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शिमला , 29 जून, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! मूक बघिर और नेत्रहीन युवकों को सौन्दर्य शास्त्र में निपुण बनाकर समाज में एक प्रशिक्षित सौन्दर्य पेशेबर के तौर पर प्रशिक्षित करने में लिए शहनाज़ हुसैन इंटरनेशनल ब्यूटी अकादमी नई दिल्ली द्वारा इस बर्ग के युवकों /युवतियों को हर बर्ष सौन्दर्य के बिभिन्न पहलुओं पर मुफ्त प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है ताकि बह देश की अर्थ ब्यबस्था में योगदान दे सकें नई दिल्ली में स्थित इस अकादमी का शुभारम्भ बर्ष 1984 में तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी ज़ैल सिंह द्वारा एक गरिमापूर्ण समारोह में किया गया था और तब से लेकर अब तक हर साल इस अकादमी में इस बर्ग के युवकों ,युवतियों को सौन्दर्य उद्यॉग के लिए तैयार करने के लिए बिशेसज्ञों द्वारा सौन्दर्य से जुडी अनेक बारीकियों को क्लास रूम और सैलून में समझाया जाता है । एक बर्ष के इस प्रशिक्षण में युवक , युवतिओं को सौन्दर्य प्रशिक्षण में उपयोग किये जाने बाले उपकरण और अन्य सामग्री भी कम्पनी द्वारा ही प्रदान की जा रही है । उनके प्रशिक्षण को आसान बनाने के लिए शहनाज़ हुसैन ने ब्रैल लिपि में पुस्तक लिखी है जोकि अनूठी पहल है कम्पनी की सी एम डी शहनाज़ हुसैन का कहना है इस बर्ग के बच्चों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना मानवत्ता की सेवा है । उनका कहना की यह पाठ्यक्रम बाजार में काफी महंगे हो गए हैं जिसकी बजह से इस बर्ग के बच्चे सौन्दर्य क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकते जबकि अनेक बच्चों में सौन्दर्य जगत में प्रवेश करने की चाहत होती है और बह काफी कामयाब सौन्दर्य पेशेबर साबित होते हैं क्योंकि भगवान ने उन्हें बिलक्षण प्रतिभा प्रदान की होती है और बह सामान्य बच्चों के मुकाबले ज्यादा कामयाबी हासिल करते हैं । शहनाज़ हुसैन इंटरनेशनल ब्यूटी अकादमी इन बच्चों को प्लेसमेंट और स्वरोजगार में मदद भी करती है ताकि सभी बच्चे आर्थिक तौर पर स्वाबलम्बी बन कर समाज की मुख्य धारा में जुड़ कर आत्मसम्मान की जिन्दगी जी सकें और अपने परिवार को बेहतर पालन पौषण प्रदान कर सकें । शहनाज़ हुसैन का कहना है इस यह उनकी आध्यात्मिक यात्रा का एक हिस्सा है क्योंकि उनका मानना है की आप सांसारिक सुख सुविधाओं का आनन्द लेते हुए समाज के किसी हिस्से के उपेक्षा नहीं कर सकते इस बर्ष भी प्रशिक्षण प्रदान किये बच्चों के सम्मान में एक समारोह का आयोजन किया गया जिसमे सभी बच्चों ने अकादमी में अपने अनुभव साँझा किये और उनका सामूहिक चित्र लिया गया।
शिमला , 29 जून, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! मूक बघिर और नेत्रहीन युवकों को सौन्दर्य शास्त्र में निपुण बनाकर समाज में एक प्रशिक्षित सौन्दर्य पेशेबर के तौर पर प्रशिक्षित करने में लिए शहनाज़ हुसैन इंटरनेशनल ब्यूटी अकादमी नई दिल्ली द्वारा इस बर्ग के युवकों /युवतियों को हर बर्ष सौन्दर्य के बिभिन्न पहलुओं पर मुफ्त प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है ताकि बह देश की अर्थ ब्यबस्था में योगदान दे सकें
नई दिल्ली में स्थित इस अकादमी का शुभारम्भ बर्ष 1984 में तत्कालीन राष्ट्रपति ज्ञानी ज़ैल सिंह द्वारा एक गरिमापूर्ण समारोह में किया गया था और तब से लेकर अब तक हर साल इस अकादमी में इस बर्ग के युवकों ,युवतियों को सौन्दर्य उद्यॉग के लिए तैयार करने के लिए बिशेसज्ञों द्वारा सौन्दर्य से जुडी अनेक बारीकियों को क्लास रूम और सैलून में समझाया जाता है । एक बर्ष के इस प्रशिक्षण में युवक , युवतिओं को सौन्दर्य प्रशिक्षण में उपयोग किये जाने बाले उपकरण और अन्य सामग्री भी कम्पनी द्वारा ही प्रदान की जा रही है । उनके प्रशिक्षण को आसान बनाने के लिए शहनाज़ हुसैन ने ब्रैल लिपि में पुस्तक लिखी है जोकि अनूठी पहल है
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कम्पनी की सी एम डी शहनाज़ हुसैन का कहना है इस बर्ग के बच्चों को आर्थिक रूप से सक्षम बनाना मानवत्ता की सेवा है । उनका कहना की यह पाठ्यक्रम बाजार में काफी महंगे हो गए हैं जिसकी बजह से इस बर्ग के बच्चे सौन्दर्य क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकते जबकि अनेक बच्चों में सौन्दर्य जगत में प्रवेश करने की चाहत होती है और बह काफी कामयाब सौन्दर्य पेशेबर साबित होते हैं क्योंकि भगवान ने उन्हें बिलक्षण प्रतिभा प्रदान की होती है और बह सामान्य बच्चों के मुकाबले ज्यादा कामयाबी हासिल करते हैं ।
शहनाज़ हुसैन इंटरनेशनल ब्यूटी अकादमी इन बच्चों को प्लेसमेंट और स्वरोजगार में मदद भी करती है ताकि सभी बच्चे आर्थिक तौर पर स्वाबलम्बी बन कर समाज की मुख्य धारा में जुड़ कर आत्मसम्मान की जिन्दगी जी सकें और अपने परिवार को बेहतर पालन पौषण प्रदान कर सकें ।
शहनाज़ हुसैन का कहना है इस यह उनकी आध्यात्मिक यात्रा का एक हिस्सा है क्योंकि उनका मानना है की आप सांसारिक सुख सुविधाओं का आनन्द लेते हुए समाज के किसी हिस्से के उपेक्षा नहीं कर सकते
इस बर्ष भी प्रशिक्षण प्रदान किये बच्चों के सम्मान में एक समारोह का आयोजन किया गया जिसमे सभी बच्चों ने अकादमी में अपने अनुभव साँझा किये और उनका सामूहिक चित्र लिया गया।
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