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शिमला , 12 जुलाई, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज राजभवन में डॉ. भरत बरोवालिया द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘बैलेंसिंग द स्केल्स: प्रोपोरशनलिटी ऑफ संेटेंसिंग फॉर द ऑफेंस रेप’’ का विमोचन किया। यह पुस्तक भारतीय दंड सहिता 1860 की धारा-376 और नव अधिनियमित भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 64 के तहत बलात्कार के अपराध के मामले में न्यायालयों द्वारा आरोपियों को दी गई सजा पर केन्द्रित है। इस अवसर पर राज्यपाल ने लेखक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह पुस्तक आपराधिक न्याय पद्धति के सुधार के संबंध में संवाद के महत्व को प्रदर्शित करती है। उन्होंने कहा कि गहन अध्ययन एवं बौद्धिक ज्ञान से लिखी गई यह पुस्तक कानून से सम्बंध रखने वाले लोगों के लिए अमूल्य संसाधन बनेगी। यह पुस्तक कानूनी क्षेत्र से जुड़े लोगों, नीति निर्माताओं, शोधार्थियों और कानूनविदों का ज्ञान संवर्द्धन करेगी। डॉ. बरोवालिया ने पुस्तक में बलात्कार कानून और सजा देने संबंधी प्रक्रियाओं में हुए परिवर्तनों को दर्शाया है। उन्होंने बलात्कार संबंधी मामलों का अध्ययन और विश्लेषण कर महत्वपूर्ण सुधारों और ऐतिहासिक निर्णयों पर प्रकाश डाला है। डॉ. भरत बरोवालिया वर्तमान में हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, शिमला में सहायक प्रोफेसर (विधि) हैं और हिमाचल प्रदेश न्यायिक अकादमी शिमला में भी रिसोर्स पर्सन के रूप में अपनी बहुमूल्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह किताब न्याय के लिए संतुलित दृष्टिकोण को प्रेरित करेगा।हिमाचल प्रदेश लोकायुक्त न्यायमूर्ति सीबी बरोवालिया और राज्यपाल के सचिव सीपी वर्मा इस अवसर पर उपस्थित थे।
शिमला , 12 जुलाई, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] !
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज राजभवन में डॉ. भरत बरोवालिया द्वारा लिखित पुस्तक ‘‘बैलेंसिंग द स्केल्स: प्रोपोरशनलिटी ऑफ संेटेंसिंग फॉर द ऑफेंस रेप’’ का विमोचन किया। यह पुस्तक भारतीय दंड सहिता 1860 की धारा-376 और नव अधिनियमित भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 64 के तहत बलात्कार के अपराध के मामले में न्यायालयों द्वारा आरोपियों को दी गई सजा पर केन्द्रित है।
इस अवसर पर राज्यपाल ने लेखक के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह पुस्तक आपराधिक न्याय पद्धति के सुधार के संबंध में संवाद के महत्व को प्रदर्शित करती है। उन्होंने कहा कि गहन अध्ययन एवं बौद्धिक ज्ञान से लिखी गई यह पुस्तक कानून से सम्बंध रखने वाले लोगों के लिए अमूल्य संसाधन बनेगी। यह पुस्तक कानूनी क्षेत्र से जुड़े लोगों, नीति निर्माताओं, शोधार्थियों और कानूनविदों का ज्ञान संवर्द्धन करेगी।
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डॉ. बरोवालिया ने पुस्तक में बलात्कार कानून और सजा देने संबंधी प्रक्रियाओं में हुए परिवर्तनों को दर्शाया है। उन्होंने बलात्कार संबंधी मामलों का अध्ययन और विश्लेषण कर महत्वपूर्ण सुधारों और ऐतिहासिक निर्णयों पर प्रकाश डाला है।
डॉ. भरत बरोवालिया वर्तमान में हिमाचल प्रदेश राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, शिमला में सहायक प्रोफेसर (विधि) हैं और हिमाचल प्रदेश न्यायिक अकादमी शिमला में भी रिसोर्स पर्सन के रूप में अपनी बहुमूल्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह किताब न्याय के लिए संतुलित दृष्टिकोण को प्रेरित करेगा।
हिमाचल प्रदेश लोकायुक्त न्यायमूर्ति सीबी बरोवालिया और राज्यपाल के सचिव सीपी वर्मा इस अवसर पर उपस्थित थे।
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