!!"गर्दन की सर्जरी त्वचा में एक छोटा चीरा लगाकर की गई और ट्यूमर को हटाने के बाद जीभ का पुनर्निर्माण किया गया"!!
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शिमला, 30 सितंबर,[ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! फोर्टिस अस्पताल मोहाली के हेड एंड नेक सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग ने एक जटिल जीभ पुनर्निर्माण सर्जरी के माध्यम से (स्टेज 2) दुर्लभ जीभ कैंसर से पीड़ित 40 वर्षीय रोगी का सफलतापूर्वक इलाज किया। डॉ. कुलदीप ठाकुर, कंसल्टेंट, हेड एंड नेक सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने गर्दन के डिसेक्शन और रि कंस्ट्रक्शन के साथ-साथ जीभ और मसूड़ों का पार्शियल रिसेक्शन किया। यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मरीज के मुंह में मौजूद सभी रोगग्रस्त ऊतक को मरीज के चेहरे पर कोई चीरा लगाए बिना ही निकाल दिया गया। गर्दन की सर्जरी त्वचा में एक छोटा सा चीरा लगाकर की गई और ट्यूमर को निकालने के बाद जीभ का सफलतापूर्वक पुनर्निर्माण किया गया। मरीज पिछले 10 महीनों से जीभ के एक तरफ के घाव से पीड़ित था जो ठीक नहीं हो रहा था। उन्हें बोलने में दिक्कत के साथ-साथ खाना चबाने में भी परेशानी हो रही थी। लक्षण और भी बदतर हो गए और जीभ पर एक नुकीला दांत गड़ गया। मरीज ने शहर के एक अन्य अस्पताल में बायोप्सी कराई, जिससे तेजी से फैल रहे कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी की तत्काल आवश्यकता का पता चला। इसके बाद मरीज ने फोर्टिस अस्पताल मोहाली में डॉ. कुलदीप ठाकुर से संपर्क किया, जहां जीभ और गर्दन की एमआरआई से स्टेज 2 जीभ कैंसर की पुष्टि हुई, जो आस-पास के मसूड़ों को भी प्रभावित कर रहा था। व्यापक चिकित्सा जांच के बाद, रोगी की गर्दन का डिससेक्शन और रिकंस्ट्रक्शन के साथ-साथ आंशिक जीभ और मसूड़े की सर्जरी की गई। आमतौर पर ऐसे मामलों में, कैंसर सर्जन सर्जरी के बाद बोलने और निगलने में कठिनाई की आशंका जताते हैं। हालांकि, इस विशेष मामले में, रोगी को ऐसी किसी भी जटिलता का सामना नहीं करना पड़ा और सर्जरी के चार दिन बाद उसे छुट्टी दे दी गई। तब से वह पूरी तरह से ठीक हो गया है और सामान्य जीवन जी रहा है। अंतिम हिस्टोपैथोलॉजी रिपोर्ट में ट्यूमर के साथ-साथ गर्दन के नोड्स को भी ट्यूमर-मुक्त करके पूरी तरह से हटा दिया गया। मामले पर चर्चा करते हुए डॉ. ठाकुर ने कहा, "यह मामला जटिल था क्योंकि ट्यूमर ने युवा रोगी की जीभ और मसूड़ों को प्रभावित किया था। हालांकि, सर्जरी सफल रही और रोगी ने बोलना सीख लिया है और आसानी से खाना खा पा रहा है। वह आज कैंसर मुक्त और स्वस्थ जीवन जी रहा है। एक समर्पित हेड और नेक कैंसर सर्जन ट्यूमर को पूरी तरह से हटाने, उचित पुनर्निर्माण और उपचार के दौरान और बाद में सर्वोत्तम संभव पुनर्वास सुनिश्चित करता है।" डॉ. कुलदीप ठाकुर ने जटिल सिर और गर्दन के कैंसर के सर्जिकल प्रबंधन में व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त किया है। वह अब तक 1,000 से अधिक सफल सर्जरी कर चुके हैं।
शिमला, 30 सितंबर,[ ब्यूरो रिपोर्ट ] ! फोर्टिस अस्पताल मोहाली के हेड एंड नेक सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग ने एक जटिल जीभ पुनर्निर्माण सर्जरी के माध्यम से (स्टेज 2) दुर्लभ जीभ कैंसर से पीड़ित 40 वर्षीय रोगी का सफलतापूर्वक इलाज किया। डॉ. कुलदीप ठाकुर, कंसल्टेंट, हेड एंड नेक सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, फोर्टिस हॉस्पिटल, मोहाली के नेतृत्व में डॉक्टरों की टीम ने गर्दन के डिसेक्शन और रि कंस्ट्रक्शन के साथ-साथ जीभ और मसूड़ों का पार्शियल रिसेक्शन किया।
यह मामला इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि मरीज के मुंह में मौजूद सभी रोगग्रस्त ऊतक को मरीज के चेहरे पर कोई चीरा लगाए बिना ही निकाल दिया गया। गर्दन की सर्जरी त्वचा में एक छोटा सा चीरा लगाकर की गई और ट्यूमर को निकालने के बाद जीभ का सफलतापूर्वक पुनर्निर्माण किया गया।
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मरीज पिछले 10 महीनों से जीभ के एक तरफ के घाव से पीड़ित था जो ठीक नहीं हो रहा था। उन्हें बोलने में दिक्कत के साथ-साथ खाना चबाने में भी परेशानी हो रही थी। लक्षण और भी बदतर हो गए और जीभ पर एक नुकीला दांत गड़ गया। मरीज ने शहर के एक अन्य अस्पताल में बायोप्सी कराई, जिससे तेजी से फैल रहे कैंसर के इलाज के लिए सर्जरी की तत्काल आवश्यकता का पता चला।
इसके बाद मरीज ने फोर्टिस अस्पताल मोहाली में डॉ. कुलदीप ठाकुर से संपर्क किया, जहां जीभ और गर्दन की एमआरआई से स्टेज 2 जीभ कैंसर की पुष्टि हुई, जो आस-पास के मसूड़ों को भी प्रभावित कर रहा था। व्यापक चिकित्सा जांच के बाद, रोगी की गर्दन का डिससेक्शन और रिकंस्ट्रक्शन के साथ-साथ आंशिक जीभ और मसूड़े की सर्जरी की गई। आमतौर पर ऐसे मामलों में, कैंसर सर्जन सर्जरी के बाद बोलने और निगलने में कठिनाई की आशंका जताते हैं।
हालांकि, इस विशेष मामले में, रोगी को ऐसी किसी भी जटिलता का सामना नहीं करना पड़ा और सर्जरी के चार दिन बाद उसे छुट्टी दे दी गई। तब से वह पूरी तरह से ठीक हो गया है और सामान्य जीवन जी रहा है। अंतिम हिस्टोपैथोलॉजी रिपोर्ट में ट्यूमर के साथ-साथ गर्दन के नोड्स को भी ट्यूमर-मुक्त करके पूरी तरह से हटा दिया गया।
मामले पर चर्चा करते हुए डॉ. ठाकुर ने कहा, "यह मामला जटिल था क्योंकि ट्यूमर ने युवा रोगी की जीभ और मसूड़ों को प्रभावित किया था। हालांकि, सर्जरी सफल रही और रोगी ने बोलना सीख लिया है और आसानी से खाना खा पा रहा है। वह आज कैंसर मुक्त और स्वस्थ जीवन जी रहा है। एक समर्पित हेड और नेक कैंसर सर्जन ट्यूमर को पूरी तरह से हटाने, उचित पुनर्निर्माण और उपचार के दौरान और बाद में सर्वोत्तम संभव पुनर्वास सुनिश्चित करता है।"
डॉ. कुलदीप ठाकुर ने जटिल सिर और गर्दन के कैंसर के सर्जिकल प्रबंधन में व्यापक प्रशिक्षण प्राप्त किया है। वह अब तक 1,000 से अधिक सफल सर्जरी कर चुके हैं।
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