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शिमला, 23 जुलाई ! केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व राष्ट्रीय फेडरेशनों के आह्वान पर मजदूरों व कर्मचारियों की मांगों पर आज शिमला में राज्य स्तरीय अधिवेशन आयोजित किया गया। इस अधिवेशन में मजदूरों के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने मजदूरों के हितों को लेकर संबोधित किया । अधिवेशन में आगामी 9 अगस्त को होने वाले राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों को लेकर भी रणनीति बनाई गई। विओ- सिटी के राष्ट्रीय सचिव डॉ कश्मीर सिंह ठाकुर ने बताया कि देश मे मजदूर हितों और मांगों को लेकर आगामी 9 अगस्त को देशव्यापी प्रदर्शन किए जायेगे। उन्होंने कहा कि केंद्र की मजदूर नीतियों के कारण मजदूरों के हितों से खिलवाड़ हो रहा है और विभिन्न सरकारी संस्थानों के निजीकरण से वहाँ कार्य करने वाले मजदूरों को घातक असर होता हैं ऐसे मे मजदूर हितों के विभिन्न पहलुओं पर आगामी 9 अगस्त को एश भरा मे धरना- प्रदर्शन किए जायेगे । उन्होंने बताया कि केंद्र द्वारा बनाए गए मजदूरों के लिए नए कानूनों से मजदूरों के हितों से खिलवाड़ हुआ है वहीं संस्थानों के निजीकरण वह मनरेगा के बजट में कटौती हिमाचल में भी लाखो मजदूर प्रभावित हो रहे है । इसलिए नये लेबल कोड को निरस्त करने, स्वामीनाथन कमीशन की शर्तें लागू करने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने और न्यूनतम वेतन जैसे 18 सूत्रीय मांगपत्र के साथ देश भरा मे प्रदर्शन किया जाएगा।
शिमला, 23 जुलाई ! केंद्रीय ट्रेड यूनियनों व राष्ट्रीय फेडरेशनों के आह्वान पर मजदूरों व कर्मचारियों की मांगों पर आज शिमला में राज्य स्तरीय अधिवेशन आयोजित किया गया। इस अधिवेशन में मजदूरों के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधियों ने मजदूरों के हितों को लेकर संबोधित किया । अधिवेशन में आगामी 9 अगस्त को होने वाले राष्ट्रव्यापी प्रदर्शनों को लेकर भी रणनीति बनाई गई।
विओ- सिटी के राष्ट्रीय सचिव डॉ कश्मीर सिंह ठाकुर ने बताया कि देश मे मजदूर हितों और मांगों को लेकर आगामी 9 अगस्त को देशव्यापी प्रदर्शन किए जायेगे। उन्होंने कहा कि केंद्र की मजदूर नीतियों के कारण मजदूरों के हितों से खिलवाड़ हो रहा है और विभिन्न सरकारी संस्थानों के निजीकरण से वहाँ कार्य करने वाले मजदूरों को घातक असर होता हैं ऐसे मे मजदूर हितों के विभिन्न पहलुओं पर आगामी 9 अगस्त को एश भरा मे धरना- प्रदर्शन किए जायेगे ।
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उन्होंने बताया कि केंद्र द्वारा बनाए गए मजदूरों के लिए नए कानूनों से मजदूरों के हितों से खिलवाड़ हुआ है वहीं संस्थानों के निजीकरण वह मनरेगा के बजट में कटौती हिमाचल में भी लाखो मजदूर प्रभावित हो रहे है । इसलिए नये लेबल कोड को निरस्त करने, स्वामीनाथन कमीशन की शर्तें लागू करने किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने और न्यूनतम वेतन जैसे 18 सूत्रीय मांगपत्र के साथ देश भरा मे प्रदर्शन किया जाएगा।
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