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शिमला ! शिमला से जारी बयान में नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि दिल्ली में इस बार भारतीय जनता पार्टी प्रचंड बहुमत के साथ अपनी सरकार बनाएगी। कांग्रेस और आम आदमी पार्टी का इस विधानसभा चुनाव में सुपड़ा साफ हो जाएगा। झूठ के हाथ पांव नहीं होते हैं और यह बहुत जल्दी बेनकाब हो जाता है। कांग्रेस और आपका विकास और गरीब विरोधी चेहरा पूरी तरीके से बेनकाब हो चुका है इसलिए वह दिल्ली में चाहे जितने झूठ बोल लें या चाहे जितनी कसमें खा ले एक भी दिल्ली वासी अब आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की बातों पर ऐतबार नहीं करेगा। झूठ बोलकर बार-बार किसी का यकीन नहीं हासिल किया जा सकता इसलिए कांग्रेस और आप अब दिल्ली के मतदाताओं का यकीन और समर्थन नहीं हासिल कर सकती है। आम आदमी पार्टी और कांग्रेस मिलकर जितना झूठ बोल सकती थी जितने फरेब कर सकती थी सब कर चुकी है। इन दोनों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजय रथ रोकने के लिए दिल्ली में एक साथ मिलकर भी चुनाव लड़ा। दिल्ली के लोगों को एक से एक सब्ज़बाग दिखाएं लेकिन दिल्ली के लोगों ने साफ कर दिया कि उन्हें झूठे लोगों से दूरी बनाकर रखनी है।नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि गारंटीयों का जो मॉडल हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस के नेताओं ने दिखाया और कांग्रेस ने गारंटीयों के नाम पर हिमाचल प्रदेश को जिस प्रकार से छला वैसा उदाहरण भारत की राजनीति में शायद ही कभी मिले। हिमाचल में कांग्रेस के आला नेताओं से लेकर छोटे-मोटे नेताओं ने सिर्फ सत्ता हथियाने के लिए झूठ बोलने की सारी हदें पार कर दी। एक से बढ़कर एक झूठ बोले, एक से बढ़कर एक गारंटियां दी, एक से एक बढ़कर वादे किए। लेकिन सत्ता पाते ही कांग्रेस के लोग तानाशाह हो गए। जो भी गारंटियां दी थी थी उसके उल्टा काम करना शुरू किया, हिमाचल में यह पहली सरकार थी जो अपने चुनावी वादों के अपने मेनिफेस्टो के विपरीत काम कर रही है। हिमाचल की सुक्खू सरकार ' एंटी गारंटी और एंटी मेनिफेस्टो गवर्नमेंट' है। जिन वादों पर हिमाचल के लोगों ने कांग्रेस को जनादेश दिया उसके विपरीत ही सारे काम सरकार द्वारा किए गए।जयराम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की सरकार हिमाचल प्रदेश में 18 से 59 साल की हर महिला को ₹1500 देने, पहली कैबिनेट बैठक में एक लाख नौकरियां देने और 5 साल में 5 लाख नौकरियां देने, गोबर खरीदने ₹100 किलो दूध खरीदने, युवाओं को स्टार्ट फंड देने, 300 यूनिट बिजली फ्री देने के नाम पर सत्ता में आई थी। लेकिन हालात इसके पूर्णतया विपरीत है। हिमाचल सरकार ने पहले से कार्यरत 15000 आउटसोर्स कर्मियों को नौकरी से निकाला है। खाली पड़े सारी पद समाप्त कर दिए हैं, 18 से 60 साल की प्रदेश की हर महिलाओं को ₹1500 देने से सरकार में बैठे लोगों ने ही हाथ खड़े कर दिए हैं। 300 यूनिट फ्री बिजली देने की गारंटी देने वाली सरकार पिछली सरकार द्वारा दी जा रही है 125 यूनिट फ्री बिजली की सुविधा को खत्म कर दिया है और और पहले से मिलती रही बिजली स्लैब की सब्सिडी को भी वापस ले लिया है। जिससे अब 125 यूनिट बिजली खर्च करने पर ही लोगों को ₹700 से ज्यादा का बिल देना होगा। इसके अलावा प्रदेश के स्वास्थ्य सुविधाओं का जो बंटाधार व्यवस्था परिवर्तन के नाम पर हिमाचल प्रदेश में हुआ है वह अप्रत्याशित और निराशाजनक है। सरकार लोगों के जीवन के साथ भी खिलवाड़ कर रही है। अस्पताल में जीवन रक्षक कहीं जाने वाली 'अत्यधिक आवश्यक' श्रेणी की दवाएं भी नहीं हैं।
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