मुख्यमंत्री पर झूठे आंकड़े पेश करने का लगाया आरोप विधानसभा में नियमों को दरकिनार कर चहेतों को नौकरी देने की कही बात
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला , 04 फरवरी [ विशाल सूद ] ! विधायक प्राथमिकता बैठक को लेकर भाजपा विधायकों के बहिष्कार के बाद प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है। भाजपा ने मुख्यमंत्री पर झूठ बोलकर गलत तथ्य पेश कर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है। भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री को अपने आंकड़ों के सबूत पेश करने की चुनौती भी दी है। शिमला में प्रेस वार्ता के दौरान रणधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री पर झूठे आंकड़े पेश करने के अलावा प्रदेश को आर्थिक दिवालियापन की ओर ले जाने के भी आरोप लगाए हैं। साथ ही रणधीर शर्मा ने विधानसभा में हुई भर्तियों में धांधली और सरकार के चहेतों को नौकरियां देने के भी आरोप लगाए हैं। हिमाचल प्रदेश भाजपा मीडिया विभाग के प्रभारी और श्री नैना देवी से विधायक विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि विधायक प्राथमिकताओं को लेकर मुख्यमंत्री ने झूठ बोलकर प्रदेश की जनता को गुमराह किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो आंकड़े पेश किए वह तथ्यों से परे है। पिछले दो वर्षों में भाजपा विधायकों द्वारा दी गई प्राथमिकताओं पर नाबार्ड से कोई राशि नहीं मिली उन्होंने कहा कि 2 सालों में विधायकों की प्राथमिकताओं पर डीपीआर नहीं बनी, वहीं जिन योजनाओं की डीपीआर बनी उनके लिए राशि स्वीकृत नहीं हुई। रणधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री को मीडिया में दिए गए आंकड़ों के सबूत पेश करने की भी चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपने आंकड़ों के सबूत पेश करें अन्यथा अपना बयान वापस लें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने झूठ बोलने में केजरीवाल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जनता उनके इस बयान से भ्रमित हुई है। विधायक प्राथमिकता की बैठकों में विपक्ष के विधायकों की प्राथमिकताओं को नहीं सुना गया इसलिए विपक्ष के विधायकों ने प्राथमिकता बैठक का बहिष्कार किया था हालांकि लिखित में वह अपनी प्राथमिकताएं सरकार को देंगे। वहीं विधायक रणधीर शर्मा ने वर्तमान सुखविंदर सिंह सरकार पर प्रदेश को आर्थिक दिवालियापन की ओर ले जाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने 30 हज़ार करोड़ का लोन ले लिया लेकिन प्रदेश में विकास कार्य ठप हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के समय में ट्रेजरी बंद हो गई है। इससे प्रदेश के अंदर विकास और गरीब कल्याण के काम बंद हो गए हैं। रणधीर शर्मा ने कहा कि विधायक भी ऐच्छिक निधि से गरीब लोगों की मदद नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने सरकार पर फिजूल खर्ची का भी आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि वह प्रदेश में फिजूल खर्ची बंद करें। सरकार सीपीएस को बचाने के लिए वकीलों पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। प्रदेश में कैबिनेट दर्जे के साथ एडवाइजरों को लाखों रुपए का वेतन दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री इस फिजूल खर्ची को बंद करें और विकास कार्यों पर पैसे का खर्च करें। वहीं रणधीर शर्मा ने हाल ही में हुई विधानसभा भर्तियों में सरकार पर धांधली के आरोप लगाए हैं। रणधीर शर्मा ने कहा कि विधानसभा में हुई भर्तियों में जरूरी मानदंडों का पालन नहीं किया गया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इन भर्तियों में मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा उपाध्यक्ष के चहेतों को नौकरी दी गई। उन्होंने कहा कि इसमें किसी के ड्राइवर तो किसी के मीडिया इंचार्ज के बेटों को नौकरी मिली। उन्होंने कहा कि भाजपा की मांग है कि इन नौकरियों को रद्द किया जाए और पुनः भर्ती प्रक्रिया को एडवर्टाइज किया जाए। नौकरी में हुई धांधली की जांच होनी चाहिए और मुख्यमंत्री को जिस एजेंसी पर विश्वास हो वह जांच करवाएं।
शिमला , 04 फरवरी [ विशाल सूद ] ! विधायक प्राथमिकता बैठक को लेकर भाजपा विधायकों के बहिष्कार के बाद प्रदेश में राजनीति तेज हो गई है। भाजपा ने मुख्यमंत्री पर झूठ बोलकर गलत तथ्य पेश कर प्रदेश की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया है। भाजपा विधायक रणधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री को अपने आंकड़ों के सबूत पेश करने की चुनौती भी दी है।
शिमला में प्रेस वार्ता के दौरान रणधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री पर झूठे आंकड़े पेश करने के अलावा प्रदेश को आर्थिक दिवालियापन की ओर ले जाने के भी आरोप लगाए हैं। साथ ही रणधीर शर्मा ने विधानसभा में हुई भर्तियों में धांधली और सरकार के चहेतों को नौकरियां देने के भी आरोप लगाए हैं।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
हिमाचल प्रदेश भाजपा मीडिया विभाग के प्रभारी और श्री नैना देवी से विधायक विधायक रणधीर शर्मा ने कहा कि विधायक प्राथमिकताओं को लेकर मुख्यमंत्री ने झूठ बोलकर प्रदेश की जनता को गुमराह किया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने जो आंकड़े पेश किए वह तथ्यों से परे है। पिछले दो वर्षों में भाजपा विधायकों द्वारा दी गई प्राथमिकताओं पर नाबार्ड से कोई राशि नहीं मिली उन्होंने कहा कि 2 सालों में विधायकों की प्राथमिकताओं पर डीपीआर नहीं बनी, वहीं जिन योजनाओं की डीपीआर बनी उनके लिए राशि स्वीकृत नहीं हुई।
रणधीर शर्मा ने मुख्यमंत्री को मीडिया में दिए गए आंकड़ों के सबूत पेश करने की भी चुनौती दी है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अपने आंकड़ों के सबूत पेश करें अन्यथा अपना बयान वापस लें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने झूठ बोलने में केजरीवाल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। जनता उनके इस बयान से भ्रमित हुई है। विधायक प्राथमिकता की बैठकों में विपक्ष के विधायकों की प्राथमिकताओं को नहीं सुना गया इसलिए विपक्ष के विधायकों ने प्राथमिकता बैठक का बहिष्कार किया था हालांकि लिखित में वह अपनी प्राथमिकताएं सरकार को देंगे।
वहीं विधायक रणधीर शर्मा ने वर्तमान सुखविंदर सिंह सरकार पर प्रदेश को आर्थिक दिवालियापन की ओर ले जाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार ने 30 हज़ार करोड़ का लोन ले लिया लेकिन प्रदेश में विकास कार्य ठप हैं। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के समय में ट्रेजरी बंद हो गई है। इससे प्रदेश के अंदर विकास और गरीब कल्याण के काम बंद हो गए हैं। रणधीर शर्मा ने कहा कि विधायक भी ऐच्छिक निधि से गरीब लोगों की मदद नहीं कर पा रहे हैं।
उन्होंने सरकार पर फिजूल खर्ची का भी आरोप लगाया है। मुख्यमंत्री पर निशाना साधते हुए कहा कि वह प्रदेश में फिजूल खर्ची बंद करें। सरकार सीपीएस को बचाने के लिए वकीलों पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही है। प्रदेश में कैबिनेट दर्जे के साथ एडवाइजरों को लाखों रुपए का वेतन दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री इस फिजूल खर्ची को बंद करें और विकास कार्यों पर पैसे का खर्च करें।
वहीं रणधीर शर्मा ने हाल ही में हुई विधानसभा भर्तियों में सरकार पर धांधली के आरोप लगाए हैं। रणधीर शर्मा ने कहा कि विधानसभा में हुई भर्तियों में जरूरी मानदंडों का पालन नहीं किया गया है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि इन भर्तियों में मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष और विधानसभा उपाध्यक्ष के चहेतों को नौकरी दी गई।
उन्होंने कहा कि इसमें किसी के ड्राइवर तो किसी के मीडिया इंचार्ज के बेटों को नौकरी मिली। उन्होंने कहा कि भाजपा की मांग है कि इन नौकरियों को रद्द किया जाए और पुनः भर्ती प्रक्रिया को एडवर्टाइज किया जाए। नौकरी में हुई धांधली की जांच होनी चाहिए और मुख्यमंत्री को जिस एजेंसी पर विश्वास हो वह जांच करवाएं।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -