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शिमला, 23 जुलाई, [ विशाल सूद ] ! ढली-कैथलीघाट के बीच फोरलेन निर्माण कार्य जोरों पर है। कैथलीघाट से ढली फोरलेन के बीच में 10 किलो मीटर की 10 सुरंगों का निर्माण होना है जिसमें एक सुरंग का निर्माण कार्य आज पूरा हो गया है। शोघी के पास शुंगल में 708 मीटर की लंबी सुरंग के मंगलवार को दोनों छोर मिल गए। एनएचएआई हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित की अध्यक्षता में सुरंग की ब्रेकथू सेरेमोनी हुई। टनल का निर्माण कार्य 2023 में शुरू हुआ था। अब नौ और टनल का निर्माण शेष है जिसे दिसंबर 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा। इस मौके पर एनएचएआई के क्षेत्रीय प्रमुख अब्दुल बासित ने बताया कि सुरंग के निर्माण में 200 मजदूरों और 50 मशीनों की तैनाती की गई है। यह सुरंग डबललेन की होगी। इससे आने-जाने में आसानी होगी और यात्रा का समय भी कम होने के साथ साथ तेल की बचत की कम होगी। सुरंग का निर्माण कार्य पर्यावरणीय मानकों को ध्यान में रखते हुए किया गया है और टनल के निर्माण से पहाड़ी की कटिंग भी बची और 5 हजार पेड़ का कटान भी बचा है। परवाणू से कैथलीघाट से ढली फोरलेन बनने से शिमला से चंडीगढ़ के बीच यातायात व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। डबल लेन सड़क से कैथलीघाट और ढली के बीच की दूरी 40 किलोमीटर से घटाकर 28.5 किमी रह जाएगी। दो चरणों में कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
शिमला, 23 जुलाई, [ विशाल सूद ] ! ढली-कैथलीघाट के बीच फोरलेन निर्माण कार्य जोरों पर है। कैथलीघाट से ढली फोरलेन के बीच में 10 किलो मीटर की 10 सुरंगों का निर्माण होना है जिसमें एक सुरंग का निर्माण कार्य आज पूरा हो गया है। शोघी के पास शुंगल में 708 मीटर की लंबी सुरंग के मंगलवार को दोनों छोर मिल गए। एनएचएआई हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रीय अधिकारी अब्दुल बासित की अध्यक्षता में सुरंग की ब्रेकथू सेरेमोनी हुई। टनल का निर्माण कार्य 2023 में शुरू हुआ था। अब नौ और टनल का निर्माण शेष है जिसे दिसंबर 2026 तक पूरा कर लिया जाएगा।
इस मौके पर एनएचएआई के क्षेत्रीय प्रमुख अब्दुल बासित ने बताया कि सुरंग के निर्माण में 200 मजदूरों और 50 मशीनों की तैनाती की गई है। यह सुरंग डबललेन की होगी। इससे आने-जाने में आसानी होगी और यात्रा का समय भी कम होने के साथ साथ तेल की बचत की कम होगी। सुरंग का निर्माण कार्य पर्यावरणीय मानकों को ध्यान में रखते हुए किया गया है और टनल के निर्माण से पहाड़ी की कटिंग भी बची और 5 हजार पेड़ का कटान भी बचा है।
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परवाणू से कैथलीघाट से ढली फोरलेन बनने से शिमला से चंडीगढ़ के बीच यातायात व्यवस्था में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा। डबल लेन सड़क से कैथलीघाट और ढली के बीच की दूरी 40 किलोमीटर से घटाकर 28.5 किमी रह जाएगी। दो चरणों में कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
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