!!"27 अगस्त से 10 सितंबर तक हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र का हुआ संचालन जिसमे 53 घंटे सदन की कारवाई चलाई गई"!!
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शिमला, 10 सितम्बर, [ विशाल सूद ] ! मध्य प्रदेश में विधानसभा सत्र कि कल 11 बैठकर आयोजित की गई जिसमें 53 घंटे सदन की कार्रवाई सुहागपुर वातावरण में संचालित की गई । सदन की कार्रवाई के दौरान विभिन्न प्रश्नों एवम नियमों के माध्यम से जिसके महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करवाई गई । इस दौरान सदन के भीतर सत्ता पक्ष तथा विपक्ष द्वारा तीखी नोंक झोंक भी देखने को मिली। मानसून सत्र के दौरान सरकार द्वारा कई विधायकों को भी सदन में चर्चा के लिए लाया गया और उन विधेयकों को ध्वनि मत से पारित भी किया गया। विधानसभा मानसून सत्र की समाप्ति के उपरांत हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र का आगाज 27 अगस्त से लेकर 10 सितंबर तक किया गया जिसमें सदन के भीतर 53 घंटे तक चर्चा की गई । चर्चा के दौरान विभिन्न प्रश्नों और नियमों के माध्यम से नियम 62, नियम 61 , नियम 101, नियम 102 और नियम 130 के अंतर्गत सभी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। सदन के भीतर सत्ता पक्ष की ओर से सदन के नेता मुख्यमंत्री , मंत्री विधायक तथा विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष तथा विधायकों में सदन के संचालन के लिए पूरी तरह से सहयोग प्राप्त हुआ । विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विपक्ष द्वारा जिस तरह से हिमाचल प्रदेश की आर्थिक वित्तीय संकट को लेकर नियमों के तहत सदन में चर्चा मांगी थी वह अनुरूप नहीं थी जिसके चलते नियम 63 के तहत चर्चा न देकर नियम 130 के तहत सदन में इस मतवपूर्ण विषय पर चर्चा प्रदान की गई इस विषय का महत्व समझे हुए सदन की कार्रवाई 1 दिन के लिए बढ़ाई गई। वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस बार से हिमाचल प्रदेश विधानसभा सत्र के प्रश्नकाल के बाद जीरो आवर भी शुरू गया जिसके नियमों को बनाया जा रहा है और विषयों के महत्व को समझते हुए विधायकों द्वारा जीरो अवर के माध्यम से प्वाइंट आफ ऑर्डर के तहत पूछे जाने वाले विषयों को इस दौरान पूछा जाएगा। उन्होंने कहा जीरो अवर के लिए नियमों को बनाया जा रहा है जिससे आने वाले विधानसभा सत्र में लागू कर दिया जाएगा।
शिमला, 10 सितम्बर, [ विशाल सूद ] ! मध्य प्रदेश में विधानसभा सत्र कि कल 11 बैठकर आयोजित की गई जिसमें 53 घंटे सदन की कार्रवाई सुहागपुर वातावरण में संचालित की गई । सदन की कार्रवाई के दौरान विभिन्न प्रश्नों एवम नियमों के माध्यम से जिसके महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा करवाई गई । इस दौरान सदन के भीतर सत्ता पक्ष तथा विपक्ष द्वारा तीखी नोंक झोंक भी देखने को मिली। मानसून सत्र के दौरान सरकार द्वारा कई विधायकों को भी सदन में चर्चा के लिए लाया गया और उन विधेयकों को ध्वनि मत से पारित भी किया गया।
विधानसभा मानसून सत्र की समाप्ति के उपरांत हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा कि हिमाचल प्रदेश विधानसभा मानसून सत्र का आगाज 27 अगस्त से लेकर 10 सितंबर तक किया गया जिसमें सदन के भीतर 53 घंटे तक चर्चा की गई । चर्चा के दौरान विभिन्न प्रश्नों और नियमों के माध्यम से नियम 62, नियम 61 , नियम 101, नियम 102 और नियम 130 के अंतर्गत सभी महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की गई। सदन के भीतर सत्ता पक्ष की ओर से सदन के नेता मुख्यमंत्री , मंत्री विधायक तथा विपक्ष की ओर से नेता प्रतिपक्ष तथा विधायकों में सदन के संचालन के लिए पूरी तरह से सहयोग प्राप्त हुआ ।
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विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में विपक्ष द्वारा जिस तरह से हिमाचल प्रदेश की आर्थिक वित्तीय संकट को लेकर नियमों के तहत सदन में चर्चा मांगी थी वह अनुरूप नहीं थी जिसके चलते नियम 63 के तहत चर्चा न देकर नियम 130 के तहत सदन में इस मतवपूर्ण विषय पर चर्चा प्रदान की गई इस विषय का महत्व समझे हुए सदन की कार्रवाई 1 दिन के लिए बढ़ाई गई।
वहीं विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इस बार से हिमाचल प्रदेश विधानसभा सत्र के प्रश्नकाल के बाद जीरो आवर भी शुरू गया जिसके नियमों को बनाया जा रहा है और विषयों के महत्व को समझते हुए विधायकों द्वारा जीरो अवर के माध्यम से प्वाइंट आफ ऑर्डर के तहत पूछे जाने वाले विषयों को इस दौरान पूछा जाएगा। उन्होंने कहा जीरो अवर के लिए नियमों को बनाया जा रहा है जिससे आने वाले विधानसभा सत्र में लागू कर दिया जाएगा।
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