- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला ! अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी ने प्रदेश के अलग अलग जिलों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्य तेल की आपूर्ति ना होने पर सरकार की कड़ी निंदा करती है और यह लोगों को समय के अनुसार खाद्य तेल उपलब्ध नहीं करा पा रही है ।सरकार एक तरफ पीडीएस के राशन में मूल्य वृद्धि कर रही है दूसरी और खाद्य आपूर्ति विभाग कार्डधारकों को ईकेवाईसी के नाम पर धमका रहा और राशन कार्ड से नाम हटा रहा है और उनके राशन कार्ड को ब्लॉक किया जा रहा है जो अमानवीय है। खाद्य आपूर्ति विभाग को यह भी मालूम होना चाहिए कि जिन गरीब परिवारों के और महिलाओं को जिनके जन्म का पता और शादी का आसानी से रिकॉर्ड नहीं मिलता है उन्हें राशन कार्ड बनाने में कितनी परेशानिया आती है । दूसरी और केंद्र सरकार लगातार पीडीएस के बजट में कटौती कर इस प्रणाली को कमजोर कर बाजार पर निर्भरता को बढ़ाने का काम लगातार कर रही है। आज बाजार में ऊंचे दामों ने खाद्य असुरक्षा को बढ़ाया है क्योंकि आज परिवार अपने खाने में कटौती करने के लिए मजबूर है । गरीब महिलाएं इस स्थिति में खासतौर पर सबसे अधिक प्रभावित है । मूल्य वृद्धि की इस विकराल स्थिति में इस प्रणाली को और मजबूत करने की जरूरत है ताकि सभी को भरपुर भोजन मिल सके। बढ़ती मुद्रास्फीति के इस समय में सरकार को जमाखोरी और कालाबाजारी के ऊपर भी नियंत्रण करना चाहिए । आज ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत का स्थान 127 देशों में से 105 बे स्थान पर है । इसलिए सरकार को गोदामों में जो राशन पड़ा है उसे हर माह जनता को वितरित करना चाहिए ।इसलिए जनवादी महिला समिति एक बार फिर से सरकार से अपील करती है कि हिमाचल प्रदेश में पीडीएस के माध्यम से मिलने वाले खाद्य तेल को तुरंत बहाल किया जाए। क्योंकि बाजार में तेल के दाम बहुत ऊंचे है और खाद्य आपूर्ति विभाग लोगों को ई के वाई सी के नाम पर धमकाना बंद कर दे और सभी को समय के अनुसार ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में राशन मुहैया कराये तथा बायोमीट्रिक प्रणाली को समाप्त किया जाए अन्यथा जनवादी महिला समिति फिर से महिलाओं को लामबंद करके सरकार और विभाग के खिलाफ महिलाओं को लामबंद करेगी।
शिमला ! अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति हिमाचल प्रदेश राज्य कमेटी ने प्रदेश के अलग अलग जिलों में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत खाद्य तेल की आपूर्ति ना होने पर सरकार की कड़ी निंदा करती है और यह लोगों को समय के अनुसार खाद्य तेल उपलब्ध नहीं करा पा रही है ।सरकार एक तरफ पीडीएस के राशन में मूल्य वृद्धि कर रही है दूसरी और खाद्य आपूर्ति विभाग कार्डधारकों को ईकेवाईसी के नाम पर धमका रहा और राशन कार्ड से नाम हटा रहा है और उनके राशन कार्ड को ब्लॉक किया जा रहा है जो अमानवीय है। खाद्य आपूर्ति विभाग को यह भी मालूम होना चाहिए कि जिन गरीब परिवारों के और महिलाओं को जिनके जन्म का पता और शादी का आसानी से रिकॉर्ड नहीं मिलता है उन्हें राशन कार्ड बनाने में कितनी परेशानिया आती है ।
दूसरी और केंद्र सरकार लगातार पीडीएस के बजट में कटौती कर इस प्रणाली को कमजोर कर बाजार पर निर्भरता को बढ़ाने का काम लगातार कर रही है। आज बाजार में ऊंचे दामों ने खाद्य असुरक्षा को बढ़ाया है क्योंकि आज परिवार अपने खाने में कटौती करने के लिए मजबूर है । गरीब महिलाएं इस स्थिति में खासतौर पर सबसे अधिक प्रभावित है । मूल्य वृद्धि की इस विकराल स्थिति में इस प्रणाली को और मजबूत करने की जरूरत है ताकि सभी को भरपुर भोजन मिल सके।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
बढ़ती मुद्रास्फीति के इस समय में सरकार को जमाखोरी और कालाबाजारी के ऊपर भी नियंत्रण करना चाहिए । आज ग्लोबल हंगर इंडेक्स में भारत का स्थान 127 देशों में से 105 बे स्थान पर है । इसलिए सरकार को गोदामों में जो राशन पड़ा है उसे हर माह जनता को वितरित करना चाहिए ।इसलिए जनवादी महिला समिति एक बार फिर से सरकार से अपील करती है कि हिमाचल प्रदेश में पीडीएस के माध्यम से मिलने वाले खाद्य तेल को तुरंत बहाल किया जाए। क्योंकि बाजार में तेल के दाम बहुत ऊंचे है और खाद्य आपूर्ति विभाग लोगों को ई के वाई सी के नाम पर धमकाना बंद कर दे और सभी को समय के अनुसार ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में राशन मुहैया कराये तथा बायोमीट्रिक प्रणाली को समाप्त किया जाए अन्यथा जनवादी महिला समिति फिर से महिलाओं को लामबंद करके सरकार और विभाग के खिलाफ महिलाओं को लामबंद करेगी।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -