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शिमला , 10 मार्च [ विशाल सूद ] ! भाजपा विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार द्वारा वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को लेकर दिए बयान पर बवाल खड़ा हो गया है। विपिन परमार ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया पर कांग्रेस का प्रवक्ता बनकर काम करने और विधानसभा की मर्यादा के हनन का आरोप लगा रही है। इस पर कुलदीप पठानिया ने पलटवार किया है और सोच समझ कर बयानबाजी करने की नसीहत दी है कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि जब वह विधानसभा से बाहर निकलते हैं तो वह राजनीतिक प्राणी है। बाहर जाकर वह किसी न किसी दल के है। यदि कोई उनसे सवाल पूछेगा तो वह मुंह बंद नहीं कर सकतें। उन्होंने ऐसा कोई विषय नहीं उठाया, जिससे सदन की मर्यादा का हनन हो रहा है। विधानसभा अध्यक्ष ने बीजेपी विधायक विपिन सिंह परमार को सोच समझकर बोलने की नसीहत दी और कहा कि वह अध्यक्ष नहीं है, बल्कि इसी सदन के सदस्य है। अध्यक्ष को उन्हें पूछने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि विपिन परमार दो साल अध्यक्ष रहे। उनका कार्यकाल कैसा रहा। यह किसी से छुपा नहीं है। वो विधानसभा के रिकार्ड में भी विद्यामन है। कुलदीप पठानिया ने कहा कि स्पीकर के पास कई तरह की अथोरिटी है। जब विधानसभा चलती है तो तब उसने नियम अलग है। जब वह चैंबर में बैठते हैं, तो उनके पास एडमिनिस्ट्रेटिव पावर है। शायद विपिन परमार को यह जानकारी नहीं है।यदि इस तरह की बयानबाजी करते है तो उन पर कार्यवाई भी की जा सकती है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 10 मार्च [ विशाल सूद ] ! भाजपा विधायक और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार द्वारा वर्तमान विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया को लेकर दिए बयान पर बवाल खड़ा हो गया है। विपिन परमार ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप पठानिया पर कांग्रेस का प्रवक्ता बनकर काम करने और विधानसभा की मर्यादा के हनन का आरोप लगा रही है। इस पर कुलदीप पठानिया ने पलटवार किया है और सोच समझ कर बयानबाजी करने की नसीहत दी है
कुलदीप सिंह पठानिया ने कहा कि जब वह विधानसभा से बाहर निकलते हैं तो वह राजनीतिक प्राणी है। बाहर जाकर वह किसी न किसी दल के है। यदि कोई उनसे सवाल पूछेगा तो वह मुंह बंद नहीं कर सकतें। उन्होंने ऐसा कोई विषय नहीं उठाया, जिससे सदन की मर्यादा का हनन हो रहा है।
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विधानसभा अध्यक्ष ने बीजेपी विधायक विपिन सिंह परमार को सोच समझकर बोलने की नसीहत दी और कहा कि वह अध्यक्ष नहीं है, बल्कि इसी सदन के सदस्य है। अध्यक्ष को उन्हें पूछने का अधिकार है। उन्होंने कहा कि विपिन परमार दो साल अध्यक्ष रहे। उनका कार्यकाल कैसा रहा। यह किसी से छुपा नहीं है। वो विधानसभा के रिकार्ड में भी विद्यामन है।
कुलदीप पठानिया ने कहा कि स्पीकर के पास कई तरह की अथोरिटी है। जब विधानसभा चलती है तो तब उसने नियम अलग है। जब वह चैंबर में बैठते हैं, तो उनके पास एडमिनिस्ट्रेटिव पावर है। शायद विपिन परमार को यह जानकारी नहीं है।यदि इस तरह की बयानबाजी करते है तो उन पर कार्यवाई भी की जा सकती है।
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