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शिमला , 06 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश की बैठक प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा की अध्यक्षता में शिमला में सम्पन्न हुई। बैठक में सीटू राष्ट्रीय सचिव के एन उमेश, डॉ कश्मीर सिंह ठाकुर, विजेंद्र मेहरा, प्रेम गौतम, जगत राम, अजय दुलटा, कुलदीप डोगरा, सुदेश, भूपेंद्र, राजेश, रविन्द्र, केवल, वीना शर्मा, रमाकांत मिश्रा, आशीष, विजय, हिमी, भूप सिंह, बालक राम, रामप्रकाश, गुरदास, दलीप, विरेंद्र लाल, मदन नेगी, विनोद बिरसांटा आदि शामिल रहे। बैठक में निर्णय लिया गया कि मिनी व अन्य आंगनबाड़ी कर्मियों तथा रेहड़ी फड़ी तहबाजारी के मुद्दों पर जल्द ही सीटू का प्रतिनिधिमंडल दोनों विभागों के मंत्रियों एवं श्रम मंत्री से मिलेगा। केंद्र की मोदी सरकार की मजदूर, किसान, कर्मचारी व जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ सीटू राज्य कमेटी द्वारा 26 नवंबर को जिला व ब्लॉक मुख्यालयों पर विशाल प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किए जाएंगे। सीटू राज्य कमेटी द्वारा मजदूरों के मुद्दों पर 21 - 22 दिसंबर को मंडी में दो दिवसीय राज्य अधिवेशन किया जाएगा। सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा कि मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण दर्जा देने, उनका वेतन व आंगनबाड़ी केंद्र का किराया जारी करने, आंगनबाड़ी, मिड डे मील व आशा कर्मियों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने तथा ग्रेच्युटी लागू करने, मजदूरों का न्यूनतम वेतन 26 हज़ार रुपये घोषित करने, मजदूर विरोधी चार लेबर कोडों, नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन, अग्निवीर, आयुद्धवीर, कोयलावीर व अन्य फिक्स टर्म रोज़गार को रद्द करने, ईपीएफ, ईपीएस, ईडीएलआई सुविधा की अवहेलना करने पर सज़ा शर्तों में कटौती करने, असंगठित मजदूरों के लिए सार्वभौमिक व्यापक सामाजिक सुरक्षा देने, ठेका मजदूरों की रोज़गार सुरक्षा सुनिश्चित करने, उन्हें नियमित कर्मियों के बराबर वेतन देने, केंद्रीय व प्रदेश सरकार के बोर्ड व निगम कर्मियों की ओपीएस बहाल करने, न्यूनतम पेंशन 9 हज़ार लागू करने, मनरेगा व निर्माण मजदूरों के श्रमिक कल्या बोर्ड से आर्थिक लाभ व पंजीकरण सुविधा बहाल करने, एसटीपी मजदूरों के लिए शेडयूल एम्प्लॉयमेंट घोषित करने, आउटसोर्स व अस्पताल कर्मियों के लिए नीति बनाने, औद्योगिक मजदूरों को 40 प्रतिशत अधिक वेतन देने, तयबजारी को उजाड़ने के खिलाफ, काम के घण्टे 8 से बढ़ाकर 12 घण्टे करने के खिलाफ, आईटी, आईटीईएस उद्योगों को श्रम कानूनों से छूट देने के खिलाफ, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने, स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों कल लागू करने, शहरी क्षेत्रों में विस्तार के साथ ही मनरेगा में 600 रुपये प्रति दिन की मजदूरी पर 200 दिन कार्य दिवस प्रदान करने, मनरेगा, निर्माण तथा बीआरओ मजदूरों का श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण व आर्थिक लाभ बहाल करने, आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति बनाने, नौकरी से निकाले गए कोविड कर्मियों को बहाल करने, भारी महंगाई पर रोक लगाने, सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण को रोकने, किसानों की कर्ज़ा मुक्ति आदि मांगों को लेकर सीटू राज्य कमेटी मजदूरों व जनता में जाएगी तथा उनसे मजदूर व मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन तेज करने का आह्वान करेगी। उन्होंने कहा है कि केन्द्र की मोदी सरकार की नवउदारवादी व पूंजीपति परस्त नीतियों के कारण बेरोजगारी, गरीबी, असमानता व रोजी रोटी का संकट बढ़ रहा है। बेरोजगारी व महंगाई से गरीबी व भुखमरी बढ़ रही है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कमज़ोर करने के कारण बढ़ती मंहगाई ने जनता की कमर तोड़ कर रख दी है। पेट्रोल, डीज़ल, रसोई गैस, खाद्य वस्तुओं के दामों में भारी वृद्धि हो रही है। उन्होंने न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये प्रति माह और सभी श्रमिकों को पेंशन सुनिश्चित करने; मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं और बिजली संशोधन विधेयक को निरस्त करने, कॉन्ट्रेक्ट, पार्ट टाइम, मल्टी पर्पज, मल्टी टास्क, टेम्परेरी, कैज़ुअल, फिक्स टर्म, ठेकेदारी प्रथा व आउटसोर्स प्रणाली पर रोक लगाकर इन सभी मजदूरों को नियमित करने, शहरी क्षेत्रों में विस्तार के साथ मनरेगा में 600 रुपये प्रति दिन की मजदूरी पर 200 दिन कार्य दिवस प्रदान करने, मनरेगा, निर्माण तथा बीआरओ मजदूरों की मांगों को जनता में ले जाया जाएगा व मोदी सरकार की मजदूर, कर्मचारी, किसान व जन विरोधी नीतियों के कारण जनता से भाजपा व मोदी के खिलाफ वोट की अपील की जाएगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण व विनिवेश, नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन व अग्निपथ योजना, महंगाई और डिपुओं में राशन प्रणाली, आंगनबाड़ी, मिड डे मील, आशा कर्मियों, बिजली बोर्ड, नगर निगमों, अन्य बोर्डों व निगमों के कर्मचारियों के ओपीएस, बीआरओ के निजीकरण व नियमितीकरण, स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट, मोटर व्हीकल एक्ट में मजदूर व मालिक विरोधी बदलाव आदि मुद्दों पर मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों का पर्दाफाश किया जाएगा।
शिमला , 06 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! सीटू राज्य कमेटी हिमाचल प्रदेश की बैठक प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा की अध्यक्षता में शिमला में सम्पन्न हुई। बैठक में सीटू राष्ट्रीय सचिव के एन उमेश, डॉ कश्मीर सिंह ठाकुर, विजेंद्र मेहरा, प्रेम गौतम, जगत राम, अजय दुलटा, कुलदीप डोगरा, सुदेश, भूपेंद्र, राजेश, रविन्द्र, केवल, वीना शर्मा, रमाकांत मिश्रा, आशीष, विजय, हिमी, भूप सिंह, बालक राम, रामप्रकाश, गुरदास, दलीप, विरेंद्र लाल, मदन नेगी, विनोद बिरसांटा आदि शामिल रहे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि मिनी व अन्य आंगनबाड़ी कर्मियों तथा रेहड़ी फड़ी तहबाजारी के मुद्दों पर जल्द ही सीटू का प्रतिनिधिमंडल दोनों विभागों के मंत्रियों एवं श्रम मंत्री से मिलेगा। केंद्र की मोदी सरकार की मजदूर, किसान, कर्मचारी व जनता विरोधी नीतियों के खिलाफ सीटू राज्य कमेटी द्वारा 26 नवंबर को जिला व ब्लॉक मुख्यालयों पर विशाल प्रदेशव्यापी प्रदर्शन किए जाएंगे। सीटू राज्य कमेटी द्वारा मजदूरों के मुद्दों पर 21 - 22 दिसंबर को मंडी में दो दिवसीय राज्य अधिवेशन किया जाएगा।
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सीटू प्रदेशाध्यक्ष विजेंद्र मेहरा व महासचिव प्रेम गौतम ने कहा कि मिनी आंगनबाड़ी को पूर्ण दर्जा देने, उनका वेतन व आंगनबाड़ी केंद्र का किराया जारी करने, आंगनबाड़ी, मिड डे मील व आशा कर्मियों को सरकारी कर्मचारी घोषित करने तथा ग्रेच्युटी लागू करने, मजदूरों का न्यूनतम वेतन 26 हज़ार रुपये घोषित करने, मजदूर विरोधी चार लेबर कोडों, नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन, अग्निवीर, आयुद्धवीर, कोयलावीर व अन्य फिक्स टर्म रोज़गार को रद्द करने, ईपीएफ, ईपीएस, ईडीएलआई सुविधा की अवहेलना करने पर सज़ा शर्तों में कटौती करने, असंगठित मजदूरों के लिए सार्वभौमिक व्यापक सामाजिक सुरक्षा देने, ठेका मजदूरों की रोज़गार सुरक्षा सुनिश्चित करने, उन्हें नियमित कर्मियों के बराबर वेतन देने, केंद्रीय व प्रदेश सरकार के बोर्ड व निगम कर्मियों की ओपीएस बहाल करने, न्यूनतम पेंशन 9 हज़ार लागू करने, मनरेगा व निर्माण मजदूरों के श्रमिक कल्या बोर्ड से आर्थिक लाभ व पंजीकरण सुविधा बहाल करने, एसटीपी मजदूरों के लिए शेडयूल एम्प्लॉयमेंट घोषित करने, आउटसोर्स व अस्पताल कर्मियों के लिए नीति बनाने, औद्योगिक मजदूरों को 40 प्रतिशत अधिक वेतन देने, तयबजारी को उजाड़ने के खिलाफ, काम के घण्टे 8 से बढ़ाकर 12 घण्टे करने के खिलाफ, आईटी, आईटीईएस उद्योगों को श्रम कानूनों से छूट देने के खिलाफ, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य देने, स्वामीनाथन कमीशन की सिफारिशों कल लागू करने, शहरी क्षेत्रों में विस्तार के साथ ही मनरेगा में 600 रुपये प्रति दिन की मजदूरी पर 200 दिन कार्य दिवस प्रदान करने, मनरेगा, निर्माण तथा बीआरओ मजदूरों का श्रमिक कल्याण बोर्ड में पंजीकरण व आर्थिक लाभ बहाल करने, आउटसोर्स कर्मियों के लिए नीति बनाने, नौकरी से निकाले गए कोविड कर्मियों को बहाल करने, भारी महंगाई पर रोक लगाने, सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण को रोकने, किसानों की कर्ज़ा मुक्ति आदि मांगों को लेकर सीटू राज्य कमेटी मजदूरों व जनता में जाएगी तथा उनसे मजदूर व मोदी सरकार की जनविरोधी नीतियों के खिलाफ आंदोलन तेज करने का आह्वान करेगी।
उन्होंने कहा है कि केन्द्र की मोदी सरकार की नवउदारवादी व पूंजीपति परस्त नीतियों के कारण बेरोजगारी, गरीबी, असमानता व रोजी रोटी का संकट बढ़ रहा है। बेरोजगारी व महंगाई से गरीबी व भुखमरी बढ़ रही है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कमज़ोर करने के कारण बढ़ती मंहगाई ने जनता की कमर तोड़ कर रख दी है। पेट्रोल, डीज़ल, रसोई गैस, खाद्य वस्तुओं के दामों में भारी वृद्धि हो रही है। उन्होंने न्यूनतम वेतन 26,000 रुपये प्रति माह और सभी श्रमिकों को पेंशन सुनिश्चित करने; मजदूर विरोधी चार श्रम संहिताओं और बिजली संशोधन विधेयक को निरस्त करने, कॉन्ट्रेक्ट, पार्ट टाइम, मल्टी पर्पज, मल्टी टास्क, टेम्परेरी, कैज़ुअल, फिक्स टर्म, ठेकेदारी प्रथा व आउटसोर्स प्रणाली पर रोक लगाकर इन सभी मजदूरों को नियमित करने, शहरी क्षेत्रों में विस्तार के साथ मनरेगा में 600 रुपये प्रति दिन की मजदूरी पर 200 दिन कार्य दिवस प्रदान करने, मनरेगा, निर्माण तथा बीआरओ मजदूरों की मांगों को जनता में ले जाया जाएगा व मोदी सरकार की मजदूर, कर्मचारी, किसान व जन विरोधी नीतियों के कारण जनता से भाजपा व मोदी के खिलाफ वोट की अपील की जाएगी। उन्होंने कहा कि सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण व विनिवेश, नेशनल मोनेटाइजेशन पाइपलाइन व अग्निपथ योजना, महंगाई और डिपुओं में राशन प्रणाली, आंगनबाड़ी, मिड डे मील, आशा कर्मियों, बिजली बोर्ड, नगर निगमों, अन्य बोर्डों व निगमों के कर्मचारियों के ओपीएस, बीआरओ के निजीकरण व नियमितीकरण, स्ट्रीट वेंडर्स एक्ट, मोटर व्हीकल एक्ट में मजदूर व मालिक विरोधी बदलाव आदि मुद्दों पर मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों का पर्दाफाश किया जाएगा।
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