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शिमला , 06 जुलाई [ विशाल सूद ] ! आंगनवाड़ी वर्कर एवं हैल्पर यूनियन आज आगनबाड़ी कर्मियों की विभिन्न मांगों को लेकर सचिवालय पहुंचा और सामाजिक न्याय व आधिकारिता मंत्री धनी राम शांडिल को मांग पत्र सौंपा है। केन्द्र व राज्य सरकार लम्बे समय से आंगनबाड़ी वर्कर एवं हैल्परज की मांगों के प्रति अडियल रवैया अपनाए हुए हैं। केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा आंगनबाड़ी वर्करण एवं हैल्परज की मांगों को पूरा नहीं किया जा रहे है। आगनबाड़ी वर्कर यूनियन की प्रदेश महासचिव वीना ने बताया कि उनकी मांग है कि आंगनवाड़ी कर्मियों को ही प्री प्राइमरी कक्षाओं के लिए नियुक्त किया जाए वआगनबाड़ी केन्द्रो को प्री प्राईमरी स्कूल का दर्जा दिया जाए। छः वर्ष से कम उम्र के बच्चों की शिक्षा का कार्य वर्तमान में आगनबाड़ी कर्मी ही कर रहे हैं। प्री प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा केवल आंगनबाड़ी वर्कर को दिया जाए क्योंकि वे काफी प्रशिक्षित कर्मी है व ही अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन (ई.सी.सी.ई.) का संचालन कर रहे है। प्री प्राइमरी में उनको नियमित नियुक्ति की जाए तथा इसकी एवज में उनका वेतन बढाया जाए। उन्होंने कहा कि आगनबाड़ी कर्मियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार गुजरात की तर्ज पर ग्रेच्युटी व अन्य सुविधाएं लागू की जाएं। हरियाणा की तर्ज पर आंगनबाड़ी वर्कर व हैल्परज को मानदेय दिया जाए। हरियाणा की तर्ज पर ही आंगनबाड़ी वर्कर एवं हैल्परज का वेतनमान उनके सेवाकाल के हिसाब से तय किया जाए। आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए तीन हजार रुपये पेंशन, पंजाब की तर्ज पर मेडिकल व छुट्टियों की सुविधा दी जाए। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कर्मियों की रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष की जाए। इसके अलावा मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत वर्करज़ को अन्य आंगनबाड़ी वर्करज के समान वेतन दिया जाए व इन्हें पूर्ण आंगनबाड़ी वर्करज का दर्जा दिया जाए। इनके छुट्टी पर जाने की एवज में वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि सुपरवाईजरों के सभी प्रकार के रिक्त पदों को तुरंत भरा जाए। उन्होंने बताया कि वह पूर्व सरकार के समय से इन मांगों को उठा रहे हैं लेकिन इन्हें अनसुना किया जा रहा है। सरकार अगर उनकी मांगे नही मानती है तो हड़ताल व सड़को पर उतरकर आंदोलन करना ही आखिरी रास्ता होगा। सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा कि आंगनवाड़ी वर्कर यूनियन का संबंध उनके विभाग के साथ-साथ केंद्र से भी है। यूनियन की मांगों को शिक्षा मंत्री व केंद्र के साथ उठायेंगे। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का छोटे बच्चों के महत्वपूर्ण काम करते हैं। उनकी मांगों पर गहनता से विचार किया जाएगा। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 06 जुलाई [ विशाल सूद ] ! आंगनवाड़ी वर्कर एवं हैल्पर यूनियन आज आगनबाड़ी कर्मियों की विभिन्न मांगों को लेकर सचिवालय पहुंचा और सामाजिक न्याय व आधिकारिता मंत्री धनी राम शांडिल को मांग पत्र सौंपा है। केन्द्र व राज्य सरकार लम्बे समय से आंगनबाड़ी वर्कर एवं हैल्परज की मांगों के प्रति अडियल रवैया अपनाए हुए हैं। केन्द्र सरकार व राज्य सरकार द्वारा आंगनबाड़ी वर्करण एवं हैल्परज की मांगों को पूरा नहीं किया जा रहे है।
आगनबाड़ी वर्कर यूनियन की प्रदेश महासचिव वीना ने बताया कि उनकी मांग है कि आंगनवाड़ी कर्मियों को ही प्री प्राइमरी कक्षाओं के लिए नियुक्त किया जाए वआगनबाड़ी केन्द्रो को प्री प्राईमरी स्कूल का दर्जा दिया जाए। छः वर्ष से कम उम्र के बच्चों की शिक्षा का कार्य वर्तमान में आगनबाड़ी कर्मी ही कर रहे हैं।
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प्री प्राइमरी कक्षाओं व नई शिक्षा नीति के तहत छोटे बच्चों को पढ़ाने का जिम्मा केवल आंगनबाड़ी वर्कर को दिया जाए क्योंकि वे काफी प्रशिक्षित कर्मी है व ही अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन (ई.सी.सी.ई.) का संचालन कर रहे है। प्री प्राइमरी में उनको नियमित नियुक्ति की जाए तथा इसकी एवज में उनका वेतन बढाया जाए। उन्होंने कहा कि आगनबाड़ी कर्मियों को सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार गुजरात की तर्ज पर ग्रेच्युटी व अन्य सुविधाएं लागू की जाएं। हरियाणा की तर्ज पर आंगनबाड़ी वर्कर व हैल्परज को मानदेय दिया जाए। हरियाणा की तर्ज पर ही आंगनबाड़ी वर्कर एवं हैल्परज का वेतनमान उनके सेवाकाल के हिसाब से तय किया जाए। आंगनबाड़ी कर्मियों के लिए तीन हजार रुपये पेंशन, पंजाब की तर्ज पर मेडिकल व छुट्टियों की सुविधा दी जाए।
उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी कर्मियों की रिटायरमेंट उम्र 65 वर्ष की जाए। इसके अलावा मिनी आंगनबाड़ी केन्द्रों में कार्यरत वर्करज़ को अन्य आंगनबाड़ी वर्करज के समान वेतन दिया जाए व इन्हें पूर्ण आंगनबाड़ी वर्करज का दर्जा दिया जाए। इनके छुट्टी पर जाने की एवज में वैकल्पिक व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि सुपरवाईजरों के सभी प्रकार के रिक्त पदों को तुरंत भरा जाए। उन्होंने बताया कि वह पूर्व सरकार के समय से इन मांगों को उठा रहे हैं लेकिन इन्हें अनसुना किया जा रहा है। सरकार अगर उनकी मांगे नही मानती है तो हड़ताल व सड़को पर उतरकर आंदोलन करना ही आखिरी रास्ता होगा।
सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री धनीराम शांडिल ने कहा कि आंगनवाड़ी वर्कर यूनियन का संबंध उनके विभाग के साथ-साथ केंद्र से भी है। यूनियन की मांगों को शिक्षा मंत्री व केंद्र के साथ उठायेंगे। आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का छोटे बच्चों के महत्वपूर्ण काम करते हैं। उनकी मांगों पर गहनता से विचार किया जाएगा।
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