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शिमला ,07 अगस्त,[ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! शिमला से जारी वक्तव्य में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार बयानबाजी से ही काम चलाना चाहती है। हर दिन अख़बारों में बयान आते हैं कि जल्दी ही भर्ती के परिणाम घोषित होंगे। नई नौकरियां निकाली जाएगी। लेकिन यह बातें सिर्फ़ ज़ुबानी जमा खर्च से आगे नहीं बढ़ पाते हैं। हर रोज़ मुख्यमंत्री या किसी न किसी मंत्री द्वारा भर्ती परिणामों के जल्दी से जल्दी जारी होने, नई भर्तियां निकाले जाने की खबरें ही आती हैं। लेकिन कभी परिणाम आने की खबर नहीं आई। सरकार बयानबाजी के आगे नहीं बढ़ पाई है। डेढ़ साल से युवा सड़कों पर इंतज़ार कर रहे हैं। आश्वासनों से थककर युवा कर्मचारी चयन आयोग के दफ़्तर के बाहर क्रमिक अनशन पर बैठे हैं। इतने लंबे समय तक सिर्फ़ आश्वासनों से काम नहीं चल सकता है। अब कोरी बयानबाजी करने के बजाय सरकार को परिणाम जारी करना चाहिए। जयराम ठाकुर ने कहा कि कई विभागों में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मियों को लंबे समय से वेतन नहीं मिल रहा है। बहुत से लोग फ़ोन करके बताते हैं कि वेतन नहीं मिल रहा है। जवाबदेह अधिकारी बजट न होने का हवाला देकर टरका देते हैं। कब तक मिलेगा यह भी पता नहीं। घर से बाहर रह कर काम कर रहे लोगों को हर महीनें रहने-खाने का खर्च भी वहन करना पड़ता है। इसके अलावा और भी पारिवारिक ज़िम्मेदारियां होती है। ऐसे में लोगों को यदि चार-चार, छः-छः माह तक वेतन नहीं मिलेगा तो कैसे काम चलेगा। इस तरह से लंबे समय तक वेतन लटका कर रखना संवेदनहीनता है। सरकार लोगों से जुड़े मुद्दों को संवेदनशील होकर सुलझाए। आउटसोर्स कर्मियों के बकाया वेतना के भुगतान के साथ समय पर वेतन देने का प्रावधान करे। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि डेढ़ साल से सरकार सिर्फ़ आश्वासन के सहारे चल रही है। अब बयानबाजी से काम नहीं चल सकता है। सरकार अब काम करे और लोगों की समस्याओं का हल निकाले। डेढ़ साल से एक दो हफ़्ते में परीक्षा परिणाम जारी होंगे, जैसे बयान सुन-सुनकर सब थक गए हैं। अब प्रदेश के युवाओं को आश्वासन नहीं भर्ती का परिणाम चाहिए। सरकार जल्दी से जल्दी लंबित पड़ी परीक्षाओं के परिणाम निकाले और नई भर्तियों की घोषणा करे।
शिमला ,07 अगस्त,[ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! शिमला से जारी वक्तव्य में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार बयानबाजी से ही काम चलाना चाहती है। हर दिन अख़बारों में बयान आते हैं कि जल्दी ही भर्ती के परिणाम घोषित होंगे। नई नौकरियां निकाली जाएगी। लेकिन यह बातें सिर्फ़ ज़ुबानी जमा खर्च से आगे नहीं बढ़ पाते हैं।
हर रोज़ मुख्यमंत्री या किसी न किसी मंत्री द्वारा भर्ती परिणामों के जल्दी से जल्दी जारी होने, नई भर्तियां निकाले जाने की खबरें ही आती हैं। लेकिन कभी परिणाम आने की खबर नहीं आई। सरकार बयानबाजी के आगे नहीं बढ़ पाई है। डेढ़ साल से युवा सड़कों पर इंतज़ार कर रहे हैं। आश्वासनों से थककर युवा कर्मचारी चयन आयोग के दफ़्तर के बाहर क्रमिक अनशन पर बैठे हैं। इतने लंबे समय तक सिर्फ़ आश्वासनों से काम नहीं चल सकता है। अब कोरी बयानबाजी करने के बजाय सरकार को परिणाम जारी करना चाहिए।
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जयराम ठाकुर ने कहा कि कई विभागों में काम कर रहे आउटसोर्स कर्मियों को लंबे समय से वेतन नहीं मिल रहा है। बहुत से लोग फ़ोन करके बताते हैं कि वेतन नहीं मिल रहा है। जवाबदेह अधिकारी बजट न होने का हवाला देकर टरका देते हैं। कब तक मिलेगा यह भी पता नहीं। घर से बाहर रह कर काम कर रहे लोगों को हर महीनें रहने-खाने का खर्च भी वहन करना पड़ता है। इसके अलावा और भी पारिवारिक ज़िम्मेदारियां होती है। ऐसे में लोगों को यदि चार-चार, छः-छः माह तक वेतन नहीं मिलेगा तो कैसे काम चलेगा। इस तरह से लंबे समय तक वेतन लटका कर रखना संवेदनहीनता है। सरकार लोगों से जुड़े मुद्दों को संवेदनशील होकर सुलझाए। आउटसोर्स कर्मियों के बकाया वेतना के भुगतान के साथ समय पर वेतन देने का प्रावधान करे।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि डेढ़ साल से सरकार सिर्फ़ आश्वासन के सहारे चल रही है। अब बयानबाजी से काम नहीं चल सकता है। सरकार अब काम करे और लोगों की समस्याओं का हल निकाले। डेढ़ साल से एक दो हफ़्ते में परीक्षा परिणाम जारी होंगे, जैसे बयान सुन-सुनकर सब थक गए हैं। अब प्रदेश के युवाओं को आश्वासन नहीं भर्ती का परिणाम चाहिए। सरकार जल्दी से जल्दी लंबित पड़ी परीक्षाओं के परिणाम निकाले और नई भर्तियों की घोषणा करे।
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