती, धर्मआडम्बरों पर प्रहार स्पष्ट दिखाई देता है। महामहिम ने इसी प्रकार की लेखनी में निरंतरता बनाये रखने के लिए साधुवाद और शुभकामनायें दी।
हेमराज चौहान की इससे पूर्व 9 किताबें छप चुकी है साथ ही अनेक पुस्तकों का संकलन भी इनके द्वारा किया गया है। गजलों के अलावा साहित्यिक क्षेत्र में कविता, गजलें, आलेख,पहाड़ी कविता, पहाड़ी कहानी, हिंदी कहानी, नाटक और दोहावली आदि में भी इनकी लेखनी निरंतर प्रयासरत है। 'मुझे बंद आंखों से देखो' और 'सच जो कड़वा है' आदि पुस्तके इनकी प्रसिद्ध पुस्तकों में शामिल है।
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इस पुस्तक के लेखक हेम राज चौहान ने बताया कि महामहिम की प्रेरणा उन्हें प्रोत्साहित करती है। मेरा प्रयास है कि समाज के हर पहलु पर कलम से साक्षात्कार करूँ। इसके पश्चात पहाड़ी कविताओं और कहानियों की पुस्तक के अलावा एक दोहावली पुस्तक भी शीघ्र ही पाठकों के हाथ में होगी। उन्होंने कहा कि झूठ के शहर में पुस्तक गज़लों को एक दिशा देने और नये लेखकों का मार्गदर्शन करेंगी। लेखक सामाजिक सेवाओं के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त कर चुके है तथा देश में प्रदेश का अनेकों बार प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा विदेशों में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया है। अनेक समाचार पत्रों तथा मैगज़ीन का संपादन किया तथा नशा निवारण पर पुरे प्रदेश में अभियान का संचालन किया।
राजभवन में हुए विमोचन समारोह में लेखक हेमराज चौहान के साथ सामाजिक कार्यकर्ता मनजीत सिंह कँवर और महिला मण्डल अध्यक्ष व सामाजिक कार्यकर्त्ता सीमा चौहान भी उपस्थित रहे।
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