!!"जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक का आयोजन, उपायुक्त ने की अध्यक्षता"!!
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शिमला, 16 जुलाई, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आज यहाँ मिशन वात्सल्य के अंतर्गत जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक का आयोजन किया गया। उपायुक्त ने कहा कि जिला शिमला में सरकारी एवं गैर सरकारी 13 बाल देखरेख संस्थान मौजूद है जिसके 419 बच्चों की देखरेख की जा रही है। उपायुक्त ने जिला में कार्यरत सभी बाल देखरेख संस्था के प्रभारियों से सभी बच्चों की विस्तृत जानकारी हासिल की। सभी प्रभारियों ने जिला उपायुक्त को संस्थान में आ रही समस्याओं से अवगत करवाया। उपायुक्त ने सभी को आश्वस्त किया की सभी समस्याओं को जल्द से जल्द हल करने के प्रयास किये जायेंगे ताकि वहां रह रहे बच्चों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि हम सभी को समन्वय स्थापित कर कार्य करने की आवश्यकता है ताकि बच्चों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सके। उपायुक्त ने जिला के समस्त खंड विकास अधिकारियों को उनके कार्यक्षेत्र में स्थापित बाल देखरेख संस्थान का निर्धारित समय अवधि पर दौरा करने के निर्देश दिए ताकि संस्थान में रह रहे बच्चों की कॉउंसिलिंग हो सके तथा वहां की वास्तविक समस्याओं का भी पता चल सके। उन्होंने कहा कि जिला के कुछ संस्थानों में निर्माण एवं मरम्मत से सम्बंधित कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को संस्थान का दौरा कर लोक निर्माण विभाग के साथ प्राक्कलन तैयार करने के निर्देश दिए। संस्थान के बच्चों के लिए के लिए आयोजित होंगी विभिन्न प्रतियोगिताएं*उपायुक्त ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि जिला के सभी संस्थानों में रह रहे बच्चों की विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई जाए ताकि बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न हो। उन्होंने कहा कि इस सन्दर्भ में कैलेंडर तैयार किया जाए तथा हर महीने में एक प्रतियोगिता का आयोजन किया जाये ताकि बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सके। उन्होंने जिला रोजगार अधिकारी को रोजगार मेले की जानकारी हर संस्थान में उपलब्ध करवाने निर्देश दिए ताकि युवाओं को रोजगार की जानकारी उपलब्ध हो सके। मेधावी छात्रों के साथ डीसी एसपी करेंगे वार्तालापउपायुक्त ने कहा कि बाल देखरेख संस्थान में पढ़ रहे मेधावी छात्रों के साथ वार्तालाप किया जाएगा, जिसमें जिला पुलिस अधीक्षक शिमला भी उपस्थित रहेंगे। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को इन बच्चों के साथ वार्तालाप के लिए अगले सप्ताह समय सुनिश्चित करने के आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने सभी संस्थान के प्रभारियों से कहा कि वह अपने संस्थान के बच्चों को विभिन्न प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि यह बच्चे आगे चल कर देश और प्रदेश का नाम ऊंचा करें। कान्वेंट स्कूल में दाखिला देने के आवश्यक निर्देशउपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अंतर्गत शिशु गृह के आठ बच्चों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के कोटे से कान्वेंट स्कूल में प्रवेश दिलाया गया है। उन्होंने शिक्षा विभाग को आदेश देते हुए कहा कि अगले सत्र से पहले सभी कान्वेंट स्कूल प्रबंधन समिति को निर्देश दिए जाये कि वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के कोटे की खाली सीटों को इन बच्चों को प्रदान करें ताकि इन बच्चों को शिक्षा की बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सके। आफ्टर केयर योजना से तेईस बच्चे लाभान्वितउपायुक्त ने कहा कि जिला में आफ्टर केयर योजना के तहत तेईस बच्चे लाभान्वित हुए हैं, जिसमें सोलह लड़कियां एवं सात लड़के शामिल है। इसके अतिरिक्त पालन पोषण देखभाल एवं प्रायोजन दोनों योजनाओं के तहत माता पिता को बच्चों की देखभाल के लिए चार हजार रूपये प्रदान किये जा रहे है तथा बच्चे के नाम पर पांच सौ रूपये की एफडी जामा की जा रही है। प्रायोजन के तहत जनवरी से जून,2024 तक 27 बच्चों को लाभान्वित किया गया है। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव कुमार गाँधी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह बच्चों से जुड़ा हुआ गंभीर विषय है जिस पर सभी को तत्परता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है ताकि किसी भी बच्चे को किसी प्रकार की असुविधा न हो। बैठक का संचालन जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग ममता पॉल ने किया। इस अवसर पर उप निदेशक उच्च शिक्षा रमेश बालटू, स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम शिमला डॉ चेतन चौहान,श्रम अधिकारी सतीश कुमार , जिला कार्यक्रम प्रबंधक डी आर डी ए शिमला रुचि ठाकुर सहित सभी सीसीआई के प्रभारी एवं समिति के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
शिमला, 16 जुलाई, [ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आज यहाँ मिशन वात्सल्य के अंतर्गत जिला बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति की बैठक का आयोजन किया गया। उपायुक्त ने कहा कि जिला शिमला में सरकारी एवं गैर सरकारी 13 बाल देखरेख संस्थान मौजूद है जिसके 419 बच्चों की देखरेख की जा रही है। उपायुक्त ने जिला में कार्यरत सभी बाल देखरेख संस्था के प्रभारियों से सभी बच्चों की विस्तृत जानकारी हासिल की।
सभी प्रभारियों ने जिला उपायुक्त को संस्थान में आ रही समस्याओं से अवगत करवाया। उपायुक्त ने सभी को आश्वस्त किया की सभी समस्याओं को जल्द से जल्द हल करने के प्रयास किये जायेंगे ताकि वहां रह रहे बच्चों को किसी प्रकार की असुविधा न हो। उन्होंने कहा कि हम सभी को समन्वय स्थापित कर कार्य करने की आवश्यकता है ताकि बच्चों को बेहतर सुविधाएं उपलब्ध हो सके।
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उपायुक्त ने जिला के समस्त खंड विकास अधिकारियों को उनके कार्यक्षेत्र में स्थापित बाल देखरेख संस्थान का निर्धारित समय अवधि पर दौरा करने के निर्देश दिए ताकि संस्थान में रह रहे बच्चों की कॉउंसिलिंग हो सके तथा वहां की वास्तविक समस्याओं का भी पता चल सके। उन्होंने कहा कि जिला के कुछ संस्थानों में निर्माण एवं मरम्मत से सम्बंधित कार्य करने की आवश्यकता है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों को संस्थान का दौरा कर लोक निर्माण विभाग के साथ प्राक्कलन तैयार करने के निर्देश दिए।
संस्थान के बच्चों के लिए के लिए आयोजित होंगी विभिन्न प्रतियोगिताएं*
उपायुक्त ने जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देश देते हुए कहा कि जिला के सभी संस्थानों में रह रहे बच्चों की विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित करवाई जाए ताकि बच्चों में प्रतिस्पर्धा की भावना उत्पन्न हो। उन्होंने कहा कि इस सन्दर्भ में कैलेंडर तैयार किया जाए तथा हर महीने में एक प्रतियोगिता का आयोजन किया जाये ताकि बच्चों का सर्वांगीण विकास सुनिश्चित हो सके। उन्होंने जिला रोजगार अधिकारी को रोजगार मेले की जानकारी हर संस्थान में उपलब्ध करवाने निर्देश दिए ताकि युवाओं को रोजगार की जानकारी उपलब्ध हो सके।
मेधावी छात्रों के साथ डीसी एसपी करेंगे वार्तालाप
उपायुक्त ने कहा कि बाल देखरेख संस्थान में पढ़ रहे मेधावी छात्रों के साथ वार्तालाप किया जाएगा, जिसमें जिला पुलिस अधीक्षक शिमला भी उपस्थित रहेंगे। उन्होंने जिला कार्यक्रम अधिकारी को इन बच्चों के साथ वार्तालाप के लिए अगले सप्ताह समय सुनिश्चित करने के आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उन्होंने सभी संस्थान के प्रभारियों से कहा कि वह अपने संस्थान के बच्चों को विभिन्न प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करें ताकि यह बच्चे आगे चल कर देश और प्रदेश का नाम ऊंचा करें।
कान्वेंट स्कूल में दाखिला देने के आवश्यक निर्देश
उपायुक्त ने कहा कि मुख्यमंत्री सुख आश्रय योजना के अंतर्गत शिशु गृह के आठ बच्चों को आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के कोटे से कान्वेंट स्कूल में प्रवेश दिलाया गया है। उन्होंने शिक्षा विभाग को आदेश देते हुए कहा कि अगले सत्र से पहले सभी कान्वेंट स्कूल प्रबंधन समिति को निर्देश दिए जाये कि वह आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के कोटे की खाली सीटों को इन बच्चों को प्रदान करें ताकि इन बच्चों को शिक्षा की बेहतर सुविधा उपलब्ध हो सके।
आफ्टर केयर योजना से तेईस बच्चे लाभान्वित
उपायुक्त ने कहा कि जिला में आफ्टर केयर योजना के तहत तेईस बच्चे लाभान्वित हुए हैं, जिसमें सोलह लड़कियां एवं सात लड़के शामिल है। इसके अतिरिक्त पालन पोषण देखभाल एवं प्रायोजन दोनों योजनाओं के तहत माता पिता को बच्चों की देखभाल के लिए चार हजार रूपये प्रदान किये जा रहे है तथा बच्चे के नाम पर पांच सौ रूपये की एफडी जामा की जा रही है। प्रायोजन के तहत जनवरी से जून,2024 तक 27 बच्चों को लाभान्वित किया गया है।
इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक शिमला संजीव कुमार गाँधी ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि यह बच्चों से जुड़ा हुआ गंभीर विषय है जिस पर सभी को तत्परता के साथ कार्य करने की आवश्यकता है ताकि किसी भी बच्चे को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
बैठक का संचालन जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग ममता पॉल ने किया।
इस अवसर पर उप निदेशक उच्च शिक्षा रमेश बालटू, स्वास्थ्य अधिकारी नगर निगम शिमला डॉ चेतन चौहान,श्रम अधिकारी सतीश कुमार , जिला कार्यक्रम प्रबंधक डी आर डी ए शिमला रुचि ठाकुर सहित सभी सीसीआई के प्रभारी एवं समिति के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
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