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शिमला, 12 सितम्बर, [ विशाल सूद ] ! देवभूमि संघर्ष समिति के जिलाअध्यक्ष केशव चौहान का कहना है कि बीते रोज संजौली में लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन करके अपना रोष व्यक्त करना चाह रहे थे। जिसके लिए प्रशासन से बार-बार अनुमति भी मांगी गई थी मगर धारा 163 के लागू होने और पुलिस प्रशासन द्वारा किए गए लाठीचार्ज और क्रिया को देखते हुए जन आक्रोश के बढ़ने से हालात बिगड़ने लगे । समिति का कहना है कि वह शांतिपूर्ण ढंग से अपने मुद्दों को सामने रखना चाहते थे जो प्रदर्शन के दौरान स्पष्ट नहीं हो पाए समिति का कहना है कि जिस प्रकार आज मस्जिद कमेटी संजौली ने नगर निगम कमिश्नर के सामने ज्ञापन सौंपा है और मस्जिद के अवैध हिस्से को खुद गिराने की बात मानी है वह एक स्वागत योग्य पहल है और शिमला के शांतिपूर्ण माहौल को बनाय रखने के लिय अच्छी पहल है। हालांकि इन्होंने कहा कि संजौली में मस्जिद का मामला सिर्फ अवैध ढांचे तक सीमित नहीं है । उनका कहना है कि क्षेत्र में बाहरी राज्यों से भारी संख्या में आए ऐसे लोगों जो न सिर्फ अपनी पहचान छुपा कर रह रहे हैं बल्कि आए दिन असमाजिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं। इनका कहना है कि संजौली स्थित यह अवैध मस्जिद ऐसे लोगों के लिए पनाहगार सिद्ध हो रही है। ऐसे में स्थानीय लोगों में रोष फूटा है और लोग चाहते हैं कि इस अवैध मस्जिद पर जल्द एक्शन लिया जाए । साथ ही साथ यहां पनाह प्राप्त कर रहे और सामाजिक तत्वों पर भी जांच की जाए क्योंकि भारी संख्या में ऐसे लोगों को यहां पहुंचना और इनकी फंडिंग को लेकर भी संदेह के हालात बन गए हैं। समिति ने कहा की की प्रदेश के विभिन्न स्थानों से अब इस प्रकार के लोगों और गतिविधियों को लेकर लोग अपनी आवाज उठाने लगे हैं । ऐसे में सरकार को जल्द जरूरी सतर्कता बरतनी चाहिए और जल्द ही प्रभावी कदम उठाने चाहिए। इन्होंने स्पष्ट किया कि बीते कल संजौली में जो भी जन संघर्ष सामने आया उसका किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है यह मात्र जन आक्रोश ही था।
शिमला, 12 सितम्बर, [ विशाल सूद ] ! देवभूमि संघर्ष समिति के जिलाअध्यक्ष केशव चौहान का कहना है कि बीते रोज संजौली में लोग शांतिपूर्ण प्रदर्शन करके अपना रोष व्यक्त करना चाह रहे थे। जिसके लिए प्रशासन से बार-बार अनुमति भी मांगी गई थी मगर धारा 163 के लागू होने और पुलिस प्रशासन द्वारा किए गए लाठीचार्ज और क्रिया को देखते हुए जन आक्रोश के बढ़ने से हालात बिगड़ने लगे ।
समिति का कहना है कि वह शांतिपूर्ण ढंग से अपने मुद्दों को सामने रखना चाहते थे जो प्रदर्शन के दौरान स्पष्ट नहीं हो पाए समिति का कहना है कि जिस प्रकार आज मस्जिद कमेटी संजौली ने नगर निगम कमिश्नर के सामने ज्ञापन सौंपा है और मस्जिद के अवैध हिस्से को खुद गिराने की बात मानी है वह एक स्वागत योग्य पहल है और शिमला के शांतिपूर्ण माहौल को बनाय रखने के लिय अच्छी पहल है। हालांकि इन्होंने कहा कि संजौली में मस्जिद का मामला सिर्फ अवैध ढांचे तक सीमित नहीं है । उनका कहना है कि क्षेत्र में बाहरी राज्यों से भारी संख्या में आए ऐसे लोगों जो न सिर्फ अपनी पहचान छुपा कर रह रहे हैं बल्कि आए दिन असमाजिक गतिविधियों को अंजाम दे रहे हैं।
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इनका कहना है कि संजौली स्थित यह अवैध मस्जिद ऐसे लोगों के लिए पनाहगार सिद्ध हो रही है। ऐसे में स्थानीय लोगों में रोष फूटा है और लोग चाहते हैं कि इस अवैध मस्जिद पर जल्द एक्शन लिया जाए । साथ ही साथ यहां पनाह प्राप्त कर रहे और सामाजिक तत्वों पर भी जांच की जाए क्योंकि भारी संख्या में ऐसे लोगों को यहां पहुंचना और इनकी फंडिंग को लेकर भी संदेह के हालात बन गए हैं। समिति ने कहा की की प्रदेश के विभिन्न स्थानों से अब इस प्रकार के लोगों और गतिविधियों को लेकर लोग अपनी आवाज उठाने लगे हैं ।
ऐसे में सरकार को जल्द जरूरी सतर्कता बरतनी चाहिए और जल्द ही प्रभावी कदम उठाने चाहिए। इन्होंने स्पष्ट किया कि बीते कल संजौली में जो भी जन संघर्ष सामने आया उसका किसी भी राजनीतिक दल से कोई संबंध नहीं है यह मात्र जन आक्रोश ही था।
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