विपक्ष का बयान नही सच इस मामले पर ली जाएगी लीगल एडवाइस: संजय अवस्थी
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शिमला , 14 नवंबर [ विशाल सूद ] ! हाई कोर्ट के सीपीएस के हटाये जाने के आदेशों के बाद प्रदेश सरकार को जहां बड़ा झटका लगा है वहीं अब इस मामले पर आगामी रणनीति बमाये जाने को लेकर भी सरकार में मंथन हो रहा है।इस मामले को लेकर विपक्ष हमलावर है।वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि विपक्ष शुरू से ही स्थिर स्थिर सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है।वहीं सीएम सहित पूर्व सीपीएस का कहना है कि इस मामले पर अध्ययन करेंगे। हाई कोर्ट के आदेशों के बाद इनकी सुविधाएं वापिस लेने की अधिसूचना भी जारी हो गयी है।हाई कोर्ट के सीपीएस एक्ट 2006 को भी निरस्त कर दिया है।हिमाचल सरकार ने 6 सीपीएस की नियुक्ति जनवरी 2023 में की थी जिनमे आशीष बुटेल , किशोरीलाल, मोहन लाल ब्राक्टा, संजय अवस्थी, राम कुमार ,सुंदर सिंह ठाकुर को सीपीएस नियुक्त किया था। सीपीएस मामले पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि फाइनल कॉपी हाई कोर्ट की जजमेंट की आएगी उसके बाद अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ चर्चा करने के उपरांत आगे बढ़ा जाएगा और जो भी करना होगा नहीं करना होगा सबसे इस मूददे पर चर्चा के बाद आगे बढ़ा जाएगा। उन्होंने भाजपा के विधायक पद जाने वाले बयान पर कहा कि यह बीजेपी की बात है और किसने आना और जान यह बाद कि बात है पहले कोर्ट की पूरी जजमेंट आएगी उसका अध्ययन करने के बाद ही कुछ कह जा सकता है।उन्होंने कहा कि अभी इस पर अध्ययन कर और कैबिनेट मंत्रियों से बात कर ही कुछ कह जा सकता है। वहीं विधायक संजय अवस्थी ने कहा कि हमें न्याय प्रणाली पर जो है पूरा भरोसा है और हम अपने अधिकारों का प्रयोग करेंगे जजमेंट को पूरी तरह हमने पढ़ा नहीं है जैसे ही जजमेंट को पढ़ने के बाद कानूनी राय ली जाएगी और कानूनी राय लेने के बाद जो भी हम उसे पर जो हमें सुझाव मिलेंगे उसके अनुसार जो आगे कार्यवाही करेंगे। विपक्ष ने अभी तक सरकार के 2 वर्ष का कार्यकाल जो सरकार का पूरा होने जा रहा है तो कोई भी मौका सरकार को अस्थिर करने का नही छोड़ा है। यह जो स्टेटमेंट विपक्ष ने दी है तो यह न समझा जाये कि उनकी स्टेटमेंट ही सच है ।इस मामले पर लीगल एडवाइजर व एडवोकेट से चर्चा कर और जजमेंट कि जब कॉपी आएगी उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
शिमला , 14 नवंबर [ विशाल सूद ] ! हाई कोर्ट के सीपीएस के हटाये जाने के आदेशों के बाद प्रदेश सरकार को जहां बड़ा झटका लगा है वहीं अब इस मामले पर आगामी रणनीति बमाये जाने को लेकर भी सरकार में मंथन हो रहा है।इस मामले को लेकर विपक्ष हमलावर है।वहीं सत्ता पक्ष का कहना है कि विपक्ष शुरू से ही स्थिर स्थिर सरकार को अस्थिर करने का प्रयास कर रही है।वहीं सीएम सहित पूर्व सीपीएस का कहना है कि इस मामले पर अध्ययन करेंगे।
हाई कोर्ट के आदेशों के बाद इनकी सुविधाएं वापिस लेने की अधिसूचना भी जारी हो गयी है।हाई कोर्ट के सीपीएस एक्ट 2006 को भी निरस्त कर दिया है।हिमाचल सरकार ने 6 सीपीएस की नियुक्ति जनवरी 2023 में की थी जिनमे आशीष बुटेल , किशोरीलाल, मोहन लाल ब्राक्टा, संजय अवस्थी, राम कुमार ,सुंदर सिंह ठाकुर को सीपीएस नियुक्त किया था।
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सीपीएस मामले पर सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि फाइनल कॉपी हाई कोर्ट की जजमेंट की आएगी उसके बाद अपने कैबिनेट मंत्रियों के साथ चर्चा करने के उपरांत आगे बढ़ा जाएगा और जो भी करना होगा नहीं करना होगा सबसे इस मूददे पर चर्चा के बाद आगे बढ़ा जाएगा।
उन्होंने भाजपा के विधायक पद जाने वाले बयान पर कहा कि यह बीजेपी की बात है और किसने आना और जान यह बाद कि बात है पहले कोर्ट की पूरी जजमेंट आएगी उसका अध्ययन करने के बाद ही कुछ कह जा सकता है।उन्होंने कहा कि अभी इस पर अध्ययन कर और कैबिनेट मंत्रियों से बात कर ही कुछ कह जा सकता है।
वहीं विधायक संजय अवस्थी ने कहा कि हमें न्याय प्रणाली पर जो है पूरा भरोसा है और हम अपने अधिकारों का प्रयोग करेंगे जजमेंट को पूरी तरह हमने पढ़ा नहीं है जैसे ही जजमेंट को पढ़ने के बाद कानूनी राय ली जाएगी और कानूनी राय लेने के बाद जो भी हम उसे पर जो हमें सुझाव मिलेंगे उसके अनुसार जो आगे कार्यवाही करेंगे। विपक्ष ने अभी तक सरकार के 2 वर्ष का कार्यकाल जो सरकार का पूरा होने जा रहा है तो कोई भी मौका सरकार को अस्थिर करने का नही छोड़ा है।
यह जो स्टेटमेंट विपक्ष ने दी है तो यह न समझा जाये कि उनकी स्टेटमेंट ही सच है ।इस मामले पर लीगल एडवाइजर व एडवोकेट से चर्चा कर और जजमेंट कि जब कॉपी आएगी उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।
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