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शिमला , 26 नवंबर [ शिवानी ] ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को 2027 तक आत्मनिर्भर तथा 2032 तक देश का सबसे समृद्धशाली राज्य बनाने की दिशा में कार्य कर रही है, जिसके लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आज यह बात प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन एवं कृषि पारिस्थितिकी संस्था द्वारा ग्रीन हिमाचल, समृद्ध हिमाचल विषय को लेकर दी गई प्रस्तुति के दौरान कही। उन्होंने कहा कि ग्रीन हिमाचल, समृद्ध हिमाचल के लक्ष्य को केन्द्रित करते हुए प्रदेश सरकार हिमाचल को ग्रीन राज्य के रूप में विकसित करने के दृष्टिगत यहां के प्राकृतिक संसाधनों का उचित दोहन करने की दिशा में कार्य कर रही है। प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और लघु एवं सूक्ष्म उद्योग स्थापित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है ताकि युवा आत्मनिर्भर बनकर प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में अपना योगदान दे सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित किए जा रहे हैं। इसमें ड्रोन तकनीक आधारित सेवाएं महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति को केन्द्रित करते हुए निर्माण, कृषि, चिकित्सा, आपदा के दौरान खाद्य वस्तुओं का वितरण इत्यादि सेवाएं ड्रोन तकनीक के तहत महत्त्वपूर्ण साबित हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक के माध्यम से प्रदेश में लगभग 15 हजार युवाओं को रोजगार के अवसर सृजित किए जा रहे हैं। युवाओं को ड्रोन तकनीक आधारित शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अत्याधुनिक पाठ्यक्रम आरम्भ किए गए हैं जिनमें कृत्रिम मेधा जैसे विषय भी शामिल हैं। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सोलर एनर्जी के माध्यम से भी प्रदेश में लगभग तीन हजार से अधिक युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित किए जा रहे हैं। प्रदेश में घरों की छतों पर लगभग 16 लाख सोलर रूफटॉप लगाए जाएंगे। सरकार के इस कदम से प्रदेश को हरित राज्य बनाने का सपना साकार करने में सहायता मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पर्यटन राज्य भी है तथा प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन क्षेत्र का लगभग सात प्रतिशतयोगदान है। वर्ष 2023 में प्रदेश में लगभग 1.6 करोड़ पर्यटक पहुंचे। पर्यटन के माध्यम से प्रदेश के लगभग तीन लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में ई-व्हीकल्स को प्राथमिकता दी जा रही है। प्रदेश में 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना शुरू की गई है। इसके अंतर्गत ई-टैक्सी खरीदने और निजी भूमि पर सोलर पैनल लगाने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती के माध्यम से उगाई जाने वाली मक्की की खरीद के लिए राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 रुपये निर्धारित किया गया है। प्रदेश में प्राकृतिक खेती के साथ-साथ बागवानी के क्षेत्र में भी रोजगार व स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं। इसके दृष्टिगत सरकार एचपी शिवा परियोजना के माध्यम से आने वाले समय में एवोकेडो और ड्रेगन फल की भी खेती करने की संभावनाएं तलाश रही है। इससे पूर्व प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन एवं कृषि पारिस्थिकी संस्था के निदेशक राजीव अहल ने ग्रीन हिमाचल-समृद्ध हिमाचल विषय को लेकर विस्तृत प्रस्तुति दी।इस अवसर पर कृषि मंत्री चन्द्र कुमार, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, विधायक संजय अवस्थी, केवल सिंह पठानिया, सुरेश कुमार, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना सहित अन्य विभागों के सचिव उपस्थित थे।
शिमला , 26 नवंबर [ शिवानी ] ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार हिमाचल को 2027 तक आत्मनिर्भर तथा 2032 तक देश का सबसे समृद्धशाली राज्य बनाने की दिशा में कार्य कर रही है, जिसके लिए प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आज यह बात प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन एवं कृषि पारिस्थितिकी संस्था द्वारा ग्रीन हिमाचल, समृद्ध हिमाचल विषय को लेकर दी गई प्रस्तुति के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि ग्रीन हिमाचल, समृद्ध हिमाचल के लक्ष्य को केन्द्रित करते हुए प्रदेश सरकार हिमाचल को ग्रीन राज्य के रूप में विकसित करने के दृष्टिगत यहां के प्राकृतिक संसाधनों का उचित दोहन करने की दिशा में कार्य कर रही है।
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प्रदेश के युवाओं को स्वरोजगार से जोड़ने और लघु एवं सूक्ष्म उद्योग स्थापित करने की दिशा में कार्य किया जा रहा है ताकि युवा आत्मनिर्भर बनकर प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करने में अपना योगदान दे सकें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी सृजित किए जा रहे हैं। इसमें ड्रोन तकनीक आधारित सेवाएं महत्त्वपूर्ण भूमिका निभा सकती हैं। प्रदेश की भौगोलिक परिस्थिति को केन्द्रित करते हुए निर्माण, कृषि, चिकित्सा, आपदा के दौरान खाद्य वस्तुओं का वितरण इत्यादि सेवाएं ड्रोन तकनीक के तहत महत्त्वपूर्ण साबित हो सकती हैं। उन्होंने कहा कि ड्रोन तकनीक के माध्यम से प्रदेश में लगभग 15 हजार युवाओं को रोजगार के अवसर सृजित किए जा रहे हैं।
युवाओं को ड्रोन तकनीक आधारित शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रदेश के औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अत्याधुनिक पाठ्यक्रम आरम्भ किए गए हैं जिनमें कृत्रिम मेधा जैसे विषय भी शामिल हैं।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कहा कि सोलर एनर्जी के माध्यम से भी प्रदेश में लगभग तीन हजार से अधिक युवाओं के लिए रोजगार के अवसर सृजित किए जा रहे हैं। प्रदेश में घरों की छतों पर लगभग 16 लाख सोलर रूफटॉप लगाए जाएंगे। सरकार के इस कदम से प्रदेश को हरित राज्य बनाने का सपना साकार करने में सहायता मिलेगी और युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पर्यटन राज्य भी है तथा प्रदेश की जीडीपी में पर्यटन क्षेत्र का लगभग सात प्रतिशतयोगदान है। वर्ष 2023 में प्रदेश में लगभग 1.6 करोड़ पर्यटक पहुंचे। पर्यटन के माध्यम से प्रदेश के लगभग तीन लाख लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में ई-व्हीकल्स को प्राथमिकता दी जा रही है। प्रदेश में 680 करोड़ रुपये की राजीव गांधी स्टार्ट-अप योजना शुरू की गई है। इसके अंतर्गत ई-टैक्सी खरीदने और निजी भूमि पर सोलर पैनल लगाने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती के माध्यम से उगाई जाने वाली मक्की की खरीद के लिए राज्य सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य 30 रुपये निर्धारित किया गया है। प्रदेश में प्राकृतिक खेती के साथ-साथ बागवानी के क्षेत्र में भी रोजगार व स्वरोजगार की अपार संभावनाएं हैं। इसके दृष्टिगत सरकार एचपी शिवा परियोजना के माध्यम से आने वाले समय में एवोकेडो और ड्रेगन फल की भी खेती करने की संभावनाएं तलाश रही है।
इससे पूर्व प्राकृतिक संसाधन प्रबन्धन एवं कृषि पारिस्थिकी संस्था के निदेशक राजीव अहल ने ग्रीन हिमाचल-समृद्ध हिमाचल विषय को लेकर विस्तृत प्रस्तुति दी।इस अवसर पर कृषि मंत्री चन्द्र कुमार, शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर, तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी, विधायक संजय अवस्थी, केवल सिंह पठानिया, सुरेश कुमार, मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना सहित अन्य विभागों के सचिव उपस्थित थे।
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