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शिमला, 21 अगस्त, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज सोलन जिला के कैथलीघाट के नजदीक शिमला बाइपास सुरंग-1 (पोर्टल-2) शुंगल का दौरा किया। उन्होंने प्रगति कार्य का निरीक्षण किया और परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी ली।28.5 किमी लंबे फोरलेन शिमला बाइपास (पैकेज-1 व 2) पर 10.6 किमी लंबी 10 सुरंगों का निर्माण किया जाना है और इसमें 27 बड़े पुल और वायाडक्ट भी होंगे। इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने आज बाईपास की टनल 1 की बाईं ट्यूब का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने से कैथलीघाट से ढली की दूरी लगभग 15 किलोमीटर कम हो जाएगी तथा यात्रा में लगभग एक घंटे का समय बचेगा। उन्होंने कहा कि इस सुरंग के निर्माण से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने लगभग 5,000 पेड़ों को कटने से बचाया है तथा मिट्टी के कटाव को भी रोका है। उन्होंने कहा कि यह सुरंग पहाड़ी क्षेत्र में सुरक्षित तथा सुगम यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि इससे वाहनों के ईंधन की बचत होगी, जिससे वायु प्रदूषण तथा कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। वहीं, 10 सुरंगों के निर्माण से लगभग 22,500 पेड़ों को कटने से बचाया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकरी अब्दुल बासित ने राज्यपाल को अवगत करवाया कि दोनों चरणों में सुरंग की कुल लंबाई 1,410 मीटर होगी और जनवरी 2025 तक इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इस कार्य पर 90 करोड़ रुपये खर्च होंगे। उन्होंने अवगत करवाया कि शिमला बाइपास फोरलेन परियोजना की कैथलीघाट से ढली तक कुल लागत 4,800 करोड़ रुपये है और इस परियोजना को मार्च 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा। राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह और एनएचएआई के अन्य अधिकारी भी इस मौके पर उपस्थित थे।
शिमला, 21 अगस्त, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] !
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज सोलन जिला के कैथलीघाट के नजदीक शिमला बाइपास सुरंग-1 (पोर्टल-2) शुंगल का दौरा किया। उन्होंने प्रगति कार्य का निरीक्षण किया और परियोजना के बारे में विस्तार से जानकारी ली।
28.5 किमी लंबे फोरलेन शिमला बाइपास (पैकेज-1 व 2) पर 10.6 किमी लंबी 10 सुरंगों का निर्माण किया जाना है और इसमें 27 बड़े पुल और वायाडक्ट भी होंगे।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा कि उन्होंने आज बाईपास की टनल 1 की बाईं ट्यूब का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि इस परियोजना के पूरा होने से कैथलीघाट से ढली की दूरी लगभग 15 किलोमीटर कम हो जाएगी तथा यात्रा में लगभग एक घंटे का समय बचेगा। उन्होंने कहा कि इस सुरंग के निर्माण से भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने लगभग 5,000 पेड़ों को कटने से बचाया है तथा मिट्टी के कटाव को भी रोका है।
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उन्होंने कहा कि यह सुरंग पहाड़ी क्षेत्र में सुरक्षित तथा सुगम यात्रा का अनुभव प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि इससे वाहनों के ईंधन की बचत होगी, जिससे वायु प्रदूषण तथा कार्बन उत्सर्जन में भी कमी आएगी। वहीं, 10 सुरंगों के निर्माण से लगभग 22,500 पेड़ों को कटने से बचाया जाएगा। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के क्षेत्रीय अधिकरी अब्दुल बासित ने राज्यपाल को अवगत करवाया कि दोनों चरणों में सुरंग की कुल लंबाई 1,410 मीटर होगी और जनवरी 2025 तक इसका निर्माण कार्य पूरा कर लिया जाएगा। इस कार्य पर 90 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
उन्होंने अवगत करवाया कि शिमला बाइपास फोरलेन परियोजना की कैथलीघाट से ढली तक कुल लागत 4,800 करोड़ रुपये है और इस परियोजना को मार्च 2027 तक पूरा कर लिया जाएगा।
राज्यपाल के सचिव राजेश शर्मा, उपायुक्त सोलन मनमोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह और एनएचएआई के अन्य अधिकारी भी इस मौके पर उपस्थित थे।
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