!!"बागवानों के हितों की अनदेखी है कांग्रेस सरकार की नीयत"!!
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शिमला ,11 जुलाई,[ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! सेब के सीजन की शुरुआत हो गई है। भाजपा की सरकार में ही बागवानों के लिए यूनिवर्सल कॉर्टन में सेब बेचे की पहल की गई थी। कांग्रेस की सुक्खू सरकार ने बिना पूरी तैयारी के यूनिवर्सल कॉर्टन को सरकार ने सेब ख़रीद में अनिवार्य कर दिया। सभी बागवानों के पास हज़ारों की संख्या में टेलीस्कोपिक कॉर्टन पहले से पड़े हुए हैं, जिनकी क़ीमत लाखों में हैं। सरकार टेलीस्कोपिक कॉर्टन को बाग़वानों से उचित मुआवज़ा देकर वापस ले।जिससे बाग़वानों को सेब के सीजन की शुरुआत में ही राहत मिल सके। उन्होंने कहा कि सरकार ने जल्दबाज़ी में सेब का सीजन शुरू होने के ठीक पहले यूनिवर्सल कॉर्टन को अनिवार्य कर दिया। जबकि अर्ली सीजन से जुड़े बागवानों ने टेलीस्कोपिक कॉर्टन की व्यवस्था पहले से कर ली थी। अब बागवानों को यूनिवर्सल कॉर्टन भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिससे वह पाएँ उत्पाद को मंडियों में ले जा सके। यदि वह टेलीस्कोपिक कॉर्टन में ले जाते हैं तो आढ़ती उसे ख़रीदने से मना कर दे रहे हैं, जिसके कारण एक तरफ़ उनका नहीं बिक पा रहा दूसरी तरह मंडी से वापस लाने का अतिरिक्त खर्च भी हो रहा है। न नियम स्पष्ट हैं और न ही कोई अन्य व्यवस्था। कॉर्टन न होने के कारण बाग़वान और आढ़ती दोनों परेशान हैं और सरकार ने नियम लाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। सरकार उच्च गुणवत्ता युक्त यूनिवर्सल कॉर्टन उचित क़ीमत पर उपलब्ध करवाए। जयराम ठाकुर ने कहा कि बागवानों के साथ कांग्रेस का रवैया हमेशा से ही दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। पिछले सीजन में भी सरकार ने वजन के हिसाब से ख़रीद करने के नियम बना दिए लेकिन मंडियों में सेब का वजन करने के लिए तौल मशीन तक की व्यवस्था नहीं करवा पाए। जिसके कारण बागवानों और आढ़तियों को समस्याएं हुई और हालात ऐसे पैदा हुए कि आढ़तियों ने सेब लेने से ही मना कर दिया। बागवान किराए की गड़ियां लेकर मंडियों में परेशान होते रहे और सरकार बयानबाज़ी करती रही। सरकार कोई भी निर्णय करने के पहले, उसके निर्बाध क्रियान्वित करने में आने वाली अड़चनों से निपटने की तैयारी नहीं करती। इसका सिर्फ़ एक कारण है कि सरकार बिना सोचे समझे, बिना तैयारी के नियम बनाती है। उन्होंने कहा कि सरकार, कांग्रेस द्वारा चुनाव में बागवानों को दी गई गारंटी पर बात नहीं करती हैं। सरकार कब बागवानों द्वारा अपने उत्पाद का मूल्य ख़ुद तय करने की गारंटी पूरा कर रही है। भ्रष्टाचार के आरोपों पर मुख्यमंत्री की खामोशी नहीं जवाब चाहती है जनता नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोप और इनकम टैक्स और ईडी की राडार में आये कारोबारियों से मुख्यमंत्री के संबंधों पर प्रदेश के लोग मुख्यमंत्री की ख़ामोश के बजाय उनसे जवाब माँग रहे हैं। इस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगना चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में विकास के कामों पर पूरी तरह विराम लगा चुकी है लेकिन नियमित रूप से क़र्ज़ लेकर ही सरकार चला रही है। इस महीनें फिर से सरकार ने क़र्ज़ के लिए आवेदन कर दिया है। प्रदेश के मुखिया को यह भी बताना चाहिए कि विकास के एक भी काम न करने के बाद भी सरकार द्वारा क़र्ज़ क्यों लिया जा रहा है।
शिमला ,11 जुलाई,[ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! सेब के सीजन की शुरुआत हो गई है। भाजपा की सरकार में ही बागवानों के लिए यूनिवर्सल कॉर्टन में सेब बेचे की पहल की गई थी। कांग्रेस की सुक्खू सरकार ने बिना पूरी तैयारी के यूनिवर्सल कॉर्टन को सरकार ने सेब ख़रीद में अनिवार्य कर दिया। सभी बागवानों के पास हज़ारों की संख्या में टेलीस्कोपिक कॉर्टन पहले से पड़े हुए हैं, जिनकी क़ीमत लाखों में हैं। सरकार टेलीस्कोपिक कॉर्टन को बाग़वानों से उचित मुआवज़ा देकर वापस ले।जिससे बाग़वानों को सेब के सीजन की शुरुआत में ही राहत मिल सके।
उन्होंने कहा कि सरकार ने जल्दबाज़ी में सेब का सीजन शुरू होने के ठीक पहले यूनिवर्सल कॉर्टन को अनिवार्य कर दिया। जबकि अर्ली सीजन से जुड़े बागवानों ने टेलीस्कोपिक कॉर्टन की व्यवस्था पहले से कर ली थी। अब बागवानों को यूनिवर्सल कॉर्टन भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा है। जिससे वह पाएँ उत्पाद को मंडियों में ले जा सके। यदि वह टेलीस्कोपिक कॉर्टन में ले जाते हैं तो आढ़ती उसे ख़रीदने से मना कर दे रहे हैं, जिसके कारण एक तरफ़ उनका नहीं बिक पा रहा दूसरी तरह मंडी से वापस लाने का अतिरिक्त खर्च भी हो रहा है।
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न नियम स्पष्ट हैं और न ही कोई अन्य व्यवस्था। कॉर्टन न होने के कारण बाग़वान और आढ़ती दोनों परेशान हैं और सरकार ने नियम लाकर अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ लिया है। सरकार उच्च गुणवत्ता युक्त यूनिवर्सल कॉर्टन उचित क़ीमत पर उपलब्ध करवाए।
जयराम ठाकुर ने कहा कि बागवानों के साथ कांग्रेस का रवैया हमेशा से ही दुर्भाग्यपूर्ण रहा है। पिछले सीजन में भी सरकार ने वजन के हिसाब से ख़रीद करने के नियम बना दिए लेकिन मंडियों में सेब का वजन करने के लिए तौल मशीन तक की व्यवस्था नहीं करवा पाए। जिसके कारण बागवानों और आढ़तियों को समस्याएं हुई और हालात ऐसे पैदा हुए कि आढ़तियों ने सेब लेने से ही मना कर दिया। बागवान किराए की गड़ियां लेकर मंडियों में परेशान होते रहे और सरकार बयानबाज़ी करती रही।
सरकार कोई भी निर्णय करने के पहले, उसके निर्बाध क्रियान्वित करने में आने वाली अड़चनों से निपटने की तैयारी नहीं करती। इसका सिर्फ़ एक कारण है कि सरकार बिना सोचे समझे, बिना तैयारी के नियम बनाती है। उन्होंने कहा कि सरकार, कांग्रेस द्वारा चुनाव में बागवानों को दी गई गारंटी पर बात नहीं करती हैं। सरकार कब बागवानों द्वारा अपने उत्पाद का मूल्य ख़ुद तय करने की गारंटी पूरा कर रही है।
भ्रष्टाचार के आरोपों पर मुख्यमंत्री की खामोशी नहीं जवाब चाहती है जनता
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय पर लग रहे भ्रष्टाचार के आरोप और इनकम टैक्स और ईडी की राडार में आये कारोबारियों से मुख्यमंत्री के संबंधों पर प्रदेश के लोग मुख्यमंत्री की ख़ामोश के बजाय उनसे जवाब माँग रहे हैं। इस तरह के भ्रष्टाचार के आरोप लगना चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि सरकार प्रदेश में विकास के कामों पर पूरी तरह विराम लगा चुकी है लेकिन नियमित रूप से क़र्ज़ लेकर ही सरकार चला रही है।
इस महीनें फिर से सरकार ने क़र्ज़ के लिए आवेदन कर दिया है। प्रदेश के मुखिया को यह भी बताना चाहिए कि विकास के एक भी काम न करने के बाद भी सरकार द्वारा क़र्ज़ क्यों लिया जा रहा है।
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