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शिमला, 22 नवंबर [ विशाल सूद ] ! भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा सुबह से मुख्यमंत्री के कैबिनेट रैंक मित्र मीडिया सलाहकार की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है , उसमें साफ दिख रहा है कि जिस प्रकार से एक मीडिया कर्मी जनता की आवाज कांग्रेस के कैबिनेट रैंक मित्र तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है उसके साथ कांग्रेस नेता ने जिस प्रकार का व्यवहार किया है वह दुर्भाग्यपूर्ण है। अगर कोई मीडिया कर्मी नेता से प्रश्न पूछता है तो उसका उसको जवाब देना चाहिए, ना की अपना आपा खोते हुए उसका कैमरा बंद करने एवं उसको अपने दफ्तर से बाहर का रास्ता दिखने का प्रयास करना चाहिए। नंदा ने कहा कि भाजपा लगातार सरकार से पूछ रही है कि जिस प्रकार से पर्यटन विभाग को लेकर उच्च न्यायालय का एक निर्णय आया है उसको लेकर सरकार क्या करने वाली है ? क्या वह होटल सरकार के प्रधान अपने मित्रों को तो नहीं देना चाह रहे है ? अगर इस विषय को लेकर मीडिया कर्मी कांग्रेस नेताओं से सवाल पूछते हैं, कि क्या यह होटल बंद हो जाएंगे ? तो उसमें पत्रकारों का क्या दोष है ? उन्होंने कहा कि पत्रकार जनता एवं नेता के बीच में संवाद सेतु का काम करता है और अगर किसी सरकार ने इस सेतु को खंडित करने का प्रयास किया है तो वह केवल कांग्रेस की सरकार ही है। पत्रकारों की आवाज दबाने का जो प्रयास लगातार सरकार कर रही है वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, अगर मीडिया में कुछ खबरें प्रकाशित हो जाए या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में चल जाए तो उससे इस सरकार के पेट में दर्द हो जाती है। पत्रकारिता के जुड़े संस्थाओं को लगातार दबाने का प्रयास किया जाता है, यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज दबाने का दुर्भाग्यपूर्ण कार्य है जिसकी भाजपा कड़ी निंदा करती है। ऐसे ही कुछ प्रकरण को लेकर जब विधानसभा में भाजपा के विधायक रणधीर शर्मा ने आवाज उठाई थी तब भी मुख्यमंत्री ने किसी भी प्रकार का जवाब नहीं दिया था, उसी दिन सीएम की चुप्पी से यह स्पष्ट हो गया था की कांग्रेस सरकार मीडिया विरोधी है और सच से भागने का काम करती है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के मीडिया सलाहकार स्वयं मीडिया को लंबे समय से देख रहे हैं अगर वह मुख्यमंत्री की आवास बनाकर मीडिया कर्मियों के साथ इस प्रकार का व्यवहार करते हैं तो कांग्रेस की असली छवि जनता के सामने उजागर हो जाती है।
शिमला, 22 नवंबर [ विशाल सूद ] ! भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कांग्रेस सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए कहा सुबह से मुख्यमंत्री के कैबिनेट रैंक मित्र मीडिया सलाहकार की एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है , उसमें साफ दिख रहा है कि जिस प्रकार से एक मीडिया कर्मी जनता की आवाज कांग्रेस के कैबिनेट रैंक मित्र तक पहुंचाने का कार्य कर रहा है उसके साथ कांग्रेस नेता ने जिस प्रकार का व्यवहार किया है वह दुर्भाग्यपूर्ण है।
अगर कोई मीडिया कर्मी नेता से प्रश्न पूछता है तो उसका उसको जवाब देना चाहिए, ना की अपना आपा खोते हुए उसका कैमरा बंद करने एवं उसको अपने दफ्तर से बाहर का रास्ता दिखने का प्रयास करना चाहिए।
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नंदा ने कहा कि भाजपा लगातार सरकार से पूछ रही है कि जिस प्रकार से पर्यटन विभाग को लेकर उच्च न्यायालय का एक निर्णय आया है उसको लेकर सरकार क्या करने वाली है ? क्या वह होटल सरकार के प्रधान अपने मित्रों को तो नहीं देना चाह रहे है ? अगर इस विषय को लेकर मीडिया कर्मी कांग्रेस नेताओं से सवाल पूछते हैं, कि क्या यह होटल बंद हो जाएंगे ? तो उसमें पत्रकारों का क्या दोष है ?
उन्होंने कहा कि पत्रकार जनता एवं नेता के बीच में संवाद सेतु का काम करता है और अगर किसी सरकार ने इस सेतु को खंडित करने का प्रयास किया है तो वह केवल कांग्रेस की सरकार ही है।
पत्रकारों की आवाज दबाने का जो प्रयास लगातार सरकार कर रही है वह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है, अगर मीडिया में कुछ खबरें प्रकाशित हो जाए या इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में चल जाए तो उससे इस सरकार के पेट में दर्द हो जाती है। पत्रकारिता के जुड़े संस्थाओं को लगातार दबाने का प्रयास किया जाता है, यह लोकतंत्र के चौथे स्तंभ की आवाज दबाने का दुर्भाग्यपूर्ण कार्य है जिसकी भाजपा कड़ी निंदा करती है।
ऐसे ही कुछ प्रकरण को लेकर जब विधानसभा में भाजपा के विधायक रणधीर शर्मा ने आवाज उठाई थी तब भी मुख्यमंत्री ने किसी भी प्रकार का जवाब नहीं दिया था, उसी दिन सीएम की चुप्पी से यह स्पष्ट हो गया था की कांग्रेस सरकार मीडिया विरोधी है और सच से भागने का काम करती है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस सरकार के मीडिया सलाहकार स्वयं मीडिया को लंबे समय से देख रहे हैं अगर वह मुख्यमंत्री की आवास बनाकर मीडिया कर्मियों के साथ इस प्रकार का व्यवहार करते हैं तो कांग्रेस की असली छवि जनता के सामने उजागर हो जाती है।
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