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शिमला ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज धर्मशाला से वर्चुअल माध्यम से बिलासपुर जिला के भगेड़ स्थित अपराजिता बाल आश्रम के 17 ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ से संवाद किया। यह बच्चे दो दिवसीय शैक्षिक और मनोरंजक भ्रमण पर गए हैं। इन बच्चों ने बीटिंग रिट्रीट समारोह देखने के बाद वाघा बॉर्डर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री से बातचीत की। दो दिवसीय भ्रमण के दौरान यह बच्चे अमृतसर, वाघा बॉर्डर, स्वर्ण मंदिर, जलियांवाला बाग और साइंस सिटी कपूरथला भी जाएंगे। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आठ वर्षीय अजय से बातचीत की और उसके अनुभव जाने। अजय ने मुख्यमंत्री को बताया कि उसे वाघा बॉर्डर में परेड और संग्रहालय देखने में बहुत आनंद आया। एक अन्य बच्चे कृष कुमार ने बताया कि पहली बार परेड देखकर वह ऊर्जा से सराबोर हो गए और उन्हें बीएसएफ में सेवाएं देने की प्रेरणा मिली। सागर ने बताया कि यह जिंदगी में पहला मौका था जब वह इतनी दूर गए और अपने दोस्तों के साथ इस भ्रमण का भरपूर आनंद लिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने सभी अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है और उनकी देखभाल, शिक्षा और मनोरंजक गतिविधियों की जिम्मेदारी सरकार की है। उन्होंने बच्चों को आश्वासन दिया कि उन्हें अगले साल नए स्थलों के भ्रमण पर भेजा जाएगा ताकि वे सीख सकें और आगे बढ़ सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ उनके लिए परिवार की तरह हैं। लक्ष्य ठाकुर ने ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता से उन्हें बेहतरीन सुविधाएं और देखभाल मिल रही है। जब मुख्यमंत्री ने अगले दिन की उनकी योजनाओं के बारे में पूछा, तो बच्चों ने बताया कि वे स्वर्ण मंदिर जाएंगे। मुख्यमंत्री ने उनके रहने की व्यवस्था के बारे में भी पूछा और उनसे फीडबैक जाना कि क्या व्यवस्थाएं संतोषजनक थीं? उन्होंने बताया कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि इस तरह के भ्रमण पर जाने वाले बच्चों को तीन सितारा होटलों में ठहराया जाए। उन्होंने बताया कि हाल ही में शिमला जिले के 22 बच्चे गोवा की 13 दिवसीय यात्रा कर लौटे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह अन्य जिलों के बच्चों को भी देश के विभिन्न हिस्सों में शैक्षणिक और मनोरंजक भ्रमण पर भेजा जाएगा ताकि उनका सम्रग विकास सुनिश्चित हो सके।। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के भ्रमण बच्चों को देश की विविध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को करीब से देखने और समझने का अवसर प्रदान करते हैं। मुख्यमंत्री ने वाघा बॉर्डर पर बीएसएफ अधिकारियों के आतिथ्य और बच्चों के लिए किए गए विशेष प्रबंधों के लिए उनका आभार व्यक्त किया।इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ विधायक सुदर्शन बबलू और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
शिमला ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने आज धर्मशाला से वर्चुअल माध्यम से बिलासपुर जिला के भगेड़ स्थित अपराजिता बाल आश्रम के 17 ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ से संवाद किया। यह बच्चे दो दिवसीय शैक्षिक और मनोरंजक भ्रमण पर गए हैं। इन बच्चों ने बीटिंग रिट्रीट समारोह देखने के बाद वाघा बॉर्डर से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से मुख्यमंत्री से बातचीत की। दो दिवसीय भ्रमण के दौरान यह बच्चे अमृतसर, वाघा बॉर्डर, स्वर्ण मंदिर, जलियांवाला बाग और साइंस सिटी कपूरथला भी जाएंगे।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आठ वर्षीय अजय से बातचीत की और उसके अनुभव जाने। अजय ने मुख्यमंत्री को बताया कि उसे वाघा बॉर्डर में परेड और संग्रहालय देखने में बहुत आनंद आया। एक अन्य बच्चे कृष कुमार ने बताया कि पहली बार परेड देखकर वह ऊर्जा से सराबोर हो गए और उन्हें बीएसएफ में सेवाएं देने की प्रेरणा मिली। सागर ने बताया कि यह जिंदगी में पहला मौका था जब वह इतनी दूर गए और अपने दोस्तों के साथ इस भ्रमण का भरपूर आनंद लिया।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने सभी अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ के रूप में अपनाया है और उनकी देखभाल, शिक्षा और मनोरंजक गतिविधियों की जिम्मेदारी सरकार की है। उन्होंने बच्चों को आश्वासन दिया कि उन्हें अगले साल नए स्थलों के भ्रमण पर भेजा जाएगा ताकि वे सीख सकें और आगे बढ़ सकें। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी ‘चिल्ड्रन ऑफ द स्टेट’ उनके लिए परिवार की तरह हैं।
लक्ष्य ठाकुर ने ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री की दूरदर्शिता से उन्हें बेहतरीन सुविधाएं और देखभाल मिल रही है। जब मुख्यमंत्री ने अगले दिन की उनकी योजनाओं के बारे में पूछा, तो बच्चों ने बताया कि वे स्वर्ण मंदिर जाएंगे। मुख्यमंत्री ने उनके रहने की व्यवस्था के बारे में भी पूछा और उनसे फीडबैक जाना कि क्या व्यवस्थाएं संतोषजनक थीं? उन्होंने बताया कि राज्य सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि इस तरह के भ्रमण पर जाने वाले बच्चों को तीन सितारा होटलों में ठहराया जाए। उन्होंने बताया कि हाल ही में शिमला जिले के 22 बच्चे गोवा की 13 दिवसीय यात्रा कर लौटे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी तरह अन्य जिलों के बच्चों को भी देश के विभिन्न हिस्सों में शैक्षणिक और मनोरंजक भ्रमण पर भेजा जाएगा ताकि उनका सम्रग विकास सुनिश्चित हो सके।। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह के भ्रमण बच्चों को देश की विविध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक विरासत को करीब से देखने और समझने का अवसर प्रदान करते हैं। मुख्यमंत्री ने वाघा बॉर्डर पर बीएसएफ अधिकारियों के आतिथ्य और बच्चों के लिए किए गए विशेष प्रबंधों के लिए उनका आभार व्यक्त किया।इस मौके पर मुख्यमंत्री के साथ विधायक सुदर्शन बबलू और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे।
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