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शिमला ! राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज शिमला के निकट क्यारकोटी में आयोजित गौ-कथा कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने शनिधाम एवं कर्मघाट के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में भी भाग लिया। उन्होंने नव स्थापित गोवर्धन धाम में गौ सेवा भी की।इस अवसर पर राज्यपाल की धर्मपत्नी जानकी शुक्ला और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह भी उपस्थित रहे। इस दौरान प्रसिद्ध संत श्री गोपाल मणि जी महाराज ने गौ महिमा और पवित्रता पर प्रवचन दिए। राज्यपाल ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में यह उनका पहला दौरा है और वह यहां की प्राकृतिक सुन्दरता से अत्यंत प्रभावित हुए हैं। उन्होंने इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए यहां एक पर्यटक केंद्र स्थापित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा गौ-कथा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सामाजिक जागरूकता, आध्यात्मिक विश्वास और सांस्कृतिक संरक्षण का एक सुन्दर उत्सव भी है।श्री शुक्ल ने कहा कि शास्त्रों में गाय को सृष्टि की माता कहा गया है। उन्होंने कहा कि यह केवल धार्मिक आस्था नहीं बल्कि भारतीय जीवन पद्धति का अभिन्न हिस्सा है। हमारी संस्कृति में गाय को मां के रूप में भी पूजा जाता है, क्योंकि यह हमें शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से पोषण प्रदान करती है। गोवर्धन धाम कल्याण समिति और स्थानीय ग्रामीणों के प्रयासों की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उनके इस प्रयास से न केवल गौ-संरक्षण को बल मिला है बल्कि लोगों को शनिधाम और कर्मघाट जैसी आध्यात्मिक सुविधाएं भी प्राप्त हो रही हैं। उन्होंने कहा कि गौ-सेवा न केवल पवित्र कार्य है बल्कि इससे मानवीय करूणा जागृत होती है और सांस्कृतिक मूल्यों को भी प्रोत्साहन मिलता है।उन्होंने कहा कि पहाड़ी-देशी गायों का दूध औषधीय गुणों से भरपूर होता है और इसे अमृत के समान माना गया है। गाय का गोबर प्राकृतिक खेती के लिए अत्यंत लाभकारी है जिससे रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होती है और जैविक खेती को बल मिलता है। उन्होंने कहा कि ‘गौ-संरक्षण न केवल आस्था का प्रतीक है बल्कि आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण संरक्षण का आधार भी है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि गोवर्धन धाम गौ-सेवा और प्रदेशभर में धार्मिक गंतव्य का आदर्श केन्द्र बनकर उभरेगा।हिमाचल प्रदेश में नशे की बढ़ती प्रवृति पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल को देवभूमि के नाम से जाना जाता है। इस पहचान को कायम रखने के लिए हमें युवाओं को नशे की लत से बचाना होगा। उन्होंने कहा कि कई परिवारों ने नशे के कारण अपने जवान बच्चों को खोया है। उन्होंने महिलाओं से नशानिवारण कार्यक्रम में सक्रियता से भाग लेने का आग्रह किया। इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री अनिरूद्ध सिंह ने राज्यपाल का स्वागत किया और गोवर्धन धाम स्थापित करने की पहल को सराहा। उन्होंने कहा कि हिमाचल के ग्रामीणों ने गौ-सेवा की हमारी पुरातन परम्परा को जीवन्त रखते हुए धर्म और संस्कृति को सदैव बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गौ-रक्षा और गौशालाओं के विकास के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं।उन्होंने कहा कि गोवर्धन धाम का निर्माण स्थानीय जनता के सामूहिक प्रयासों और उनके द्वारा दी गई राशि से संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लोग धीरे-धीरे धार्मिक कार्यों से दूर हो रहे हैं। गोवर्धन धाम में शनिधाम और कर्मघाट बनने से लोग अपने धर्म से पुनः जुड़ेंगे। उन्होंने गौ-कथा कार्यक्रम में पधारने के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त किया। इससे पूर्व, ग्राम पंचायत चैड़ी तथा गोवर्धन धाम कल्याण समिति के प्रधान भुवनेश्वर शर्मा ने राज्यपाल का स्वागत किया।इस अवसर पर नगर निगम शिमला के महापौर सुरेन्द्र चौहान, उप महापौर उमा कौशल, कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष देवानन्द वर्मा और राज्यपाल के सचिव चन्द्र प्रकाश वर्मा सहित अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे।
शिमला ! राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज शिमला के निकट क्यारकोटी में आयोजित गौ-कथा कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने शनिधाम एवं कर्मघाट के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह में भी भाग लिया। उन्होंने नव स्थापित गोवर्धन धाम में गौ सेवा भी की।इस अवसर पर राज्यपाल की धर्मपत्नी जानकी शुक्ला और ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह भी उपस्थित रहे। इस दौरान प्रसिद्ध संत श्री गोपाल मणि जी महाराज ने गौ महिमा और पवित्रता पर प्रवचन दिए।
राज्यपाल ने उपस्थित लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि इस क्षेत्र में यह उनका पहला दौरा है और वह यहां की प्राकृतिक सुन्दरता से अत्यंत प्रभावित हुए हैं। उन्होंने इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की आवश्यकता पर बल देते हुए यहां एक पर्यटक केंद्र स्थापित करने का सुझाव दिया। उन्होंने कहा गौ-कथा केवल एक धार्मिक आयोजन नहीं बल्कि सामाजिक जागरूकता, आध्यात्मिक विश्वास और सांस्कृतिक संरक्षण का एक सुन्दर उत्सव भी है।श्री शुक्ल ने कहा कि शास्त्रों में गाय को सृष्टि की माता कहा गया है। उन्होंने कहा कि यह केवल धार्मिक आस्था नहीं बल्कि भारतीय जीवन पद्धति का अभिन्न हिस्सा है। हमारी संस्कृति में गाय को मां के रूप में भी पूजा जाता है, क्योंकि यह हमें शारीरिक और आध्यात्मिक रूप से पोषण प्रदान करती है।
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गोवर्धन धाम कल्याण समिति और स्थानीय ग्रामीणों के प्रयासों की सराहना करते हुए राज्यपाल ने कहा कि उनके इस प्रयास से न केवल गौ-संरक्षण को बल मिला है बल्कि लोगों को शनिधाम और कर्मघाट जैसी आध्यात्मिक सुविधाएं भी प्राप्त हो रही हैं। उन्होंने कहा कि गौ-सेवा न केवल पवित्र कार्य है बल्कि इससे मानवीय करूणा जागृत होती है और सांस्कृतिक मूल्यों को भी प्रोत्साहन मिलता है।उन्होंने कहा कि पहाड़ी-देशी गायों का दूध औषधीय गुणों से भरपूर होता है और इसे अमृत के समान माना गया है। गाय का गोबर प्राकृतिक खेती के लिए अत्यंत लाभकारी है जिससे रासायनिक उर्वरकों पर निर्भरता कम होती है और जैविक खेती को बल मिलता है। उन्होंने कहा कि ‘गौ-संरक्षण न केवल आस्था का प्रतीक है बल्कि आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरण संरक्षण का आधार भी है।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि गोवर्धन धाम गौ-सेवा और प्रदेशभर में धार्मिक गंतव्य का आदर्श केन्द्र बनकर उभरेगा।हिमाचल प्रदेश में नशे की बढ़ती प्रवृति पर चिंता व्यक्त करते हुए राज्यपाल ने कहा कि हिमाचल को देवभूमि के नाम से जाना जाता है। इस पहचान को कायम रखने के लिए हमें युवाओं को नशे की लत से बचाना होगा। उन्होंने कहा कि कई परिवारों ने नशे के कारण अपने जवान बच्चों को खोया है। उन्होंने महिलाओं से नशानिवारण कार्यक्रम में सक्रियता से भाग लेने का आग्रह किया।
इस अवसर पर ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री अनिरूद्ध सिंह ने राज्यपाल का स्वागत किया और गोवर्धन धाम स्थापित करने की पहल को सराहा। उन्होंने कहा कि हिमाचल के ग्रामीणों ने गौ-सेवा की हमारी पुरातन परम्परा को जीवन्त रखते हुए धर्म और संस्कृति को सदैव बढ़ावा दिया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा गौ-रक्षा और गौशालाओं के विकास के लिए अनेक योजनाएं चलाई जा रही हैं।उन्होंने कहा कि गोवर्धन धाम का निर्माण स्थानीय जनता के सामूहिक प्रयासों और उनके द्वारा दी गई राशि से संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि वर्तमान में लोग धीरे-धीरे धार्मिक कार्यों से दूर हो रहे हैं। गोवर्धन धाम में शनिधाम और कर्मघाट बनने से लोग अपने धर्म से पुनः जुड़ेंगे। उन्होंने गौ-कथा कार्यक्रम में पधारने के लिए राज्यपाल का आभार व्यक्त किया।
इससे पूर्व, ग्राम पंचायत चैड़ी तथा गोवर्धन धाम कल्याण समिति के प्रधान भुवनेश्वर शर्मा ने राज्यपाल का स्वागत किया।इस अवसर पर नगर निगम शिमला के महापौर सुरेन्द्र चौहान, उप महापौर उमा कौशल, कृषि विपणन बोर्ड के अध्यक्ष देवानन्द वर्मा और राज्यपाल के सचिव चन्द्र प्रकाश वर्मा सहित अन्य गणमान्य भी उपस्थित थे।
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