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शिमला, 30 अगस्त, [ विशाल सूद ] ! बॉर्डर पर देश के लिए जान देने वाले इंदौरा के शहीद दीक्षांत थापा को सरकार भूल गई है। आज के ही दिन 30 अगस्त 2020 में लेह में मेजर दीक्षांत थापा शहीद हुए थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने उस समय शहीद के परिवार में से एक को नौकरी देने का वादा किया था जोकि आज तक पूरा नही हुआ। वहीं शुक्रवार को विधानसभा के मानसून सत्र में के दौरान इंदौरा से विधायक मलेंद्र राजन ने प्वाइंट आफ ऑर्डर के तहत यह मामला सदन में उठाया और सरकार से शहीद के परिवार के साथ किए गए वादे को पूरे करने का आग्रह किया। विधायक ने कहा कि इंदौर विधानसभा क्षेत्र से मेजर के पद पर दिशांत थापा तैनात थे जिन्होंने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। इस शहीद के परिवार के साथ पूर्व के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वादे किए थे लेकिन दुख का विषय है कि 4 साल बीत जाने के बाद भी ना तो इस शाहिद के परिवार से किसी को नौकरी मिली और ना ही सड़क का नाम इस शाहिद के नाम पर रखा गया। इस मामले को आज सदन में उठाया गया और ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया कि परिवार ने अपना बेटा खोया है और उसके परिवार में से किसी को नौकरी दी जाए और सड़क का नाम शाहिद के नाम पर रखा जाए। शहीद की मां ने भी कई बार सरकार से अपना वादा पूरा करने की गुहार लगाई थी लेकिन अभी तक कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया ।उन्होंने कहा कि परिवार अपने बेटे को देश के लिए कुर्बान करता है और सरकारों को भी उनके साथ किए गए वादों को पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह को से इस शहीद परिवार से किए गए वादों को पूरा करने का आग्रह किया।
शिमला, 30 अगस्त, [ विशाल सूद ] ! बॉर्डर पर देश के लिए जान देने वाले इंदौरा के शहीद दीक्षांत थापा को सरकार भूल गई है। आज के ही दिन 30 अगस्त 2020 में लेह में मेजर दीक्षांत थापा शहीद हुए थे। पूर्व मुख्यमंत्री ने उस समय शहीद के परिवार में से एक को नौकरी देने का वादा किया था जोकि आज तक पूरा नही हुआ। वहीं शुक्रवार को विधानसभा के मानसून सत्र में के दौरान इंदौरा से विधायक मलेंद्र राजन ने प्वाइंट आफ ऑर्डर के तहत यह मामला सदन में उठाया और सरकार से शहीद के परिवार के साथ किए गए वादे को पूरे करने का आग्रह किया।
विधायक ने कहा कि इंदौर विधानसभा क्षेत्र से मेजर के पद पर दिशांत थापा तैनात थे जिन्होंने देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। इस शहीद के परिवार के साथ पूर्व के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वादे किए थे लेकिन दुख का विषय है कि 4 साल बीत जाने के बाद भी ना तो इस शाहिद के परिवार से किसी को नौकरी मिली और ना ही सड़क का नाम इस शाहिद के नाम पर रखा गया। इस मामले को आज सदन में उठाया गया और ध्यान आकर्षित करने का प्रयास किया गया कि परिवार ने अपना बेटा खोया है और उसके परिवार में से किसी को नौकरी दी जाए और सड़क का नाम शाहिद के नाम पर रखा जाए।
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शहीद की मां ने भी कई बार सरकार से अपना वादा पूरा करने की गुहार लगाई थी लेकिन अभी तक कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया ।उन्होंने कहा कि परिवार अपने बेटे को देश के लिए कुर्बान करता है और सरकारों को भी उनके साथ किए गए वादों को पूरा किया जाना चाहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह को से इस शहीद परिवार से किए गए वादों को पूरा करने का आग्रह किया।
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