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शिमला 19 जुलाई ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की ऑनलाइन प्रणाली मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (एचआरएमएस) का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल से प्रदेश सरकार द्वारा प्रभावी गवर्नेंस तथा प्रशासन के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की प्रतिबद्धता को बल मिलेगा। यह प्रणाली सीधे तौर पर दोनों विभागों के लगभग 5,500 कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) के प्रबंधन की प्रणाली को सुव्यवस्थित करेगी। इस प्रणाली से मानव संसाधन प्रक्रियाएं सरल और तीव्र होगी, जिससे पारदर्शिता और दक्षता में सुधार होगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस प्रणाली में अतिरिक्त विशेषताएं जोड़ी जाएंगी जिनमें जिला परिषद कर्मचारियों के स्थानांतरण, तैनाती और सेवा पुस्तिकाओं के प्रबंधन की सुविधाएं शामिल होंगी। इससे विभागों की मानव संसाधन प्रक्रियाओं की क्षमताओं में बढ़ोत्तरी होगी। मुख्यमंत्री ने लोगों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के दृष्टिगत विभाग की कार्यप्रणाली में कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए विभाग द्वारा किए जाने वाले सभी कार्यों को ऑनलाइन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और प्रौद्योगिकी के उपयोग से इस लक्ष्य को हासिल करने का मार्ग प्रशस्त होगा। ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक राजेश धर्माणी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, सचिव डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस डॉ. अभिषेक जैन, सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी, सचिव बहुद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा राजीव शर्मा, सचिव जल शक्ति विभाग अमिताभ अवस्थी, सचिव ग्रामीण विकास प्रियातु मंडल, निदेशक सूचना एवं जन संपर्क किरण भड़ाना और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
शिमला 19 जुलाई ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग की ऑनलाइन प्रणाली मानव संसाधन प्रबंधन प्रणाली (एचआरएमएस) का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस पहल से प्रदेश सरकार द्वारा प्रभावी गवर्नेंस तथा प्रशासन के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने की प्रतिबद्धता को बल मिलेगा।
यह प्रणाली सीधे तौर पर दोनों विभागों के लगभग 5,500 कर्मचारियों की वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) के प्रबंधन की प्रणाली को सुव्यवस्थित करेगी। इस प्रणाली से मानव संसाधन प्रक्रियाएं सरल और तीव्र होगी, जिससे पारदर्शिता और दक्षता में सुधार होगा।
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उन्होंने कहा कि भविष्य में इस प्रणाली में अतिरिक्त विशेषताएं जोड़ी जाएंगी जिनमें जिला परिषद कर्मचारियों के स्थानांतरण, तैनाती और सेवा पुस्तिकाओं के प्रबंधन की सुविधाएं शामिल होंगी। इससे विभागों की मानव संसाधन प्रक्रियाओं की क्षमताओं में बढ़ोत्तरी होगी।
मुख्यमंत्री ने लोगों को बेहतर सेवाएं प्रदान करने के दृष्टिगत विभाग की कार्यप्रणाली में कृत्रिम मेधा (आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस) को शामिल करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने सरकारी व्यवस्था में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए विभाग द्वारा किए जाने वाले सभी कार्यों को ऑनलाइन करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है और प्रौद्योगिकी के उपयोग से इस लक्ष्य को हासिल करने का मार्ग प्रशस्त होगा।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, मुख्य संसदीय सचिव संजय अवस्थी, विधायक राजेश धर्माणी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (सूचना प्रौद्योगिकी एवं नवाचार) गोकुल बुटेल, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव भरत खेड़ा, सचिव डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस डॉ. अभिषेक जैन, सचिव स्वास्थ्य एम. सुधा देवी, सचिव बहुद्देशीय परियोजनाएं एवं ऊर्जा राजीव शर्मा, सचिव जल शक्ति विभाग अमिताभ अवस्थी, सचिव ग्रामीण विकास प्रियातु मंडल, निदेशक सूचना एवं जन संपर्क किरण भड़ाना और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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