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शिमला ,21 अप्रैल [विशाल सूद ] ! प्रदेश में मौसम ने करवट बदली तो बादल कुछ के लिए बारिश में भर कर गर्मी से राहत और सुहावने मौसम का पैगाम लेकर आए. वहीं, दूसरी ओर कुछ क्षेत्रों में अंधड़ ओलावृष्टि ने किसानों बागवानों की मुसीबतें बढ़ा दी. बीते दिनों प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में मेघ जमकर बरसे. गुजरते अप्रैल के साथ पहाड़ों पर बर्फबारी देखने को मिली. वहीं, शिमला और ऊपरी क्षेत्रों में ओलावृष्टि ने बाग़वानो की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया। जिला शिमला के जुब्बल, कोटखाई, रोहड़ू, चौपाल और ठियोग सलीके सेब बहुल इलाकों में ओलावृष्टि ने फसलों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। ओलावृष्टि और बागवानों को हुए नुकसान पर कम्युनिस्ट नेता और ठियोग से पूर्व विधायक राकेश सिंघा खुलकर सामने आए। राकेश सिंह सरकार से फसलों के नुकसान को लेकर बागवानों को मुआवजा देने की मांग की है। सीपीआईएम नेता और पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने सरकार से किसान बाग़वानो को मुआवजा देने की मांग की है। राकेश सिंघा ने कहा कि सेब की फ़सल को करोड़ो का नुकसान हुआ है। राकेश सिंघा ने कहा कि इस महीने सेब सबसे नाजुक स्थिति मे है लेकिन ओलावृष्टि के कारण प्रदेश के बहुत से क्षेत्रों में सेब के पौधों मे से फूल झड़ गए हैं जो फसल आने का पहला कदम हैं। उन्होंने कहा की कोटखाई, रोहड़ू, चौपाल, ठियोग मे फसले पुरी तरह से खराब हो गई हैं। उन्होंने बताया की बलसन, नारकंडा मे 3-4 घंटे तक लगातार ओलावृष्टि होती रही। राकेश सिंघा ने सरकारों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बाग़वानो को आज तक मुआवजे के नाम पर अठन्नी भी नहीं मिली है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मंच से ही व्यवस्था परिवर्तन की बात करते आए हैं। ऐसे में राकेश सिंघा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि व्यवस्था बदलने वाली सरकार किसानों की मदद करे, अन्यथा इस सरकार और पूर्व की सरकार मे कोई अंतर नहीं रहेगा। उन्होंने कहा की फसलों के नुकसान का आंकलन करना कठिन है ऐसे में बागवानों को उनकी फसलों के लिए मुआवजा मिलना चाहिए। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला ,21 अप्रैल [विशाल सूद ] ! प्रदेश में मौसम ने करवट बदली तो बादल कुछ के लिए बारिश में भर कर गर्मी से राहत और सुहावने मौसम का पैगाम लेकर आए. वहीं, दूसरी ओर कुछ क्षेत्रों में अंधड़ ओलावृष्टि ने किसानों बागवानों की मुसीबतें बढ़ा दी. बीते दिनों प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में मेघ जमकर बरसे. गुजरते अप्रैल के साथ पहाड़ों पर बर्फबारी देखने को मिली. वहीं, शिमला और ऊपरी क्षेत्रों में ओलावृष्टि ने बाग़वानो की फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया। जिला शिमला के जुब्बल, कोटखाई, रोहड़ू, चौपाल और ठियोग सलीके सेब बहुल इलाकों में ओलावृष्टि ने फसलों को बुरी तरह से प्रभावित किया है। ओलावृष्टि और बागवानों को हुए नुकसान पर कम्युनिस्ट नेता और ठियोग से पूर्व विधायक राकेश सिंघा खुलकर सामने आए। राकेश सिंह सरकार से फसलों के नुकसान को लेकर बागवानों को मुआवजा देने की मांग की है।
सीपीआईएम नेता और पूर्व विधायक राकेश सिंघा ने सरकार से किसान बाग़वानो को मुआवजा देने की मांग की है। राकेश सिंघा ने कहा कि सेब की फ़सल को करोड़ो का नुकसान हुआ है। राकेश सिंघा ने कहा कि इस महीने सेब सबसे नाजुक स्थिति मे है लेकिन ओलावृष्टि के कारण प्रदेश के बहुत से क्षेत्रों में सेब के पौधों मे से फूल झड़ गए हैं जो फसल आने का पहला कदम हैं। उन्होंने कहा की कोटखाई, रोहड़ू, चौपाल, ठियोग मे फसले पुरी तरह से खराब हो गई हैं। उन्होंने बताया की बलसन, नारकंडा मे 3-4 घंटे तक लगातार ओलावृष्टि होती रही।
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राकेश सिंघा ने सरकारों को कटघरे में खड़ा करते हुए कहा कि बाग़वानो को आज तक मुआवजे के नाम पर अठन्नी भी नहीं मिली है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू मंच से ही व्यवस्था परिवर्तन की बात करते आए हैं। ऐसे में राकेश सिंघा ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि व्यवस्था बदलने वाली सरकार किसानों की मदद करे, अन्यथा इस सरकार और पूर्व की सरकार मे कोई अंतर नहीं रहेगा। उन्होंने कहा की फसलों के नुकसान का आंकलन करना कठिन है ऐसे में बागवानों को उनकी फसलों के लिए मुआवजा मिलना चाहिए।
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