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शिमला ! शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश का मुख्यमंत्री दस्तावेज़ होने के बाद भी झूठ बोल रहे हैं। उनकी पार्टी की मुखिया और उनके मंत्री भी यह मान रहे हैं की मंदिरों से पैसा मांगा जा रहा है लेकिन मुख्यमंत्री हर बात को हवा में उड़ाने की आदत से बाज नहीं आ रहे हैं। 2 साल के कार्यकाल में कांग्रेस सरकार और मुख्यमंत्री की प्राथमिकता में आम जनमानस कहीं नहीं है। नहीं उनके हित के लिए किसी भी काम में सरकार द्वारा कोई तत्परता दिखाई गई है। वर्तमान सरकार का सारा ध्यान अपने मित्रों, सलाहकारों और मुख्य संसदीय सचिवों पर है। जिन पर धड़ल्ले से करोड़ों रुपए लुटाए जा रहे हैं। नियम विरुद्ध संसदीय सचिव प्रदेश पर थोप कर एक तरफ सरकार ने जहां आम आदमी की गाढ़ी कमाई के करोड़ों रुपए का बोझ सरकार पर डाला तो वहीं उन्हें बचाने की कानूनी लड़ाई में भी करोड़ों रुपए एक-एक बार की पेशी के लिए वकीलों को दिए गए। जिन दो योजनाओं के लिए सरकार मंदिरों से पैसा मांग रही है उन योजनाओं के प्रचार-प्रसार पर ही करोड़ों रुपए खर्च कर चुकी है लेकिन योजना और उसके असली लाभार्थियों के लिए पर्याप्त पैसा ही नहीं रखा है। अभी योजना को चले एक साल भी नहीं हुए और सरकार भगवान के भरोसे आ गई। जबकि पूरे प्रदेश को इन योजना के पोस्टर से भर दिया गया है।जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार सिर्फ केन्द्र सरकार के द्वारा भेजे जा रहे पैसे का दुरुपयोग कर रही है। केंद्र सरकार के द्वारा भेजे गए विकासात्मक कार्यों के बजट को स्टेट ट्रेजरी में डायवर्ट कर रही है। जिससे सारे के सारे काम ठप पड़े हैं। मुख्यमंत्री और उनके करीबियों की प्राथमिकताओं और लाभ के अनुसार ही यह धनराशि खर्च की जा रही है। पूरे प्रदेश में सरकार यही कर रही है। जहां मित्र मंडली की बात आती है सरकार मिनटों में करोड़ों रुपए का प्रबंध कर लेती है लेकिन जहां आम हिमाचली के हित का मामला होता है वहां पर सरकार विपक्ष और केंद्र सरकार को कोसेगी। या प्रदेश वासियों और भगवान के भरोसे बैठ जाएगी। सरकार इस तरह से अपना–पराया करके नहीं चल सकती है। सरकार की प्राथमिकता प्रदेश के लोग होने चाहिए ना की मुख्यमंत्री के खास लोग। सत्ता में आने के बाद से सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बस प्रदेश वासियों की जेबें टटोली है। उनको मिल रही सुविधाएं खत्म की है और महंगाई बढ़ाने का काम किया है और अपने मित्रों को सहूलियतें दी हैं। डीजल पर छः रुपए की वृद्धि करके सरकार ने किस प्रकार से प्रदेशवासियों का भला किया? आपदा में अपने मित्रों के अलावा सबके क्रशर बंद करवाकर, प्रदेश के लोगों की बिजली की सब्सिडी छीनकर, डिपुओं में मिलने वाले राशन को महंगा करके, तेल की सप्लाई महीनों रोककर, अनाजों की संख्या कम करने, लोगों को नौकरी से निकालने, पूरे आत्मविश्वास से झूठ बोलने के अलावा सुक्खू सरकार की उपलब्धि क्या है।नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि मंदिरों से मदद करने का आधिकारिक दस्तावेज पूरे देश ने देखा, मंदिरों में हुई ट्रस्ट की बैठकों खबरें हर अखबार में छपी हैं। पार्टी की अध्यक्ष कह रही हैं कि पैसा मांगा गया है, मंत्री कह रहे हैं कि मांग लिया है तो गलत क्या है? लेकिन मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि उन्होंने कोई पैसा मांगा ही नहीं। इसका मतलब मुख्यमंत्री खुलेआम झूठ बोल रहे हैं। मुख्यमंत्री पैसा मांगने के बाद भी झूठ क्यों बोल रहे हैं सबसे बड़ा सवाल तो यही है, सरेआम इस तरह से झूठ बोलना मुख्यमंत्री की नीयत को दिखाता है। झूठ बोलने के लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
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