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शिमला , 12 नवंबर ! आज अतिरिक्त प्रधान सचिव(वन) के. के. पंत, .की अध्यक्षता में हिमाचल प्रदेश ईको टूरिज़्म सोसाइटी की कार्यकारिणी समिति की 16वीं बैठक सचिवालय शिमला में आयोजित की गई जिसमें अनेक मुद्दों पर चर्चा की गई।मुख्यतः 6 ईको टूरिज़्म साइट्स जिनकी निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर ली गयी थी और आबंटन के लिए सरकार की सहमति प्राप्त करना शेष था जिसकी मंजूरी आज इस बैठक में आधिकारिक रूप से प्राप्त हो गयी है। अतिरिक्त प्रधान सचिव,वन ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इन ईको टूरिज़्म साइट्स का संचालित करने का मुख्य उद्देश्य वन संपदा का संरक्षण करते हुए प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करना,नए रोजगार के अवसर सृजित करना और प्रदेश में ईको टूरिज़्म को बढावा देना होना चाहिए। 6 ईको टूरिज़्म साइट्स में कैसधार कुल्लू,कसोल कुल्लू, बिंद्रावानी ,कुल्लू बिर बिलिंग,पालमपुर सोलंगनाला कुल्लू और सूमारोपा कुल्लू ईको टूरिज़्म साइट्स शामिल हैं। साथ ही बैठक में उन्होने देश-प्रदेश से आने वाले पर्यटक को वन विभाग के वन विश्राम गृह में मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए। उन्होंने प्रमुखता से जोर देते हुए कहा कि अधिकतर फॉरेस्ट रेस्ट हाऊसस रिमोट एरिया में स्थापित हैं इनका जीर्णोद्धार पर्यटकों की सहूलियत के हिसाब से होना चाहिए साथ ही उन्हें मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएं। 245 ट्रैकिंग रूट्स को तीन वर्गों हार्ड , मीडियम और ईजी में चिन्हित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए । प्रधान मुख्य वन अरण्यपाल(वन बल प्रमुख)डॉ पावनेश शर्मा,प्रधान मुख्य वन अरण्यपाल,वन्य प्राणी श्री अमिताभ गौतम, श्री संजय सूद,अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन अरण्यपाल(ई. टू.) मुख्य वन अरण्यपाल शिमला श्री के थिरूमल,वन अरण्यपाल कुल्लू श्रीं संदीप शर्मा, अरुण जयसवाल और संजीव गांधी गैर सरकारी मेंबर ईको टूरिज़्म सो. डॉ सरोज वर्मा, वन मंडल अधिकारी, ईको टूरिज़्म तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस मीटिंग में मौजूद रहे।
शिमला , 12 नवंबर ! आज अतिरिक्त प्रधान सचिव(वन) के. के. पंत, .की अध्यक्षता में हिमाचल प्रदेश ईको टूरिज़्म सोसाइटी की कार्यकारिणी समिति की 16वीं बैठक सचिवालय शिमला में आयोजित की गई जिसमें अनेक मुद्दों पर चर्चा की गई।मुख्यतः 6 ईको टूरिज़्म साइट्स जिनकी निविदा प्रक्रिया पूर्ण कर ली गयी थी और आबंटन के लिए सरकार की सहमति प्राप्त करना शेष था जिसकी मंजूरी आज इस बैठक में आधिकारिक रूप से प्राप्त हो गयी है।
अतिरिक्त प्रधान सचिव,वन ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि इन ईको टूरिज़्म साइट्स का संचालित करने का मुख्य उद्देश्य वन संपदा का संरक्षण करते हुए प्रदेश की आर्थिकी को सुदृढ़ करना,नए रोजगार के अवसर सृजित करना और प्रदेश में ईको टूरिज़्म को बढावा देना होना चाहिए। 6 ईको टूरिज़्म साइट्स में कैसधार कुल्लू,कसोल कुल्लू, बिंद्रावानी ,कुल्लू बिर बिलिंग,पालमपुर सोलंगनाला कुल्लू और सूमारोपा कुल्लू ईको टूरिज़्म साइट्स शामिल हैं। साथ ही बैठक में उन्होने देश-प्रदेश से आने वाले पर्यटक को वन विभाग के वन विश्राम गृह में मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
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उन्होंने प्रमुखता से जोर देते हुए कहा कि अधिकतर फॉरेस्ट रेस्ट हाऊसस रिमोट एरिया में स्थापित हैं इनका जीर्णोद्धार पर्यटकों की सहूलियत के हिसाब से होना चाहिए साथ ही उन्हें मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जाएं। 245 ट्रैकिंग रूट्स को तीन वर्गों हार्ड , मीडियम और ईजी में चिन्हित करने के निर्देश भी अधिकारियों को दिए ।
प्रधान मुख्य वन अरण्यपाल(वन बल प्रमुख)डॉ पावनेश शर्मा,प्रधान मुख्य वन अरण्यपाल,वन्य प्राणी श्री अमिताभ गौतम, श्री संजय सूद,अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन अरण्यपाल(ई. टू.) मुख्य वन अरण्यपाल शिमला श्री के थिरूमल,वन अरण्यपाल कुल्लू श्रीं संदीप शर्मा, अरुण जयसवाल और संजीव गांधी गैर सरकारी मेंबर ईको टूरिज़्म सो. डॉ सरोज वर्मा, वन मंडल अधिकारी, ईको टूरिज़्म तथा अन्य वरिष्ठ अधिकारी इस मीटिंग में मौजूद रहे।
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