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शिमला , 25 फरवरी [ विशाल सूद ] ! महाशिवरात्रि का पावन पर्व है और सम्पूर्ण हिमाचल वासियों को इस सुअवसर पर हार्दिक बधाई। डाॅ. बिन्दल, प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा अधिगृहित मंदिरों के चढ़ावे में से सरकारी योजनाओं के लिए धन दिए जाने की बात कही जा रही है। उन्होनें कहा कि सनातन हिन्दू समाज अपने मठ, मंदिरों के माध्यम से हजारों वर्षों तक भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार एवं विकास करता आया है। डाॅ. बिन्दल ने कहा कि मंदिरों के चढ़ावे का उपयोग सरकारी योजनाओं की प्रतिपूर्ति के लिए किया जाना किसी भी तरह से सनातन समाज को स्वीकार्य नहीं है। उन्होनें कहा कि हर बड़े मंदिर के 40-50 किलोमीटर के दायरे में छोटे-छोटे सैंकड़ो मंदिर हैं, जो जर-जर हालत में है, जिनके रखरखाव और प्रतिदिन के व्यय के लिए भी दान उपलब्ध नहीं होता और जो पुजारी इन मंदिरो में पूजा-अर्चना करते हैं, उनका भरण-पोषण भी नहीं होता। डाॅ. बिन्दल ने कहा कि सरकार द्वारा अधिगृहित मंदिरो के लिए बनाई गई नियमावली में यह शामिल हो कि छोटे मंदिरों के रखरखाव के लिए, पुजारियों के भरण-पोषण के लिए, संस्कृत व संस्कृति के विकास के लिए, गऊशालाओं के निर्माण एवं संचालन के लिए ही मंदिरो के दान की सरप्लस राशि का उपयोग किया जाना चाहिए। डाॅ. बिन्दल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने 2022 में सत्ता में आते ही बड़े-बड़े मंचों पर यह घोषणा की थी कि वे 97 प्रतिशत हिन्दु आबादी वाले प्रदेश में हिन्दुवादी विचारधारा को हराकर सत्ता में आए हैं।डाॅ. बिन्दल ने कहा कि जो हिन्दुवादी विचारधारा व सनातन संस्कृति को हराकर आए हैं, उन्हें हिन्दुओं के मंदिर के चढ़ावे का इस्तेमाल करने का कोई अधिकार नहीं है।
शिमला , 25 फरवरी [ विशाल सूद ] ! महाशिवरात्रि का पावन पर्व है और सम्पूर्ण हिमाचल वासियों को इस सुअवसर पर हार्दिक बधाई। डाॅ. बिन्दल, प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी ने कहा कि मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार सरकार द्वारा अधिगृहित मंदिरों के चढ़ावे में से सरकारी योजनाओं के लिए धन दिए जाने की बात कही जा रही है। उन्होनें कहा कि सनातन हिन्दू समाज अपने मठ, मंदिरों के माध्यम से हजारों वर्षों तक भारतीय संस्कृति का प्रचार-प्रसार एवं विकास करता आया है।
डाॅ. बिन्दल ने कहा कि मंदिरों के चढ़ावे का उपयोग सरकारी योजनाओं की प्रतिपूर्ति के लिए किया जाना किसी भी तरह से सनातन समाज को स्वीकार्य नहीं है। उन्होनें कहा कि हर बड़े मंदिर के 40-50 किलोमीटर के दायरे में छोटे-छोटे सैंकड़ो मंदिर हैं, जो जर-जर हालत में है, जिनके रखरखाव और प्रतिदिन के व्यय के लिए भी दान उपलब्ध नहीं होता और जो पुजारी इन मंदिरो में पूजा-अर्चना करते हैं, उनका भरण-पोषण भी नहीं होता।
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डाॅ. बिन्दल ने कहा कि सरकार द्वारा अधिगृहित मंदिरो के लिए बनाई गई नियमावली में यह शामिल हो कि छोटे मंदिरों के रखरखाव के लिए, पुजारियों के भरण-पोषण के लिए, संस्कृत व संस्कृति के विकास के लिए, गऊशालाओं के निर्माण एवं संचालन के लिए ही मंदिरो के दान की सरप्लस राशि का उपयोग किया जाना चाहिए।
डाॅ. बिन्दल ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविन्द्र सिंह सुक्खू ने 2022 में सत्ता में आते ही बड़े-बड़े मंचों पर यह घोषणा की थी कि वे 97 प्रतिशत हिन्दु आबादी वाले प्रदेश में हिन्दुवादी विचारधारा को हराकर सत्ता में आए हैं।डाॅ. बिन्दल ने कहा कि जो हिन्दुवादी विचारधारा व सनातन संस्कृति को हराकर आए हैं, उन्हें हिन्दुओं के मंदिर के चढ़ावे का इस्तेमाल करने का कोई अधिकार नहीं है।
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