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शिमला, 27 जुलाई, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज हमीरपुर के बणी में विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के प्रधानाचार्यों की चार दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विद्या भारती संस्थान का समाज के उत्थान में बहुमूल्य योगदान रहा है। यहां से उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थी समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इस कार्यशाला में 500 से अधिक प्रधानाचार्यों ने भाग लिया। राज्यपाल ने कहा कि विद्या भारती की नींव उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में रखी गई थी और आज इसका विस्तार कई शहरों तक हो चुका है। उन्होंने कहा कि लॉर्ड मैकाले ने भारतीय शिक्षा तंत्र को खत्म करने की पूरी कोशिश की थी, वहीं विद्या भारती भारतीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्द्धन को प्रोत्साहित कर रही है। विद्या भारती से जुड़े शिक्षक समर्पित भाव के साथ परिर्वतनकारी और प्रगतिशील शिक्षा तंत्र बनाने में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि विद्या भारती ने देश में शिक्षा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन होने के नाते विद्या भारती द्वारा देश में हजारों विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है और ग्रामीण व अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में बहुत अच्छा कार्य किया जा रहा है। राज्यपाल ने कहा कि विद्या भारती वर्ष 1952 से बिना सरकारी सहायता के बेहद उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि विद्या भारती के विद्यालयों में विद्यार्थियों का समग्र विकास हो रहा है और उनमें राष्ट्रभक्ति की भावना भी जागृत की जा रही है। श्री शुक्ल ने कहा कि विद्या भारती ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कर अच्छी पहल की है। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय पाठ्यक्रम 2023 देश में शिक्षा की यात्रा में मील का पत्थर साबित होगा। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास के लिए माहौल पैदा करना, उन्हें 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करना और उनमें आत्मविश्वास, रचनात्मकता और दृढ़ता लाना हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि नए पाठयक्रम को सफलतापूर्वक लागू करना शिक्षकों के नेतृत्व की क्षमता, उनके दृष्टिकोण और समर्पण पर निर्भर करता है। राष्ट्रीय पाठ्यक्रम के परिवर्तनकारी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए शिक्षक एक निर्णायक भूमिका में हैं, ताकि वह कक्षा में इसे विद्यार्थियों के लिए सार्थक और अर्थपूर्ण अनुभव बना सकें। उन्होंने शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि एक जीवंत, समावेशी और क्रियाशील शिक्षा तंत्र बनाएं, ताकि हर विद्यार्थी अपने संभावित लक्ष्य को प्राप्त कर सके।इस दौरान राज्यपाल ने विद्या भारती द्वारा प्रकाशित भारत की समृद्ध संस्कृति को प्रस्तुत करती पुस्तकों का भी विमोचन किया। इससे पूर्व, विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के महामंत्री देशराज शर्मा ने देश में शिक्षा के क्षेत्र में चलाई जा रही गतिविधियों की जानकारी दी। सेवन स्टार इंटरनेशनल स्कूल बणी के प्रबंध निदेशक संदीप कंवर ने राज्यपाल को सम्मानित किया। विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री विजय नड्डा, हिमाचल प्रांत के महामंत्री सुरेश कपिल और सेवन स्टार इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंध निदेशक संदीप कंवर ने भी इस मौके पर अपने विचार रखे। इस दौरान स्थानीय विधायक इंद्रदत्त लखनपाल और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
शिमला, 27 जुलाई, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] !
राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने आज हमीरपुर के बणी में विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के प्रधानाचार्यों की चार दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विद्या भारती संस्थान का समाज के उत्थान में बहुमूल्य योगदान रहा है। यहां से उत्तीर्ण होने वाले विद्यार्थी समाज के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। इस कार्यशाला में 500 से अधिक प्रधानाचार्यों ने भाग लिया।
राज्यपाल ने कहा कि विद्या भारती की नींव उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में रखी गई थी और आज इसका विस्तार कई शहरों तक हो चुका है। उन्होंने कहा कि लॉर्ड मैकाले ने भारतीय शिक्षा तंत्र को खत्म करने की पूरी कोशिश की थी, वहीं विद्या भारती भारतीय संस्कृति के संरक्षण और संवर्द्धन को प्रोत्साहित कर रही है। विद्या भारती से जुड़े शिक्षक समर्पित भाव के साथ परिर्वतनकारी और प्रगतिशील शिक्षा तंत्र बनाने में जुटे हुए हैं। उन्होंने कहा कि विद्या भारती ने देश में शिक्षा के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है। शिक्षा के क्षेत्र में सबसे बड़ा गैर-सरकारी संगठन होने के नाते विद्या भारती द्वारा देश में हजारों विद्यालयों का संचालन किया जा रहा है और ग्रामीण व अर्द्ध शहरी क्षेत्रों में बहुत अच्छा कार्य किया जा रहा है।
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राज्यपाल ने कहा कि विद्या भारती वर्ष 1952 से बिना सरकारी सहायता के बेहद उत्कृष्ट कार्य कर रहा है। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि विद्या भारती के विद्यालयों में विद्यार्थियों का समग्र विकास हो रहा है और उनमें राष्ट्रभक्ति की भावना भी जागृत की जा रही है। श्री शुक्ल ने कहा कि विद्या भारती ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू कर अच्छी पहल की है। राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय पाठ्यक्रम 2023 देश में शिक्षा की यात्रा में मील का पत्थर साबित होगा।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों के संपूर्ण विकास के लिए माहौल पैदा करना, उन्हें 21वीं सदी की चुनौतियों से निपटने के लिए तैयार करना और उनमें आत्मविश्वास, रचनात्मकता और दृढ़ता लाना हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि नए पाठयक्रम को सफलतापूर्वक लागू करना शिक्षकों के नेतृत्व की क्षमता, उनके दृष्टिकोण और समर्पण पर निर्भर करता है। राष्ट्रीय पाठ्यक्रम के परिवर्तनकारी उद्देश्यों की पूर्ति के लिए शिक्षक एक निर्णायक भूमिका में हैं, ताकि वह कक्षा में इसे विद्यार्थियों के लिए सार्थक और अर्थपूर्ण अनुभव बना सकें।
उन्होंने शिक्षकों से अपील करते हुए कहा कि एक जीवंत, समावेशी और क्रियाशील शिक्षा तंत्र बनाएं, ताकि हर विद्यार्थी अपने संभावित लक्ष्य को प्राप्त कर सके।
इस दौरान राज्यपाल ने विद्या भारती द्वारा प्रकाशित भारत की समृद्ध संस्कृति को प्रस्तुत करती पुस्तकों का भी विमोचन किया।
इससे पूर्व, विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के महामंत्री देशराज शर्मा ने देश में शिक्षा के क्षेत्र में चलाई जा रही गतिविधियों की जानकारी दी।
सेवन स्टार इंटरनेशनल स्कूल बणी के प्रबंध निदेशक संदीप कंवर ने राज्यपाल को सम्मानित किया। विद्या भारती उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री विजय नड्डा, हिमाचल प्रांत के महामंत्री सुरेश कपिल और सेवन स्टार इंटरनेशनल स्कूल के प्रबंध निदेशक संदीप कंवर ने भी इस मौके पर अपने विचार रखे। इस दौरान स्थानीय विधायक इंद्रदत्त लखनपाल और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
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