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शिमला , 28 अक्टूबर ! ज्योग्राफिकल सोसाइटी ऑफ हिमाचल प्रदेश* का एक प्रतिनिधि मण्डल आज 28 अक्टूबर सोमवार को महामहिम राज्यपाल सरकार हिमाचल प्रदेश से मिला और भूगोल जैसे अति महत्वपूर्ण भूगोल विषय जो सामाजिक विज्ञान का मूल आधार है इसकी प्रासंगिकता और महत्व के बारे में अवगत करवाया। सोसाइटी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के मात्र तेरह प्रतिशत विद्यालयों में ओर चवालीस प्रतिशत महाविद्यालयों में भूगोल विषय पढ़ाया जा रहा है जिसमें से भी बहुत से पद भूगोल प्रवक्ताओं के रिक्त चल रहे है। अतः महामहिम राज्यपाल से हिमाचल प्रदेश सोसाइटी अनुरोध करती है कि इस रोजगार प्रदान करने वाले वैज्ञानिक प्रयोगात्मक विषय को शैक्षणिक सत्र-2025 के आरम्भ में हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक विद्यालय व महाविद्यालय में अनिवार्य विषय के रूप में शुरू करवाया जाए। सामाजिक विज्ञान में इतिहास, राजनैतिक शास्त्र जो अनिवार्य विषय है उनसे भी विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है जोकि वर्तमान में एक ऑप्शन विषय के रूप में कुछ ही विद्यालयों में पढ़ाया जा रहा जो कि अत्यन्त गंभीर विषय है। ज्योग्राफिकल सोसाइटी ऑफ हिमाचल प्रदेश का मानना है कि भूगोल शास्त्र विषय इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनैतिक शास्त्र से अधिक महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि किसी भी समाज का इतिहास वहां की अर्थव्यवस्था ओर वहां की सरकार (गवर्नेस) भूगोल पर ही आधारित है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार भी हर प्रकार के विषयों का पढ़ाना बहुत जरूरी है और भूगोल शास्त्र एक रोज़गार देने वाला विषय है, ओर इसका महत्व संघ लोक सेवा आयोग ओर राज्य लोक सेवा आयोग की उच्च स्तरीय परीक्षाओं में भी बहुत है, साथ ही भारत के संदर्भ में अर्बन प्लानिंग, एनवायरनमेंटल प्लानिंग, सर्विंग, ओर कंट्री ओर टाऊन प्लानिंग आदि में भी भूगोल विषय बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखे है। अतः भूगोल विषय को प्रत्येक विद्यालय ओर महाविद्यालय में शुरू करने और सोसाइटी के अन्य शैक्षणिक सकारात्मक कार्यों जैसे राष्ट्रीय सेमीनार वर्कशॉप आदि के आयोजन ओर की जानकारी देगा। प्रतिनिधि मण्डल में सोसाइटी के अध्यक्ष प्रोफेसर डी डी शर्मा, सोसाइटी के सेक्रेटरी जनरल डॉक्टर बी आर ठाकुर, डॉ सीमा चौधरी, डॉ पूरन चन्द, दीक्षित गर्ग, प्रो. दीक्षित गर्ग, प्रो. भारती भागरा, निरुपमा, मौजूद रहेंगे। ये जानकारी सोसाइटी के प्रैस सचिव धीरज सिंह ने दी।
शिमला , 28 अक्टूबर ! ज्योग्राफिकल सोसाइटी ऑफ हिमाचल प्रदेश* का एक प्रतिनिधि मण्डल आज 28 अक्टूबर सोमवार को महामहिम राज्यपाल सरकार हिमाचल प्रदेश से मिला और भूगोल जैसे अति महत्वपूर्ण भूगोल विषय जो सामाजिक विज्ञान का मूल आधार है इसकी प्रासंगिकता और महत्व के बारे में अवगत करवाया।
सोसाइटी ने बताया कि हिमाचल प्रदेश के मात्र तेरह प्रतिशत विद्यालयों में ओर चवालीस प्रतिशत महाविद्यालयों में भूगोल विषय पढ़ाया जा रहा है जिसमें से भी बहुत से पद भूगोल प्रवक्ताओं के रिक्त चल रहे है।
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अतः महामहिम राज्यपाल से हिमाचल प्रदेश सोसाइटी अनुरोध करती है कि इस रोजगार प्रदान करने वाले वैज्ञानिक प्रयोगात्मक विषय को शैक्षणिक सत्र-2025 के आरम्भ में हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक विद्यालय व महाविद्यालय में अनिवार्य विषय के रूप में शुरू करवाया जाए।
सामाजिक विज्ञान में इतिहास, राजनैतिक शास्त्र जो अनिवार्य विषय है उनसे भी विषय अत्यंत महत्वपूर्ण है जोकि वर्तमान में एक ऑप्शन विषय के रूप में कुछ ही विद्यालयों में पढ़ाया जा रहा जो कि अत्यन्त गंभीर विषय है।
ज्योग्राफिकल सोसाइटी ऑफ हिमाचल प्रदेश का मानना है कि भूगोल शास्त्र विषय इतिहास, अर्थशास्त्र, राजनैतिक शास्त्र से अधिक महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि किसी भी समाज का इतिहास वहां की अर्थव्यवस्था ओर वहां की सरकार (गवर्नेस) भूगोल पर ही आधारित है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार भी हर प्रकार के विषयों का पढ़ाना बहुत जरूरी है और भूगोल शास्त्र एक रोज़गार देने वाला विषय है, ओर इसका महत्व संघ लोक सेवा आयोग ओर राज्य लोक सेवा आयोग की उच्च स्तरीय परीक्षाओं में भी बहुत है, साथ ही भारत के संदर्भ में अर्बन प्लानिंग, एनवायरनमेंटल प्लानिंग, सर्विंग, ओर कंट्री ओर टाऊन प्लानिंग आदि में भी भूगोल विषय बहुत महत्वपूर्ण स्थान रखे है।
अतः भूगोल विषय को प्रत्येक विद्यालय ओर महाविद्यालय में शुरू करने और सोसाइटी के अन्य शैक्षणिक सकारात्मक कार्यों जैसे राष्ट्रीय सेमीनार वर्कशॉप आदि के आयोजन ओर की जानकारी देगा। प्रतिनिधि मण्डल में सोसाइटी के अध्यक्ष प्रोफेसर डी डी शर्मा, सोसाइटी के सेक्रेटरी जनरल डॉक्टर बी आर ठाकुर, डॉ सीमा चौधरी, डॉ पूरन चन्द, दीक्षित गर्ग, प्रो. दीक्षित गर्ग, प्रो. भारती भागरा, निरुपमा, मौजूद रहेंगे। ये जानकारी सोसाइटी के प्रैस सचिव धीरज सिंह ने दी।
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