- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में हमीरपुर छात्र संघ के एक समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश में 5जी तकनीक के बाद अब राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के शिक्षण संस्थानों में नए तकनीकी पाठ्यक्रम भी शुरू करने जा रही है, ताकि भविष्य में युवाओं को बेहतर रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें। उन्होंने कहा कि रोबोटिक्स, ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी, साइबर सुरक्षा, क्लाउड कंप्यूटिंग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे पाठ्यक्रम युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए चरणबद्ध तरीके से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल शुरू किए जा रहे हैं। इनमें प्री-नर्सरी कक्षाएं भी शुरू की जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए राज्य सरकार ने 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है ताकि गरीब छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा से वंचित न रहें। इसके लिए उन्हें एक प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने कहा कि 6000 अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ दि स्टेट’ का दर्जा देकर उन्हें कानूनी अधिकार दिए गए हैं। इन बच्चांें की 27 वर्ष की आयु तक देखभाल करना सरकार की जिम्मेदारी होगी। इन बच्चों की फीस, छात्रावास का खर्च, 4000 रुपये प्रति माह जेब खर्च, कपड़ा भत्ता और त्योहार भत्ते के साथ-साथ वर्ष में एक बार 15 दिन के एक्सपोजर विजिट का खर्च भी राज्य सरकार वहन करेगी। ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों को गुणवत्ता सुनिश्चिित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को 50 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अनुदान दिया गया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने संसाधनों का सही इस्तेमाल नहीं किया, जिससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति खराब हुई है। लेकिन वर्तमान सरकार ने व्यवस्था को दुरुस्त करने का संकल्प लिया है और आर्थिक सूझबूझ भरे फैसले लेकर अगले चार वर्षों में हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का हरित बजट इसी दिशा में उठाया गया कदम है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वे भी इसी विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं और यहीं से कानून की पढ़ाई की है। उन्होंने कहा कि उनके साथ अध्ययन करने वाले कई छात्र राजनीति के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के समय से उनके कई सहयोगी इस विश्वविद्यालय में प्राध्यापक के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए अपने अतीत को याद रखना जरूरी है। हिमाचल प्रदेश की समृद्ध संस्कृति को संजोए रखना भी युवा पीढ़ी का दायित्व है। मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए हमीरपुर छात्र संघ को भी बधाई दी। मुख्यमंत्री के विश्वविद्यालय आगमन पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक हरीश जनारथा और चैतन्य शर्मा, कांग्रेस नेता रजनीश किमटा, अतिरिक्त उपायुक्त शिमला शिवम प्रताप सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शिमला में हमीरपुर छात्र संघ के एक समारोह की अध्यक्षता करते हुए कहा कि प्रदेश में 5जी तकनीक के बाद अब राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव लाने जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार राज्य के शिक्षण संस्थानों में नए तकनीकी पाठ्यक्रम भी शुरू करने जा रही है, ताकि भविष्य में युवाओं को बेहतर रोजगार और स्वरोजगार के अवसर प्राप्त हो सकें। उन्होंने कहा कि रोबोटिक्स, ब्लॉक चेन टेक्नोलॉजी, साइबर सुरक्षा, क्लाउड कंप्यूटिंग डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे पाठ्यक्रम युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने के लिए चरणबद्ध तरीके से प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में राजीव गांधी डे-बोर्डिंग स्कूल शुरू किए जा रहे हैं। इनमें प्री-नर्सरी कक्षाएं भी शुरू की जाएंगी। उन्होंने कहा कि इस महत्वाकांक्षी योजना के लिए राज्य सरकार ने 300 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है ताकि गरीब छात्र-छात्राएं उच्च शिक्षा से वंचित न रहें। इसके लिए उन्हें एक प्रतिशत ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
उन्होंने कहा कि 6000 अनाथ बच्चों को ‘चिल्ड्रन ऑफ दि स्टेट’ का दर्जा देकर उन्हें कानूनी अधिकार दिए गए हैं। इन बच्चांें की 27 वर्ष की आयु तक देखभाल करना सरकार की जिम्मेदारी होगी। इन बच्चों की फीस, छात्रावास का खर्च, 4000 रुपये प्रति माह जेब खर्च, कपड़ा भत्ता और त्योहार भत्ते के साथ-साथ वर्ष में एक बार 15 दिन के एक्सपोजर विजिट का खर्च भी राज्य सरकार वहन करेगी।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार उच्च शिक्षा के क्षेत्र में विद्यार्थियों को गुणवत्ता सुनिश्चिित करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय को 50 करोड़ रुपये का अतिरिक्त अनुदान दिया गया है। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने संसाधनों का सही इस्तेमाल नहीं किया, जिससे प्रदेश की आर्थिक स्थिति खराब हुई है। लेकिन वर्तमान सरकार ने व्यवस्था को दुरुस्त करने का संकल्प लिया है और आर्थिक सूझबूझ भरे फैसले लेकर अगले चार वर्षों में हिमाचल प्रदेश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाया जाएगा। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार का हरित बजट इसी दिशा में उठाया गया कदम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वे भी इसी विश्वविद्यालय के छात्र रहे हैं और यहीं से कानून की पढ़ाई की है। उन्होंने कहा कि उनके साथ अध्ययन करने वाले कई छात्र राजनीति के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं। विश्वविद्यालय के समय से उनके कई सहयोगी इस विश्वविद्यालय में प्राध्यापक के रूप में कार्यरत हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए अपने अतीत को याद रखना जरूरी है। हिमाचल प्रदेश की समृद्ध संस्कृति को संजोए रखना भी युवा पीढ़ी का दायित्व है।
मुख्यमंत्री ने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए हमीरपुर छात्र संघ को भी बधाई दी। मुख्यमंत्री के विश्वविद्यालय आगमन पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया।
लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर, विधायक हरीश जनारथा और चैतन्य शर्मा, कांग्रेस नेता रजनीश किमटा, अतिरिक्त उपायुक्त शिमला शिवम प्रताप सिंह और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -