पूरे देश की जनता ने कांग्रेस को नकारा है तकनीकी के दौर में हिमाचल का झूठ महाराष्ट्र में नहीं छुपा सकती कांग्रेस झूठी गारंटी, झूठे प्रचार और झूठे जश्न से बाहर निकलकर जमीनी हकीकत समझे मुख्यमंत्री
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शिमला : 25 नवंबर [ शिवानी ] ! नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की हार का कारण कांग्रेस की जन विरोधी और विकास विरोधी सोच है। जो देश को आगे बढ़ाने की बजाय लड़ाने और बांटने की राजनीति करती है। कई बार देश के मतदाताओं द्वारा कांग्रेस को नकार दिए जाने के बाद भी कांग्रेस के नेता और कांग्रेस नीत सरकारों में बैठे लोग भी जनमत को स्वीकार करने की बजाय अनर्गल बयानबाजी करते हैं। पूरे देश ने हिमाचल के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के द्वारा दी गई गारंटियों के प्रपंच को देखा था, उसके बाद जब हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनी तो भी पूरे देश ने कांग्रेस की हकीकत देखी। देश की राजनीति में अब परफॉर्मेंस के लिए स्थान है प्रोपेगंडा लिए नहीं। कांग्रेस को यह चुनाव प्रदेश की जनता ने हरवाया है ईवीएम ने नहीं। जनता ने कांग्रेस को यह चुनाव इसलिए हरवाया है क्योंकि उन्होंने 70 साल में कांग्रेस का भ्रष्टाचार और कुशासन देखा है। झूठी गारंटियों के नाम पर वोट लेते नेता देखे हैं और सरकार बनने के बाद गारंटियों के विपरीत काम करती सरकार देखी है। जयराम ठाकुर ने कहा कि तकनीकी के इस युग में अब ऐसा नहीं हो सकता कि हिमाचल में सरकार लाखों नौकरियां समाप्त कर दे और महाराष्ट्र में जाकर कहे कि हमने 2 लाख रोजगार दे दिए तो सुनने वाले लोग उस बात पर भरोसा कर ले। झूठी गारंटियों के दम पर हिमाचल में सत्ता हथियाने के बाद भी कुछ न करना और पूरे देश में घूम-घूम कर हिमाचल में गारंटियों को पूरा करने का झूठा प्रचार करना भारत जैसे सशक्त लोकतंत्र के नागरिक को स्वीकार नहीं है। पहले सत्ता हासिल करने के लिए झूठी गारंटियां देना और फिर उन गारंटियों का झूठा प्रचार करना और अपनी सरकार की उपलब्धियां का झूठा जश्न मनाना कांग्रेस के नेताओं को रास आ सकता है आम जनता को नहीं। हाल ही में आए विधानसभा चुनाव के नतीजे मुख्यमंत्री के लिए एक संकेत है जिसे समझ कर जनहित में काम करने की बजाय वे ईवीएम, जनता और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। इससे हिमाचल प्रदेश का भला होने वाला नहीं है। जयराम ठाकुर ने कहा कि झूठी गारंटियों के नाम पर सत्ता में आई हिमाचल की सरकार ने जनहित के कितने काम किए हैं? हिमाचल की चर्चा पूरे देश में किस वजह से हुई है? क्या उनके सत्ता में आने के बाद प्रदेश की छवि को उन्होंने नुकसान नहीं पहुंचा है? क्या कांग्रेस ने अपने सभी वादों को पूरा कर दिया है? क्या प्रदेश में लोगों को 300 यूनिट फ्री बिजली मिल रही है? क्या प्रदेश की 22 लाख महिलाओं को हर महीने ₹1500 मिल रहे हैं? क्या प्रदेश के 2 लाख युवाओं को रोजगार मिल गया है? क्या प्रदेश के युवाओं को स्टार्टअप के लिए 640 करोड रुपए का फंड मिल गया है? क्या गोबर ₹2 किलो खरीदा जाने लगा है? क्या गाय का दूध ₹80 किलो और भैंस का दूध ₹100 किलो खरीदा जाने लगा है? सभी सवालों का एक लाइन में सीधा और साफ जवाब है कि नहीं। इसके बाद भी मुख्यमंत्री पूरे देश में जाकर कहते हैं कि हमने हिमाचल में सारी गारंटियां है पूरी कर दी। इस तरह झूठ बोलकर पूरे देश को बरगलाने की राजनीतिक मंशा कभी कामयाब नहीं हो सकती है। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस की ऐसी किसी मंशा को कभी कामयाब नहीं होने देगी। जयराम ठाकुर ने कहा की सरकार अब इधर-उधर की बात करने की बजाय हिमाचल प्रदेश के लोगों से किए गए वादों को पूरा करें। 2 साल से लटकी भर्तियों के परिणाम जारी करें। नई भर्तियां निकाले और उन्हें जल्द से जल्द भरे। स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा व्यवस्था तक के बंटाधार को रोके और भ्रष्टाचार के बजाय जनहित के कामों को प्राथमिकता दे। ईवीएम को दोष देने से बाज आए। क्योंकि कांग्रेस को देश ने नकार दिया है।
शिमला : 25 नवंबर [ शिवानी ] ! नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस की हार का कारण कांग्रेस की जन विरोधी और विकास विरोधी सोच है। जो देश को आगे बढ़ाने की बजाय लड़ाने और बांटने की राजनीति करती है। कई बार देश के मतदाताओं द्वारा कांग्रेस को नकार दिए जाने के बाद भी कांग्रेस के नेता और कांग्रेस नीत सरकारों में बैठे लोग भी जनमत को स्वीकार करने की बजाय अनर्गल बयानबाजी करते हैं।
पूरे देश ने हिमाचल के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के द्वारा दी गई गारंटियों के प्रपंच को देखा था, उसके बाद जब हिमाचल में कांग्रेस की सरकार बनी तो भी पूरे देश ने कांग्रेस की हकीकत देखी। देश की राजनीति में अब परफॉर्मेंस के लिए स्थान है प्रोपेगंडा लिए नहीं। कांग्रेस को यह चुनाव प्रदेश की जनता ने हरवाया है ईवीएम ने नहीं।
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जनता ने कांग्रेस को यह चुनाव इसलिए हरवाया है क्योंकि उन्होंने 70 साल में कांग्रेस का भ्रष्टाचार और कुशासन देखा है। झूठी गारंटियों के नाम पर वोट लेते नेता देखे हैं और सरकार बनने के बाद गारंटियों के विपरीत काम करती सरकार देखी है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि तकनीकी के इस युग में अब ऐसा नहीं हो सकता कि हिमाचल में सरकार लाखों नौकरियां समाप्त कर दे और महाराष्ट्र में जाकर कहे कि हमने 2 लाख रोजगार दे दिए तो सुनने वाले लोग उस बात पर भरोसा कर ले।
झूठी गारंटियों के दम पर हिमाचल में सत्ता हथियाने के बाद भी कुछ न करना और पूरे देश में घूम-घूम कर हिमाचल में गारंटियों को पूरा करने का झूठा प्रचार करना भारत जैसे सशक्त लोकतंत्र के नागरिक को स्वीकार नहीं है।
पहले सत्ता हासिल करने के लिए झूठी गारंटियां देना और फिर उन गारंटियों का झूठा प्रचार करना और अपनी सरकार की उपलब्धियां का झूठा जश्न मनाना कांग्रेस के नेताओं को रास आ सकता है आम जनता को नहीं। हाल ही में आए विधानसभा चुनाव के नतीजे मुख्यमंत्री के लिए एक संकेत है जिसे समझ कर जनहित में काम करने की बजाय वे ईवीएम, जनता और लोकतांत्रिक व्यवस्था पर सवाल उठा रहे हैं। इससे हिमाचल प्रदेश का भला होने वाला नहीं है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि झूठी गारंटियों के नाम पर सत्ता में आई हिमाचल की सरकार ने जनहित के कितने काम किए हैं? हिमाचल की चर्चा पूरे देश में किस वजह से हुई है? क्या उनके सत्ता में आने के बाद प्रदेश की छवि को उन्होंने नुकसान नहीं पहुंचा है? क्या कांग्रेस ने अपने सभी वादों को पूरा कर दिया है? क्या प्रदेश में लोगों को 300 यूनिट फ्री बिजली मिल रही है?
क्या प्रदेश की 22 लाख महिलाओं को हर महीने ₹1500 मिल रहे हैं? क्या प्रदेश के 2 लाख युवाओं को रोजगार मिल गया है? क्या प्रदेश के युवाओं को स्टार्टअप के लिए 640 करोड रुपए का फंड मिल गया है? क्या गोबर ₹2 किलो खरीदा जाने लगा है? क्या गाय का दूध ₹80 किलो और भैंस का दूध ₹100 किलो खरीदा जाने लगा है? सभी सवालों का एक लाइन में सीधा और साफ जवाब है कि नहीं।
इसके बाद भी मुख्यमंत्री पूरे देश में जाकर कहते हैं कि हमने हिमाचल में सारी गारंटियां है पूरी कर दी। इस तरह झूठ बोलकर पूरे देश को बरगलाने की राजनीतिक मंशा कभी कामयाब नहीं हो सकती है। भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस की ऐसी किसी मंशा को कभी कामयाब नहीं होने देगी।
जयराम ठाकुर ने कहा की सरकार अब इधर-उधर की बात करने की बजाय हिमाचल प्रदेश के लोगों से किए गए वादों को पूरा करें। 2 साल से लटकी भर्तियों के परिणाम जारी करें। नई भर्तियां निकाले और उन्हें जल्द से जल्द भरे। स्वास्थ्य से लेकर शिक्षा व्यवस्था तक के बंटाधार को रोके और भ्रष्टाचार के बजाय जनहित के कामों को प्राथमिकता दे। ईवीएम को दोष देने से बाज आए। क्योंकि कांग्रेस को देश ने नकार दिया है।
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