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शिमला, 8 जनवरी [ विशाल सूद ] ! पत्रकारों के हित के लिए लगातार कार्य कर रही मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन (रजिस्टर्ड) ने सरकार से 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके सभी पत्रकारों के लिए पेंशन के अलावा कईं अन्य मांगें सरकार के समक्ष रखी है। एसोसिएशन की ओर से बिना किसी संगठनात्मक भेदभाव के सभी पत्रकारों के हित को देखते हुए सरकार से इन मांगों को पूरा करने की अपील की है। इसे लेकर एसोसिएशन की ओर से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को एक ज्ञापन भी भेजा गया है। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भेजे पत्र के बारे में बताते हुए एमडब्ल्यूबी के अध्यक्ष चंद्रशेखर धरणी ने कहा कि अभी केवल कुछ ही पत्रकार सरकार की ओर से दी जा रही पेंशन सुविधा का लाभ ले पा रहे हैं। इसलिए सरकार को बुजुर्ग पत्रकारों की परेशानी को समझते हुए इसे सभी पत्रकारों के लिए लागू करना चाहिए। धरणी ने कहा कि 20 वर्ष की पत्रकारिता का कार्य पूरा कर चुके 60 वर्ष की आयु वाले पत्रकारों को पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए, क्योंकि अपने 20 वर्ष के कार्यकाल के दौरान एक पत्रकार कईं संस्थानों में कार्य कर चुका होता है और वह सभी संस्थान सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त होते हैं। इसलिए सरकार को पत्रकारों के हित को देखते हुए पत्रकारिता पेंशन बनाने के नियमों में सरलीकरण करना चाहिए, जिससे अधिकांश पत्रकारों को पेंशन का लाभ मिल सके। सरकार को चाहिए वह पत्रकार के 20 वर्ष के अनुभव के प्रमाण पत्र के रूप में कोई भी नियुक्ति पत्र या परिचय पत्र के आधार और आयु प्रमाण पत्र के आधार पर पत्रकारों को पेंशन का लाभ दें, जिससे अधिकांश पत्रकार सरकार की योजना का लाभ उठा सके।उन्होंने कहा कि पत्रकार नि:स्वार्थ भाव से अपनी जान जोखिम में डाल कर दिन-रात आमजन की समस्याओं को सरकार तक पहुंचता है। इसके साथ ही सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने में भी पत्रकार की अहम भूमिका रहती है। इसलिए 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके पत्रकारों के हित को देखते हुए सरकार को पत्रकारिता पेंशन योजना के नियमों में सरलीकरण करना चाहिए। फिलहाल 20 साल के अनुभव के साथ 5 साल की मान्यता के पेंच को समाप्त कर पत्रकारों के हित महत्वपूर्ण कदम उठाए। इन मांगों को भी पूरा कर सरकार - धरणीचंद्रशेखर धरणी ने कहा कि हरियाणा में मान्यता प्राप्त पत्रकारों को जो सरकार चार हजार किलोमीटर की निर्धारित सुविधा है, वह सरकार को अनलिमिटेड करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के बच्चों को शिक्षा और नौकरी में सरकार की ओर से 4 प्रतिशत आरक्षण निर्धारित करना चाहिए, जिससे मीडिया जगत से जुड़े परिवारों के बच्चे पढ़ लिखकर हताश व निराशा के भंवर में ना फंसे। मेहता ने कहा कि मीडिया जगत को हाउसिंग बोर्ड में हाउसिंग सोसाइटी बनाने व आवासीय सुविधा देने के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने जो घोषणा की है, उसे जिला स्तर पर यह सुविधा जल्द से जल्द शूरू करनी चाहिए। चंडीगढ़ तथा दिल्ली में कार्यरत हरियाणा से संबंधित मान्यता प्राप्त पत्रकारों के परिजनों को भी यह अधिकार मिलना चाहिए।पहले की तरह रहे प्रेस मान्यता नवीनीकरण नियमधरणी ने कहा कि पहले किसी भी समाचार पत्र को प्रेस मान्यता नवीनीकरण के लिए आरएनआई, एबीसी, डीएवीपी और सीए प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ती थी। इस बार इनमें से सीएम प्रमाण पत्र को खत्म कर केवल आरएनआई, एबीसी और डीएवीपी के प्रमाण पत्र मांगे गए है, जिसके लिए करीब एक साल तक का समय लग जाता है। इसके चलते कई समाचार पत्र और पत्रिका के सैकड़ों मान्यता प्राप्त पत्रकार मान्यता प्राप्त की श्रेणी से बाहर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि आजादी के समय से ही लघु समाचार पत्र देश को आजाद कराने के साथ ही समाज को आइना दिखाने का काम करते हैं। इसलिए प्रेस के पहरी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को इसे लेकर पुरानी व्यवस्था ही जारी रखनी चाहिए, जिससे लघु समाचार पत्रों से जुड़े पत्रकार पूर्व की तरह से अपने परिवार का पालन कर सके।
शिमला, 8 जनवरी [ विशाल सूद ] ! पत्रकारों के हित के लिए लगातार कार्य कर रही मीडिया वेलबिंग एसोसिएशन (रजिस्टर्ड) ने सरकार से 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके सभी पत्रकारों के लिए पेंशन के अलावा कईं अन्य मांगें सरकार के समक्ष रखी है। एसोसिएशन की ओर से बिना किसी संगठनात्मक भेदभाव के सभी पत्रकारों के हित को देखते हुए सरकार से इन मांगों को पूरा करने की अपील की है। इसे लेकर एसोसिएशन की ओर से मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को एक ज्ञापन भी भेजा गया है।
मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भेजे पत्र के बारे में बताते हुए एमडब्ल्यूबी के अध्यक्ष चंद्रशेखर धरणी ने कहा कि अभी केवल कुछ ही पत्रकार सरकार की ओर से दी जा रही पेंशन सुविधा का लाभ ले पा रहे हैं। इसलिए सरकार को बुजुर्ग पत्रकारों की परेशानी को समझते हुए इसे सभी पत्रकारों के लिए लागू करना चाहिए। धरणी ने कहा कि 20 वर्ष की पत्रकारिता का कार्य पूरा कर चुके 60 वर्ष की आयु वाले पत्रकारों को पेंशन का लाभ दिया जाना चाहिए, क्योंकि अपने 20 वर्ष के कार्यकाल के दौरान एक पत्रकार कईं संस्थानों में कार्य कर चुका होता है और वह सभी संस्थान सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त होते हैं। इसलिए सरकार को पत्रकारों के हित को देखते हुए पत्रकारिता पेंशन बनाने के नियमों में सरलीकरण करना चाहिए, जिससे अधिकांश पत्रकारों को पेंशन का लाभ मिल सके। सरकार को चाहिए वह पत्रकार के 20 वर्ष के अनुभव के प्रमाण पत्र के रूप में कोई भी नियुक्ति पत्र या परिचय पत्र के आधार और आयु प्रमाण पत्र के आधार पर पत्रकारों को पेंशन का लाभ दें, जिससे अधिकांश पत्रकार सरकार की योजना का लाभ उठा सके।
उन्होंने कहा कि पत्रकार नि:स्वार्थ भाव से अपनी जान जोखिम में डाल कर दिन-रात आमजन की समस्याओं को सरकार तक पहुंचता है। इसके साथ ही सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को आमजन तक पहुंचाने में भी पत्रकार की अहम भूमिका रहती है। इसलिए 60 वर्ष की आयु पूरी कर चुके पत्रकारों के हित को देखते हुए सरकार को पत्रकारिता पेंशन योजना के नियमों में सरलीकरण करना चाहिए। फिलहाल 20 साल के अनुभव के साथ 5 साल की मान्यता के पेंच को समाप्त कर पत्रकारों के हित महत्वपूर्ण कदम उठाए।
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इन मांगों को भी पूरा कर सरकार - धरणी
चंद्रशेखर धरणी ने कहा कि हरियाणा में मान्यता प्राप्त पत्रकारों को जो सरकार चार हजार किलोमीटर की निर्धारित सुविधा है, वह सरकार को अनलिमिटेड करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पत्रकारों के बच्चों को शिक्षा और नौकरी में सरकार की ओर से 4 प्रतिशत आरक्षण निर्धारित करना चाहिए, जिससे मीडिया जगत से जुड़े परिवारों के बच्चे पढ़ लिखकर हताश व निराशा के भंवर में ना फंसे। मेहता ने कहा कि मीडिया जगत को हाउसिंग बोर्ड में हाउसिंग सोसाइटी बनाने व आवासीय सुविधा देने के लिए मुख्यमंत्री नायब सैनी ने जो घोषणा की है, उसे जिला स्तर पर यह सुविधा जल्द से जल्द शूरू करनी चाहिए। चंडीगढ़ तथा दिल्ली में कार्यरत हरियाणा से संबंधित मान्यता प्राप्त पत्रकारों के परिजनों को भी यह अधिकार मिलना चाहिए।
पहले की तरह रहे प्रेस मान्यता नवीनीकरण नियम
धरणी ने कहा कि पहले किसी भी समाचार पत्र को प्रेस मान्यता नवीनीकरण के लिए आरएनआई, एबीसी, डीएवीपी और सीए प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ती थी। इस बार इनमें से सीएम प्रमाण पत्र को खत्म कर केवल आरएनआई, एबीसी और डीएवीपी के प्रमाण पत्र मांगे गए है, जिसके लिए करीब एक साल तक का समय लग जाता है। इसके चलते कई समाचार पत्र और पत्रिका के सैकड़ों मान्यता प्राप्त पत्रकार मान्यता प्राप्त की श्रेणी से बाहर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि आजादी के समय से ही लघु समाचार पत्र देश को आजाद कराने के साथ ही समाज को आइना दिखाने का काम करते हैं। इसलिए प्रेस के पहरी और मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को इसे लेकर पुरानी व्यवस्था ही जारी रखनी चाहिए, जिससे लघु समाचार पत्रों से जुड़े पत्रकार पूर्व की तरह से अपने परिवार का पालन कर सके।
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