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शिमला , 13 मार्च [ विशाल डूड ] ! आज हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की गैर मौजूदगी में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 प्रस्तुत किया। यह रिपोर्ट राज्य की आर्थिक स्थिति, चुनौतियों और विकास योजनाओं की व्यापक जानकारी देती है। सर्वेक्षण के अनुसार, हिमाचल प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) वित्त वर्ष 2024-25 में ₹2,32,185 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10.2% अधिक है। राज्य की प्रति व्यक्ति आय ₹2,57,212 तक पहुंचने का अनुमान है, जो 9.6% की वृद्धि को दर्शाता है। सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य की अर्थव्यवस्था तीन मुख्य क्षेत्रों—प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक—पर आधारित है। सेवा क्षेत्र (तृतीयक क्षेत्र) का GSDP में 45.3% योगदान रहा। औद्योगिक क्षेत्र (द्वितीयक क्षेत्र) का हिस्सा 39.5% रहा, जिसमें निर्माण और विनिर्माण क्षेत्र का प्रमुख योगदान है। कृषि और संबद्ध क्षेत्र (प्राथमिक क्षेत्र) का योगदान 15.2% दर्ज किया गया। हिमाचल की अर्थव्यवस्था में कृषि और संबद्ध क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। वर्ष 2020-21 में इस क्षेत्र का मूल्य ₹20,838 करोड़ था, जो 2024-25 में बढ़कर ₹31,879 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। फसल उत्पादन में 78% की वृद्धि हुई है, जबकि पशुधन क्षेत्र में 5.2% की वृद्धि दर्ज की गई। राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलें शुरू की हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि दर 8.1% रहने की उम्मीद है, जबकि विनिर्माण क्षेत्र में 7.1% और निर्माण क्षेत्र में 9.4% वृद्धि का अनुमान है। हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन क्षेत्र का योगदान 7.78% है। 2024 में पर्यटकों की संख्या 181.24 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है, जो महामारी के बाद पर्यटन में तेज़ी को दर्शाता है। जलविद्युत उत्पादन की क्षमता है, जिसमें से 11,290 मेगावाट का दोहन किया जा चुका है। सरकार इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की योजना बना रही है।हिमाचल प्रदेश में मुद्रास्फीति दर में गिरावट दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2023-24 में यह 5.0% थी, जो 2024-25 में घटकर 4.2% रह गई है। राज्य की श्रम भागीदारी दर (LFPR) 60.5% दर्ज की गई, जो उत्तराखंड (46.2%), पंजाब (43.7%) और हरियाणा (37.4%) से अधिक है। स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार हुआ है, जहां 115 सिविल अस्पताल, 106 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 2,114 स्वास्थ्य उपकेंद्र कार्यरत हैं। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार आर्थिक सुधारों और बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दे रही है। सरकार की नीतियां हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होंगी। आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 हिमाचल प्रदेश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को दर्शाता है। उद्योग, कृषि, पर्यटन और ऊर्जा क्षेत्र में हो रहे सुधारों से राज्य की आर्थिक स्थिति और मज़बूत होगी।
शिमला , 13 मार्च [ विशाल डूड ] ! आज हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की गैर मौजूदगी में उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा में मंगलवार को आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 प्रस्तुत किया। यह रिपोर्ट राज्य की आर्थिक स्थिति, चुनौतियों और विकास योजनाओं की व्यापक जानकारी देती है। सर्वेक्षण के अनुसार, हिमाचल प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) वित्त वर्ष 2024-25 में ₹2,32,185 करोड़ तक पहुंचने का अनुमान है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 10.2% अधिक है। राज्य की प्रति व्यक्ति आय ₹2,57,212 तक पहुंचने का अनुमान है, जो 9.6% की वृद्धि को दर्शाता है।
सर्वेक्षण के अनुसार, राज्य की अर्थव्यवस्था तीन मुख्य क्षेत्रों—प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक—पर आधारित है।
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सेवा क्षेत्र (तृतीयक क्षेत्र) का GSDP में 45.3% योगदान रहा।
औद्योगिक क्षेत्र (द्वितीयक क्षेत्र) का हिस्सा 39.5% रहा, जिसमें निर्माण और विनिर्माण क्षेत्र का प्रमुख योगदान है।
कृषि और संबद्ध क्षेत्र (प्राथमिक क्षेत्र) का योगदान 15.2% दर्ज किया गया।
हिमाचल की अर्थव्यवस्था में कृषि और संबद्ध क्षेत्र का महत्वपूर्ण योगदान है। वर्ष 2020-21 में इस क्षेत्र का मूल्य ₹20,838 करोड़ था, जो 2024-25 में बढ़कर ₹31,879 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। फसल उत्पादन में 78% की वृद्धि हुई है, जबकि पशुधन क्षेत्र में 5.2% की वृद्धि दर्ज की गई।
राज्य सरकार ने औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए विभिन्न पहलें शुरू की हैं। वित्त वर्ष 2024-25 में औद्योगिक क्षेत्र की वृद्धि दर 8.1% रहने की उम्मीद है, जबकि विनिर्माण क्षेत्र में 7.1% और निर्माण क्षेत्र में 9.4% वृद्धि का अनुमान है।
हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था में पर्यटन क्षेत्र का योगदान 7.78% है। 2024 में पर्यटकों की संख्या 181.24 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है, जो महामारी के बाद पर्यटन में तेज़ी को दर्शाता है।
जलविद्युत उत्पादन की क्षमता है, जिसमें से 11,290 मेगावाट का दोहन किया जा चुका है। सरकार इस क्षेत्र में निवेश बढ़ाने की योजना बना रही है।हिमाचल प्रदेश में मुद्रास्फीति दर में गिरावट दर्ज की गई है। वित्त वर्ष 2023-24 में यह 5.0% थी, जो 2024-25 में घटकर 4.2% रह गई है।
राज्य की श्रम भागीदारी दर (LFPR) 60.5% दर्ज की गई, जो उत्तराखंड (46.2%), पंजाब (43.7%) और हरियाणा (37.4%) से अधिक है। स्वास्थ्य सेवाओं में भी सुधार हुआ है, जहां 115 सिविल अस्पताल, 106 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 2,114 स्वास्थ्य उपकेंद्र कार्यरत हैं।
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार आर्थिक सुधारों और बुनियादी ढांचे के विकास को प्राथमिकता दे रही है। सरकार की नीतियां हिमाचल को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित होंगी।
आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 हिमाचल प्रदेश की तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था को दर्शाता है। उद्योग, कृषि, पर्यटन और ऊर्जा क्षेत्र में हो रहे सुधारों से राज्य की आर्थिक स्थिति और मज़बूत होगी।
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