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शिमला ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां बागवानी विभाग द्वारा कार्याविन्त की जा रही विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बागवानी गतिविधियों को सशक्त करने के लिए विविधिकरण पर ध्यान केन्द्रित करना नितांत आवश्यक है। उन्होंने बागवानी उत्पादों के लिए बेहतर भंडारण व विपणन की व्यवस्था विकसित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि किसानों और बागवानों को उत्पादों के उचित दाम सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा जिला स्तर पर आधुनिक कोल्ड स्टोर विकसित करने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है। ऊना जिला में आलू की प्रसंस्करण यूनिट स्थापित करने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है। इससे किसानों की आर्थिकी सशक्त होगी और स्वरोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे। ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने निर्देश दिए कि मण्डी मध्यस्थता के तहत किसानों-बागवानों को लाभान्वित करने के लिए डीबीटी को सशक्त करने पर विशेष अधिमान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सेब बागवानी के कायाकल्प के लिए लगभग 500 करोड़ रुपये की समर्पित परियोजना तैयार करने पर विचार कर रही है। इसकी अवधि पांच वर्ष होगी। सरकार का प्रयास है कि उच्च घनत्व पौधरोपण को बढ़ावा देकर बागवानों की आय में बढ़ौतरी की जा सके। इससे प्रदेश में ग्रामीण आर्थिकी सशक्त होगी। प्रदेश में वित्त वर्ष 2023-24 तथा 2024-25 के दौरान राज्य योजनाओं में अर्जित उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वित्त वर्ष के दौरान बागवानी विकास योजना के तहत पावर टिल्लर और पावर स्प्रेयर पर 12.84 करोड़ खर्च किए गए जिससे 4244 बागवान लाभान्वित हुए हैं जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में इसके तहत अब तक 9 करोड़ रूपये व्यय कर 3156 बागवानों को लाभान्वित किया गया है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में एंटी हेल नेट स्कीम में 14.45 करोड़ व्यय कर 1767 लोगों को फायदा हुआ जबकि अभी तक इसके तहत इस वित्त वर्ष के दौरान 10.3 करोड़ रूपये व्यय कर 1223 लोगों का लाभान्वित किया गया है। हिमाचल पुष्प क्रांति योजना पर पिछले वित्त वर्ष के दौरान 11 करोड़ रुपये खर्च कर 750 लोगों को लाभ पहुंचाया गया है। बैठक में बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, सचिव बागवानी सी. पालरासु, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक बागवानी विनय कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
शिमला ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज यहां बागवानी विभाग द्वारा कार्याविन्त की जा रही विभिन्न योजनाओं की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की।इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में बागवानी गतिविधियों को सशक्त करने के लिए विविधिकरण पर ध्यान केन्द्रित करना नितांत आवश्यक है। उन्होंने बागवानी उत्पादों के लिए बेहतर भंडारण व विपणन की व्यवस्था विकसित करने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि किसानों और बागवानों को उत्पादों के उचित दाम सुनिश्चित करने के लिए सरकार द्वारा जिला स्तर पर आधुनिक कोल्ड स्टोर विकसित करने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है। ऊना जिला में आलू की प्रसंस्करण यूनिट स्थापित करने की योजना पर भी कार्य किया जा रहा है। इससे किसानों की आर्थिकी सशक्त होगी और स्वरोजगार के अवसर भी उपलब्ध होंगे।
ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने निर्देश दिए कि मण्डी मध्यस्थता के तहत किसानों-बागवानों को लाभान्वित करने के लिए डीबीटी को सशक्त करने पर विशेष अधिमान दिया जाए। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सेब बागवानी के कायाकल्प के लिए लगभग 500 करोड़ रुपये की समर्पित परियोजना तैयार करने पर विचार कर रही है। इसकी अवधि पांच वर्ष होगी। सरकार का प्रयास है कि उच्च घनत्व पौधरोपण को बढ़ावा देकर बागवानों की आय में बढ़ौतरी की जा सके। इससे प्रदेश में ग्रामीण आर्थिकी सशक्त होगी।
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प्रदेश में वित्त वर्ष 2023-24 तथा 2024-25 के दौरान राज्य योजनाओं में अर्जित उपलब्धियों पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वित्त वर्ष के दौरान बागवानी विकास योजना के तहत पावर टिल्लर और पावर स्प्रेयर पर 12.84 करोड़ खर्च किए गए जिससे 4244 बागवान लाभान्वित हुए हैं जबकि वित्त वर्ष 2024-25 में इसके तहत अब तक 9 करोड़ रूपये व्यय कर 3156 बागवानों को लाभान्वित किया गया है। उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 2023-24 में एंटी हेल नेट स्कीम में 14.45 करोड़ व्यय कर 1767 लोगों को फायदा हुआ जबकि अभी तक इसके तहत इस वित्त वर्ष के दौरान 10.3 करोड़ रूपये व्यय कर 1223 लोगों का लाभान्वित किया गया है। हिमाचल पुष्प क्रांति योजना पर पिछले वित्त वर्ष के दौरान 11 करोड़ रुपये खर्च कर 750 लोगों को लाभ पहुंचाया गया है।
बैठक में बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, सचिव बागवानी सी. पालरासु, मुख्यमंत्री के सचिव राकेश कंवर, निदेशक बागवानी विनय कुमार और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
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