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शिमला, 14 अगस्त, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से गत मंगलवार को हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने राजभवन में भेंट की और उनसे अपने अनुभव साझा किए। राज्यपाल ने प्रशिक्षु अधिकारियों को बधाई देते हुए उन्हें हिमाचल की देव संस्कृति के संरक्षण, नशामुक्ति के प्रयास तथा सामाजिक सरोकार के कार्यों को प्राथमिकता देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश को देश में अग्रणी राज्य के रूप में जाना जाता है। युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृति चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि कानून कार्यान्वयन एजेंसियां अपने स्तर पर कार्य कर रही हैं, लेकिन इस सामाजिक बुराई को पंचायती राज संस्थाओं के सहयोग से दूर किया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों से इसे गंभीरता से लेने और लोगों को इस बारे शिक्षित व जागरूक करने पर बल दिया। शिव प्रताप शुक्ल ने अधिकारियों से कहा कि वह निजी हित से ऊपर उठकर, प्रदेश और प्रदेशवासियों के हितों को सदैव विशेष अधिमान दें। उन्होंने कहा कि अधिकार और कर्तव्य दोनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने पर्यावरण में हो रहे बदलाव, अवैध खनन, कानूनी संशोधन, कौशल विकास, सांस्कृतिक बदलाव इत्यादि विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षु अधिकारियों से बातचीत की और उनसे विचार साझा किए।राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
शिमला, 14 अगस्त, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] !
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल से गत मंगलवार को हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों ने राजभवन में भेंट की और उनसे अपने अनुभव साझा किए।
राज्यपाल ने प्रशिक्षु अधिकारियों को बधाई देते हुए उन्हें हिमाचल की देव संस्कृति के संरक्षण, नशामुक्ति के प्रयास तथा सामाजिक सरोकार के कार्यों को प्राथमिकता देने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हिमाचल प्रदेश को देश में अग्रणी राज्य के रूप में जाना जाता है। युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृति चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि कानून कार्यान्वयन एजेंसियां अपने स्तर पर कार्य कर रही हैं, लेकिन इस सामाजिक बुराई को पंचायती राज संस्थाओं के सहयोग से दूर किया जा सकता है। उन्होंने अधिकारियों से इसे गंभीरता से लेने और लोगों को इस बारे शिक्षित व जागरूक करने पर बल दिया।
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शिव प्रताप शुक्ल ने अधिकारियों से कहा कि वह निजी हित से ऊपर उठकर, प्रदेश और प्रदेशवासियों के हितों को सदैव विशेष अधिमान दें। उन्होंने कहा कि अधिकार और कर्तव्य दोनों ही एक-दूसरे के पूरक हैं। उन्होंने पर्यावरण में हो रहे बदलाव, अवैध खनन, कानूनी संशोधन, कौशल विकास, सांस्कृतिक बदलाव इत्यादि विभिन्न विषयों पर प्रशिक्षु अधिकारियों से बातचीत की और उनसे विचार साझा किए।
राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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